प्रदेश के नागरिक ही सरकार की शक्ति : कमलनाथ


भोपाल । मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश के नागरिक ही सरकार की शक्ति हैं। यही शक्ति प्रदेश को गरीबी, बेरोजगारी से मुक्त, विकसित और ऊर्जावान प्रदेश बनायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार और लोगों के बीच की दूरी कम की जा रही है। हमारा प्रयास है कि बदलाव लोग स्वयं महसूस करें। कमल नाथ ने नागरिको के नाम सन्देश में कम समय में किये गए कई ऐतिहासिक निर्णयो और लागू की गयी योजनाओ की चर्चा की। 
मुख्यमंत्री ने नाथ ने प्रदेश के नागरिकों के नाम पर अपने संदेश में कहा कि 20 लाख से ज्यादा किसानों के डिफाल्टर ऋण माफ़ हो गए हैं। बड़ी संख्या में किसानों ने एक ही जमीन पर कई बैंकों से ऋण ले रखा था।  छानबीन पूरी होने पर उनका भी ऋण  माफ़ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रबी 2018-19 में उत्पादित गेहूँ विक्रय पर 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि उनके खातों में जमा कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों में पूंजी की तरलता बढ़ाने के लिये तीन हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। इसमें से एक हजार करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। किसानों को आधी दरों पर और गरीबों को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली दी जा रही है। किसानों के लिए बनाई  गई इंदिरा किसान ज्योति योजना में 10 हार्स पावर तक के स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 1400 की जगह 700 रुपये प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष के फ़्लैट रेट से बिजली दी जा रही है। इसका लाभ 18 लाख किसानों को मिल रहा है।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इंदिरा गृह ज्योति योजना बनाई है। जिसके तहत 62 लाख परिवारों को 100 यूनिट तक बिजली 100 रुपये में दी जा रही है। लघु उद्योगों सहित गैर कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 10 घंटे बिजली दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतपुड़ा एवं अमरकंटक में 550 मेगावाट की एक-एक इकाई स्थापित की जा
रही है।   


एक हजार गौ-शालाओं का निर्माण


मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गौ-वंश की देख-रेख को सरकार ने चुनौती के रूप में लिया है। इसके लिये प्रदेश में पहली बार सरकार ने एक हजार गौ-शालाओं के निर्माण का कार्य अपने हाथ में लिया है।  


45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई


आगामी 5 वर्षों में प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाने का संकल्प दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खाली ख़जाना मिलने के बावजूद सिंचाई योजनाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को आवंटित नर्मदा जल का पूरा उपयोग किया जाएगा। 


निवेश के लिये विश्वास का माहौल


मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिये विश्वास का माहौल बनाया जा रहा है। निवेश को आकर्षित करने के लिये 18 से 20 अक्टूबर तक इंदौर में "मेग्नीफिशेंट  मध्यप्रदेश" कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश के सफल उद्योगपतियों को ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाया जाएगा। उद्योग सलाहकार परिषद गठित की जाएगी। नाथ ने कहा कि उद्योग के क्षेत्र में किये गये प्रयासों के फलस्वरूप सिर्फ सात माह में 6 हजार 158 करोड़ रुपये का स्थाई पूँजी निवेश हुआ है। सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में कम से कम एक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हो। उज्जैन, डिण्डौरी, अलीराजपुर एवं बैतूल जिलों में नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं। पावरलूम सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये विशेष पैकेज लाया जा रहा है। बागवानी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना लाई जा रही है। प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के लोगों को ही देना पड़ेगा। इसके लिए कानून बनाने जा रहे हैं । 


आधार कार्ड से राशन


मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि गरीब परिवारों के लिए एक रुपए किलो अनाज और नमक देने के लिए 18 जिलों में आधार कार्ड आधारित राशन वितरण व्यवस्था लागू की गई है। अब इन जिलों में हितग्राही किसी भी राशन दुकान से आधार कार्ड के जरिये राशन प्राप्त कर रहे हैं। आगामी समय में यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में की जायेगी।


असंगठित मजदूरों के लिए  "नया सवेरा” योजना


मुख्यमंत्री ने कहा कि असंगठित मजदूरों को आगे लाने के लिए नई योजना "नया सवेरा” शुरू की गई है। इस वर्ग के कल्याण से ही हम मध्यप्रदेश पर बीमारू का जो टैग लगा उसे मिटा पाने में सफल होंगे। इस योजना में 6 माह में 63 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को लगभग 6 सौ करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई है।


