भोपाल। भारतीय उद्योग और समाज पर रतन टाटा के गहरे प्रभाव को रेखांकित करने वाली एक भावपूर्ण सभा में बीजेपी प्रोफेशनल सेल भोपाल, एसोसिएशन फॉर सस्टेनेबल रूरल एम्पावरमेंट (एएसआरई) और ग्राम्या ने मिलकर रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम में एक दूरदर्शी व्यापारिक व्यक्ति, परोपकारी और नैतिक पूंजीवाद के रोल मॉडल के रूप में टाटा के उल्लेखनीय योगदान हैं । रतन टाटा, परिवर्तन और अखंडता का पर्याय, न केवल उनके व्यावसायिक कौशल के लिए बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए भी पूजनीय थे। भारतीय व्यापार समुदाय उस अग्रणी के निधन पर शोक मना रहा है जिसके नेतृत्व ने उद्यमियों और कॉर्पोरेट अधिकारियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनके प्रयास सूचना प्रौद्योगिकी, इस्पात, ऑटोमोबाइल और आतिथ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों के परिदृश्य को नया आकार देने में सहायक रहे हैं। सभा में भाजपा प्रोफेशनल सेल के प्रतिष्ठित पदाधिकारी जैसे एडवोकेट आभास जैन, एडवोकेट योगेश साहू, इंजी. शामिल थे। रानी ठाकुर, पूर्वा शर्मा त्रिवेदी और रामेश्वर भार्गव। प्रत्येक वक्ता ने टाटा के बहुमुखी योगदान पर प्रकाश डाला और उन्हें नैतिक पूंजीवाद के आदर्श और विनम्रता के आदर्श के रूप में सराहा।
इंजी. पुष्पराज श्रीवास्तव जिला संयोजक, भोपाल, इंजी. विकास बोंद्रिया (प्रदेश संयोजक, व्यावसायिक प्रकोष्ठ), और इंजी. अनुपम चौकसे (प्रदेश सह संयोजक, व्यावसायिक प्रकोष्ठ) ने कहा, रतन टाटा ने ईमानदारी, विनम्रता और सामाजिक जिम्मेदारी को अपनाते हुए व्यवसाय में सफलता के सार का उदाहरण दिया। नैतिक पूंजीवाद की उनकी अवधारणा और सामाजिक भलाई के लिए व्यवसाय को एक ताकत के रूप में बढ़ावा देने के उनके प्रयासों ने देश भर में कई लोगों को गहराई से प्रेरित किया है।
एसोसिएशन फॉर सस्टेनेबल रूरल एम्पावरमेंट (एएसआरई) के अध्यक्ष डॉ. पंकज शुक्ला ने टाटा की परोपकारी पहलों की सराहना की, खासकर टाटा ट्रस्ट के माध्यम से, जिसका स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और ग्रामीण विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। डॉ. शुक्ला ने टिप्पणी की, दान में उनके योगदान ने अनगिनत जिंदगियों को प्रभावित किया है और समाज के उत्थान के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। श्री। टाटा ने न केवल विविधतापूर्ण टाटा समूह को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नेतृत्व किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की ब्रांड इक्विटी को भी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया।
चर्चा में उद्यमिता को बढ़ावा देने में टाटा की आवश्यक भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। उन्होंने कई स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया, मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान किए जिससे ये उद्यम फलने-फूलने में सक्षम हुए। उपस्थित लोगों ने कहा, "उनके दृष्टिकोण और समर्थन ने कई लोगों को नवीन समाधान तलाशने के लिए प्रेरित किया है, जिससे अंततः भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बदलाव आया है।" उद्यमिता की यह विरासत अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने में टाटा के विश्वास का प्रमाण है। यह श्रद्धांजलि केवल एक स्मरण नहीं बल्कि टाटा के आदर्शों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता थी। यह स्पष्ट है कि रतन टाटा का योगदान आने वाले वर्षों तक गूंजता रहेगा, व्यक्तियों और संगठनों को समान रूप से प्रेरित करेगा।
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