अपनों की तरह प्यार पा कर निहाल हुईं बुजुर्गों की पथराई आंखे


-ऐंजिल के सदस्यों ने बुजुर्गों को राखी बाँधी व फिल्मी गीतों पर अंताक्षरी खेली 


भोपाल। कहते हैं जिन रिश्तों को परमात्मा ने अंबर में तय किया हो, उसे धरती पर जोड़ने का ही नाम है रक्षाबंधन । इस वर्ष ऐंजिल वैलफेयर सोसाइटी ने कुछ खास तरह से इस पर्व को मनाया। आनंद धाम भोपाल के लोगों को अपना परिवार समझकर ऐंजिल परिवार ने वहाँ स्थित बुजुर्गों को राखी बाँधी व फिल्मी गीतों पर अंताक्षरी खेली । सभी को फल, बिस्कुट व कपडे के थैले बाँटे । अकेलेपन की जिंदगी गुजार रहे बुजुर्गों को एंजिल वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों से मिले अपनापन के उनकी खोई आंखों में एक ऐसी खुशी दिखाई दी जिसे   शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। कार्यक्रम की संयोजिका समता अग्रवाल का कहना है कि अपनापन एक ऐसी चीज है जो बाँटने से बढ़ती है । कार्यक्रम में मनीषा पवार, नीतू महरोत्रा, रीना माहेश्वरी,  श्रुति वर्मा,  उपस्थित रहीं। 



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