गौ संरक्षण के लिए गौमाता को राज्य माता घोषित करें : संगीता शर्मा



प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख याद दिलाया कर्तव्य

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुश्री संगीता शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर गौमाता को राज्य माता घोषित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सुश्री शर्मा ने कहा है कि आप गौ प्रेमी हैं। आपने गौमाता के हित के लिए कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं की हैं। इसी संदर्भ में मैं यह पत्र आपको लिखा है। वर्तमान समय में मध्यप्रदेश में गौमाता की जो दुर्दशा है उससे आप वाकिफ जरूर होंगे। हर रोज सड़कों पर गाएं बड़े वाहनों से कुचल कर मर रही हैं। इन दुर्घटना में  ज़ख़्मी गौवंश को तो इलाज तक नहीं मिल रहा है। आपकी सरकार का दावा है कि प्रदेश की गौशालों में चारे और पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी और सरकार द्वारा पोषित गौशालाओं में गाएं भूख और प्यास से तड़प तड़पकर दम तोड़ रही हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने लिखा है कि भाजपा सरकार गौ संरक्षण और गौ संवर्धन के लिए बड़े बड़े कदम उठाने का दावा भी लगातार कर रही है। हो सकता है कि सरकारी कागजों में यह काम जोर शोर से चल रहा हो, लेकिन वास्तव में गाय भूखी की भूखी है। उसे न चारा मिल रहा है और न पानी। सरकार द्वारा दी जा रही सहायता कथित गौ सेवक डकार जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि सतर्क नजर या तो उसे देख नहीं पा रही है या फिर आप भी इसे अनदेखा कर रहे हैं ?

भोपाल की स्थिति जस की तस 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री शर्मा ने पत्र में उल्लेख किया है कि मध्यप्रदेश सरकार व नगर निगम के अधीन स्थित शासकीय पशु आश्रय गृह भोपाल की⁴ स्थिति मैंने खुद मौके पर जाकर देखी है। व्यवस्था की लापरवाही और प्रशासनिक अनदेखी के कारण वहां की स्थिति अति दयनीय थी। मैंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर खुद आवाज़ उठाई थी।  इसके बाद कुछ प्रशासनिक अधिकारी वहाँ निरीक्षण करने पहुँचे थे। गौशाला में सुधार की तमाम बातें भी की गई थीं। पर अफसोस के साथ आपसे कहना पड़ रहा है कि वहाँ की स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। 

चारों शंकराचार्य भी गौमाता की रक्षा के लिए सक्रिय 

मुख्यमंत्री डॉ यादव को लिखे पत्र में सुश्री शर्मा ने कहा कि गौमाता की रक्षा के लिए देश के चारों पीठ के शंकराचार्य भी सक्रिय हैं। उन्होंने गौमाता को राज्यमाता का दर्जा देने की भी मांग सरकार से की है। सुश्री शर्मा ने कहा कि शंकराचार्य श्री 1008 अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज गत 8 अक्टूबर को राजधानी आए थे। उन्होंने गौमाता को राज्यमाता घोषित करने एवं  गाय को पशु सूची से हटाने का सरकार से आग्रह भी किया गया था। उनके संरक्षण में गौमाता को राज्य माता घोषित करने का एक संकल्प पारित किया गया था। इसके बाद भी मुख्यमंत्री ने उक्त संबंध में कोई निर्णय  अभी तक नहीं लिया है। 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बनवाई थी 1000 गौशाला

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सुश्री शर्मा ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी गौवंश की ऐसी ही दुर्दशा को लेकर चिंतित हैं। उनके द्वारा प्रदेश में 1000 गौशालाओं का निर्माण कराया गया था, परंतु आज भाजपा की सरकार उन गौशालाओं का रखरखाव भी नहीं कर पा रही है। यह स्थिति बेहद दुखद और निंदनीय है । सुश्री शर्मा ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का प्रदेश में गायों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा है कि जल्द से जल्द गौमाता को राज्यमाता का दर्जा देने एवं पशु सूची से उनका नाम हटाए क्योंकि गौमाता हमारी आस्था और विश्वास की प्रतीक हैं।

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