सिन्धु सभा संगठन के साथ एक विचार व संस्कार है : चंदीरामाणी


दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन बैठक का हुआ समापन


भोपाल । भारतीय सिन्धु सभा संगठन के साथ-साथ एक विचार व संस्कार है और कार्यकर्ता  समाज के सभी वर्गों को जोडकर कार्य करें। ऐसे विचार राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्षमणदास चंदीरामाणी ने दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन बैठक के सनसिटी गार्डन में उदघाटन सत्र में प्रकट किये। श्री चंदीरामाणी ने कहा कि आज सभा के 40 वर्ष पूर्ण होने पर कार्यकर्ता देश भर में सामाजिक व धार्मिक संगठनों से जुड कर सेवा कर रहा है। कार्यवाहक अध्यक्ष लधाराम नागवाणी ने कहा कि सभा की 350 से अधिक ईकाईयां सक्रियता से कार्य कर रही है जहां कार्यकर्ता नियमत सेवा कर रहे हैं। राष्ट्रीय महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कहा कि आठ प्रदेशाध्यक्षों के साथ केन्द्रीय पदाधिकारियों ने संगठन की गतिविधियों को बढाने पर विचार विमर्श कर कार्ययोजना बनाई। संगठन की भूमिका पर संगठन महामंत्री वासुदेव वासवाणी ने विचार प्रकट किये। प्रथम सत्र में राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर माखीजा ने सेवा कार्यों के प्रयासों से सभी जोड़ने के साथ कार्यकर्ता को मजबूत करने के विचार प्रकट किये। राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि युवाओं को सेवाओं से जोड़ने के साथ निःशुल्क वैवाहिक परिचय सम्मेलन व केन्द्र सरकार की योजनाओं से जोडने का आव्हान किया। सगठनात्मक सत्र में भी भगतराम छाबड़िया ने कहा कि कार्यकर्ता, कार्यालय व कार्यक्रम बनाकर निरंतर प्रयास करने का फल है कि आज देश भर में संगठन आम समाज से जुडा है। मोहनलाल वाधवाणी, मुकेश लखवाणी, सुरेश नरेश जोतवाणी ने भी विचार प्रकट किये।
राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद के उपाध्यक्ष घनश्यामदास कुकरेजा ने कहा कि देश भर में सिन्धी भाषा से जुड़ाव के लिये सिन्धु शिक्षा मित्र व बाल संस्कार केन्द्रों से शिक्षकों को जोड़ा जा रहा है और सर्टीफिकेट कोर्स के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम व संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। डॉ.प्रदीप गेहाणी, देवीलाल लालवाणी ने भी विचार प्रकट किये।


सांस्कृतिक कार्यक्रम में हुई रंगारंग प्रस्तुतियां 


सिन्धु सभा की प्रदेश महिला अध्यक्ष कविता ईसराणी ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में कवि व साहित्यकार नारायण श्याम की लिखित नृत्य नाटिका पर प्रस्तुति दी गई जिसमें तनम्य वाधवाणी ने नारायण वासवाणी की भूमिका को जीवित किया। इस कार्यक्रम की खास बात उसकी संगीत था जिसे कार्यकर्ताओं ने खूब सराहा। साथ ही मोहित शेवाणी द्वारा अपनी रंगारंग प्रस्तुति देकर सभी को खूब झूमाया। कार्यक्रम का शुभारंभ संत हिरदाराम साहिब, भारत माता व ईष्टदेव झूलेलाल के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन से किया गया। गीत प्रस्तुत डॉ. कैलाश , भगवान नथराणी ने किया। 28 जुलाई को दो सत्र के साथ समापन सांय 5 बजे हुआ। 



                


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