स्टार्टअप से जुड़े युवाओं की मांग पर सरकार ने आवेदन की तिथि बढ़ाई : ओझा


खुलेंगे रोज़गार के नए अवसर, लाखों युवा होंगे लाभान्वित 
भोपाल । स्टार्टअप से जुड़े युवाओं की मांग को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आवेदन जमा करने की तिथि 15 जुलाई से बढ़ाकर 25 जुलाई कर दी है। इससे प्रदेश के लाखों युवा लाभान्वित होंगे। उक्त जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने बताया कि मध्यप्रदेश तेजी के साथ स्टार्टअप डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है, स्टार्टअप की पहली जरूरत होती है इनक्यूबेशन सेन्टर, ये सेंटर स्टार्टअप को, उनके आइडिया को, सर्विस या प्रोडक्ट के रूप में विकसित करने, उनके बिजनेस प्लान बनाने, प्रोडक्ट में सुधार करने और इन्वेस्टमेंट प्राप्त करने में मदद करते हैं।   प्रदेश में अनेकों  इनक्यूबेशन सेन्टर कार्यरत हैं और सैकड़ों स्टार्टअप किसी न किसी रूप में इनका लाभ प्राप्त कर रहे हैं । 
श्रीमती शोभा ओझा ने बताया की प्रदेश में चल रहे इनक्यूबेशन सेन्टर्स का विकास होना आवश्यक है क्योंकि भविष्य में स्टार्टअप की संख्या बढ़ने की संभावनाएं हैं, इसलिए मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संस्थानों से टेक्नोलॉजी, बिजनेस इनक्यूबेटर एवं लाइवली हुड इनक्यूबेटर स्थापित करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं । आवेदन जमा करने की तारीख़ पहले 15 जुलाई 2019 थी, जिसे बढ़ाकर 25 जुलाई 2109 कर दी गई है। कांग्रेस सरकार से इसकी तारीख बढ़ाये जानें की मांग स्टार्टअप से जुड़े युवाओं द्वारा लगातार की जा रही थी।  राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के साथ -साथ प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा यह जनहितैषी फैसला ले लिया गया है,अब स्टार्टअप से जुड़ी हुईं संस्थाएं 25 जुलाई 2109 तक अपना आवेदन कर सकती हैं। 
 श्रीमती ओझा ने अपने बयान में आगे  बताया कि स्टार्टअप सेन्टर को स्थापित करने के लिए  अस्पायर योजना के अतंर्गत सहायता प्राप्त जा सकती है।  प्रदेश का सूक्ष्म, लघु और मध्यम विभाग इसमें सहायता देगा, अस्पायर योजना में अधिकतम एक करोड़ रुपए का अनुदान, सेन्टर पर लगने वाले इक्विपमेंट और मशीनरी के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के होनहार युवा स्टार्टअप का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के जरिये नवीन स्टार्टअप को आवश्यक सुविधाएं मिल सकेगी।
श्रीमती ओझा ने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक एक स्टार्टअप में 12 नौजवानों को सीधे रोजगार मिलता है और इससे अप्रत्यक्ष रूप से नए रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। यही नहीं इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करने से नई टेक्नॉलॉजी, किसान, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट समेत कई क्षेत्रों के जरिये राज्य के लाखों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। कमलनाथ सरकार द्वारा लिये गये इस जनहितैषी फैसले से न केवल प्रदेश से हो रहा प्रतिभा पलायन रोकने में मदद मिलेगी बल्कि विकास की वह रफ्तार भी तेज होगी, जिसके लिए कमलनाथ सरकार पूरी प्रतिबद्धता से लगी हुई है।


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