वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने सात करोड़ पौधे रोपने का घोटाला, अब होगी जांच


कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए उठाया मामला


भोपाल। दो वर्ष पहले एक ही दिन में लगभग सात करोड़ पौधों के रोपण और इस दौरान लगभग पांच सौ करोड़ रूपयों के व्यय के मामले में अनियमितताओं की जांच की जाएगी। सरकार की घोषणा के बाद विधानसभा में अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सरकार को निर्देश दिए कि संबंधित विभागों के मंत्री इस मामले में बैठक करें। अध्यक्ष के निर्देश के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि जांच जल्द पूरी होनी चाहिए। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और अन्य ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि दो जुलाई 2017 को वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के उद्देश्य से तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्यकाल में एक ही दिन में सात करोड़ पौधे रोपने के मामले में व्यापक अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने वित्त एवं योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री तरुण भनोत से इस मामले की व्यापक जांच कराने और सभी बड़े लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। इस मामले को लेकर सदन में काफी देर तक हुए सवाल जवाबों के बीच मंत्री भनोत ने कहा कि इस मामले में वर्ल्ड रिकार्ड नहीं बन पाया। अलबत्ता पौधारोपण में व्यापक अनियमितताएं सामने आयी हैं। यह कार्य वन, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि और उद्यानिकी विभाग तथा जन अभियान परिषद की ओर से कराए गए तथा इसमें लगभग 499 करोड़ रूपए व्यय होने की जानकारी सामने आयी है। अध्यक्ष ने कहा कि संबंधित विभागों के मंत्री जल्दी ही बैठक कर इस मामले की जांच आगे बढ़ाने के लिए कार्य करें। वहीं विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि सरकार में यदि दम है तो वह इस पूरे मामले की जांच अगले सत्र तक कराए। नहीं तो सरकार की भी मिलीभगत मानी जाएगी। वित्त मंत्री भनोत ने आश्वासन दिया कि विपक्ष के नेता की भावना के अनुरूप इस मामले की जांच करायी जाएगी।


किसान सम्मान निधि योजना दिसंबर से प्रभावी


राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना पिछले साल एक दिसंबर से प्रभावशील है और किसानों के बैंक खाते एकत्रित करने का काम जारी है। मंत्री ने भाजपा विधायक गोपाल भार्गव के एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में किसान सम्‍मान निधि योजना एक दिसंबर, 2018 से प्रभावशील है। कृषकों के बैंक खाते एकत्रित करने का कार्य प्रगतिरत है। जानकारी पीएमकिसान पोर्टल पर प्रेषित की जा रही है, जिसमें भुगतान की कार्यवाही पोर्टल के माध्यम से सतत् जारी है।


 


 


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