जेल के अन्दर का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर जेल की सुरक्षा के साथ किया खिलवाड़ : मिर्ची बाबा



मिर्ची बाबा ने केंद्रीय जेल अधीक्षक के कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

कहा, कैदियों के पेट काटकर उनकी स्वंत्रता और गरिमा तथा जेल की गोपनीयता कर रहे भंग

भोपाल। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने केंद्रीय जेल भोपाल के अधीक्षक पर कैदियों के पेट काटकर उनकी स्वंत्रता और गरिमा तथा जेल की गोपनीयता कर रहे भंग करने का आरोप लगाया है। मिर्ची बाबा ने कहा कि मुझे विशेष सूत्रों के माध्यम से पता चला है कि जेल में बंद कैदियों के पेट का हक काट कर जेल अधीक्षक ने कथावाचक  अनिरुद्धाचार्य की कथा का आयोजन केंद्रीय जेल में किया गया एवं कथा के दौरान संबंधित कैदियों से समव्यावहार व बातचीत का वार्तालाप कथावाचक के यूट्यूब चैनल पर भी चलाया जा रहा है । मिर्ची बाबा ने कहा कि केन्द्रीय जेल भोपाल में वर्ष 2023 में कथावाचक हरि ठाकुर चंडीगढ़ एवं वर्ष 2024 में कथावाचक आचार्य अनिरुद्धाचार्य की बड़े स्तर पर दो भागवत कथाओं का आयोजन किया गया था। सवाल यह उठता है कि आयोजन में खर्च की गई राशि और उसकी अनुमति क्या प्रशासन से ली गई थी।  उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन के लिए जेल अधीक्षक ने कैदियों की स्वतंत्रता एवं गरिमा तथा  जेल की गोपनीयता को भंग करने का काम किया है।  मिर्ची बाबा ने कहा कि  जेल अधीक्षक के आचरण से जेल मैन्युल और सरकार की नीतियों का खुला उलंघन है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही जेल में हो रहे भ्रष्ट्राचार का खुलासा करेंगे । इसके लिए उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारी भी जेल अधीक्षक से चाही है। 

इन बिंदुओं पर केंद्रीय जेल से मांगी जानकारी :

* एक वर्ष में बड़े स्तर पर दो बार भागवत कथा का आयोजन  अनिरुद्धाचार्य के द्वारा कराया गया है इस स्तर के बड़े आयोजन के लिए खर्च की गई राशि का संपूर्ण ब्यौरा प्रदान करें।
* आयोजन में खर्च की गई राशि तथा उसकी अनुमति प्रशासन से ली गई थी तो उसका संपूर्ण विवरण।
* यदि जनसहयोग से कथा के लिये राशि एकत्र कराई गई है तो उस चंदे की राशि का संपूर्ण रशीद कट्टे का विवरण।
* सोशल मीडिया में पोस्टेड वीडियो के माध्यम से यह प्रकाश में आया है कि अनिरुद्धाचार्य द्वारा कैदियों से प्रश्न उत्तर करके उनके निजी जीवन को सार्वजनिक किया गया है जो कि वर्तमान समय में केंद्रीय जेल भोपाल में बंद है। यह विधि के अनुसार गिल्टीफील के अंतर्गत आता है। उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के ध्यान में यह बात आती है तो उनके प्रकरण का निराकरण करने में अवरोध उत्पन्न होगा, यह निजिता के संवैधानिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
* क्या जेल अधीक्षक, डीजी जेल एवं मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश पारित किया गया है कि कथावाचक अनिरुद्धाचार्य से भागवत कथा के दौरान कैदियों से वार्तालाप कर उनका वीडियो फेसबुक तथा यूट्यूब पर डालकर प्रकाशन करने के आदेश की प्रति।
* वर्तमान समय में केंद्रीय जेल भोपाल में विभिन्न प्रकार के कैदी जेल में निरुद्ध हैं, जैसे सिमी आतंकवादी, एचयूटी आदि खतरनाक आतंकवाद को चलाने वाले लोग हैं। यह वीडियो उनके हाथ लग जाते हैं तो ऐसी स्थिति में जेल के अन्दर के विभिन्न हिस्से के वीडियो को सोशल मीडिया पर डालकर सार्वजनिक करना जेल की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना जैसा है। यदि इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन के द्वारा ऐसा कोई आदेश पारित किया गया हो तो देने का कष्ट करें।
* केंद्रीय जेल भोपाल में बंद महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित नियम अधिनियम में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि जब कोई पुरुष जेल अधीक्षक रात्रि के समय महिला बैरक का निरीक्षण करेगा तो उसके साथ एक महिला अधिकारी होना आवश्यक है, लेकिन वर्तमान अधीक्षक द्वारा कई बार रात्रि के समय अकेले ताला खुलवाया गया। इस संबंध में ऐसा कोई आदेश हो तो उसकी प्रति।

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