विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा विधानसभा का प्रश्नकाल


विधानसभा में गूंजा तीन साल के मासूम की हत्या का मामला


भोपाल । राजधानी के कोलार क्षेत्र में तीन साल के मासूम बच्चे की हत्या का मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा। इस मुद्दे के आधार पर विपक्ष ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था का हवाला देकर कमलनाथ सरकार से इस्तीफा मांगा। हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
बुधवार को सुबह जैसे ही विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू हुआ तो शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। विपक्षी नेताओं ने एक सुर में कहा कि, प्रदेश में कानून का राज नहीं रहा। मासूम बच्चों की हत्याएं हो रही हैं। उनके साथ दुष्कर्म की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। ऐसे में इस मुद्दे पर प्रश्नकाल रोककर तत्काल चर्चा कराई जाए। बिगड़ती कानून व्यवस्था से गुस्साए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के गृहमंत्री के इस्तीफ़े की मांग की है। शिवराज ने आरोप लगाया कि विधानसभा में विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है।


15 साल रहे तब चिंता क्यो नहीं की


सत्ता पक्ष की ओर से सभी मंत्रियों ने विपक्ष के हमलों पर पलटवार करते हुए कहा कि, बीते 15 साल में मध्य प्रदेश की स्थिति बेहद खराब थी। दुष्कर्म के मामलों में देश भर में प्रदेश अव्वल था। मध्य प्रदेश लगातार अपराध हो रहे थे, तब क्यों किसी ने चिंता नहीं ? अब श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। इस कारण सदन में हंगामा किया जा रहा है।


नहीं हो सका प्रश्नकाल


विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि बजट सत्र में स्थगन प्रस्ताव की कोई परंपरा नहीं है, इसलिए इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं कराई जा सकती है। इस पर विपक्षी सदस्य हंगामे के बीच लॉबी में पहुंच गए। इसके बाद पक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। आखिरकार जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो स्पीकर एनपी प्रजापति ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा विधानसभा की कार्रवाई शुरू हुई, तो विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान फिर से हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद स्पीकर सदन की कार्यवाही दूसरी बार दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। स्पीकर एनपी प्रजापति के बार-बार आग्रह के बाद भी प्रश्नकाल नहीं हो सका।विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि प्रश्नकाल को चलने दें, बजट के दौरान स्थगन प्रस्ताव सामान्यतया नहीं लिए जाते हैं। इसके बावजूद विपक्ष और सत्तापक्ष की ओर से हंगामा जारी रहा। विपक्ष के सभी नेता गर्भगृह में पहुंच गए। बाद में सदन से बहिर्गमन कर दिया।


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