गौवंश की रक्षा को लेकर लिया गया एक और महत्वपूर्ण निर्णय


भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि हमने अपने वादे के मुताबिक़ गौवंश  की रक्षा को लेकर पहले 1000 गौशालाएँ बनाने का निर्णय लिया और अब बरसात के इस मौसम में गौवंश की सुरक्षा को  लेकर मैं चिंतित हूँ। वर्षों से देखता आया हूँ कि बरसात के इस मौसम में खेतों में पानी होने से व मिट्टी गीली होने से गौवंश बड़ी संख्या में सड़कों पर आकर बैठता है , जिसके कारण बरसात के इस मौसम में कई गौमाताएँ वाहन दुर्घटनाओ का शिकार होती हैं , कई घायल हो जाती हैं , कईयो की मृत्यु तक हो जाती है और इन दुर्घटनाओं में जान माल की हानि भी होती है।
मैंने अधिकारियों को कहा है कि गौवंश की सुरक्षा की दृष्टि से व इससे होने वाली वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिये एक विस्तृत कार्ययोजना बनाये। जितने भी प्रदेश के प्रमुख मार्ग है, जहाँ पर वाहन तेज गति से दौड़ते हैं, उन पर बरसात के इस मौसम में, गौवंश की सुरक्षा की दृष्टि से, उनका सड़कों पर बैठना रोका जा सके। जिससे इन दुर्घटनाओं को टाला जा सके और गौवंश की सुरक्षा भी हो सके। भले इस कार्ययोजना को हम इस बरसात के मौसम में अमलीजामा नहीं पहना पाये  लेकिन हमारा यह लक्ष्य रहे कि हम भविष्य में इसे मूर्त रूप ज़रूर दे सके। वेसे मेरा यह भी मानना है कि यह कार्य काफ़ी मुश्किल व चुनौती भरा है लेकिन हम यदि इसे लागू कर पाये तो गौवंश की सुरक्षा की दृष्टि से यह एक बड़ा क़दम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंश  की रक्षा- सुरक्षा के लिए हमें  ग्राम पंचायत स्तर तक भी कार्ययोजना बनाना पड़े तो भी बनायी जाये।पालतू पशुओं को लेकर जवाबदारी तय की जाये। लावारिस होने पर उन्हें गौशालाएँ में भेजने से लेकर, गाँवो के भीतर ही ऐसे पक्के स्थान चिन्हित किये जावे, जहाँ पर बरसात के इस मौसम में गौमाता सुरक्षित  बैठ सके, जिससे सड़क मार्ग पर आकर वो वाहन दुर्घटनाओं का शिकार होने  से बच सके। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में गौशालाओं के निर्माण होने के बाद तो इस तरह की घटनाओं में निश्चित ही कमी आयेगी लेकिन हम चाहते है कि गौवंश की रक्षा व सुरक्षा को लेकर हम जितने भी ठोस प्रयास कर सके, उसे ज़रूर करे। जो कार्य वर्षों से नहीं हो पाये है, हम उसे पूरा करना चाहते है।


 


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