हमारा गाँव- हमारा पानी


मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि हमारा गाँव- हमारा पानी, जल संरक्षण और लोगों को पर्याप्त जल उपलब्ध करवाने के लिए सरकार पहली बार जल अधिकार कानून बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि 36 जिलों की 38 नदियों का पुनर्जीवन का कार्य पाँच सालों में किया जाएगा। 


इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाई जाएगी


मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल और इन्दौर  शहरों में  मेट्रो रेल का काम  शुरू हो गया है। ग्वालियर में मेट्रोपॉलिटन रीजन की स्थापना की जा रही है। भोपाल और इंदौर शहरों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वाकांक्षी एकीकृत प्रोजेक्ट इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस-वे को लिया है। परियोजना में एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ नये छोटे शहर और औद्योगिक क्लस्टर होंगे। इस परियोजना को पूरा करने के लिए इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाई जाएगी। 


मुख्यमंत्री पट्टा योजना


मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं में पात्र भूमिहीन आवेदकों को राज्य सरकार आवास के साथ-साथ अपनी तरफ से भूमि के पट्टे भी देगी। इसके लिए मुख्यमंत्री पट्टा योजना चलाई जायेगी। 


शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय


मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में बन रहे ग्लोबल स्किल पार्क में सालाना 4 हजार 800 छात्रों को एडवांस प्रशिक्षण दिया जायेगा। संभागीय मुख्यालयों की आईटी.आई. को मेगा आई.टी.आई. बनाया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि इस वर्ष  200 नए हायर सेकेन्ड्री खोले जाएंगे। लगभग 150 हाईस्कूल एवं 600 हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन बनाये जायेंगे। शिक्षा की क्वालिटी के लिये कमजोर परिणाम वाले स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। छिन्दवाड़ा, सिवनी, बैतूल, बालाघाट जिले के विद्यार्थियों की सुविधा के लिये छिन्दवाड़ा में यूनिवर्सिटी स्थापित की गई है। आदिवासी क्षेत्र के 42 शासकीय कॉलेजों में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ किये जा रहे हैं। इस वर्ष झाबुआ मॉडल कॉलेज के अलावा खंडवा, बड़वानी, विदिशा, छतरपुर, सिंगरौली, दमोह, गुना तथा राजगढ़ में भी नये मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है।


स्वास्थ्य का अधिकार


मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना का विस्तार करते हुए  45 लाख अतिरिक्त परिवारों का इलाज अपने खर्च पर करेगी। उन्होंने कहा‍ कि नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए क़ानून बनाने जा रही है। नाथ ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं का विस्तार करते हुए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटें लगभग 20 प्रतिशत बढ़ाई गई हैं। सतना जिले में नया मेडिकल कॉलेज शीघ्र खोला जा रहा है। ग्वालियर, जबलपुर और रीवा मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेंटर तैयार होगा। 


आदिवासियों का साहूकारी ऋण समाप्त


मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में राज्य सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सभी आदिवासी विकासखंडों में आदिवासी भाइयों के ऊपर ऐसे सभी साहूकारी ऋणों को 15 अगस्त से समाप्त घोषित करने का निर्णय लिया है। ऐसे किसी ऋण की वसूली अब नहीं हो सकेगी। इसे लागू करने के लिए कलेक्टरों को सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं। आदिवासी भाइयों की सुविधा के लिए बैंकों से 10 हजार रुपये तक की लिमिट स्वीकृत की जा रही है। यह राशि वे अपने रुपे डेबिट कार्ड से कभी भी एटीएम से निकाल सकेंगे। सभी आदिवासी विकासखण्डों के ग्रामीण हाट बाजारों में बैंक एटीएम स्थापना की जा रही है।  वनाधिकार देने के काम में छूट गए कई आदिवासी भाइयों  के खारिज  प्रकरणों को पुनरीक्षित किया जा रहा है। इसकी ऑन लाइन निराकरण की नई व्यवस्था की गई है। आदिवासी भाइयों के लिए औषधीय खेती योजना बनाई जा रही है। इसमें आदिवासियों को अपने भूमि पट्टों पर औषधीय खेती के लिये सहायता उपलब्ध करायी जायेगी और पूरे उत्पाद के खरीदने की गारंटी रहेगी। तेंदूपत्ता के भुगतान की राशि 2 हजार रुपये प्रति बोरा से बढ़ाकर ढाई हजार रुपये प्रति बोरा की है। श्री नाथ ने बताया कि अन्य वनोपज के लिए भी नई योजना बनाई जा रही है। अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम के ऋणी हितग्राहियों के एक लाख रुपये तक के ऋण माफ करने की प्रक्रिया चल रही है।


पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण


मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि सरकार ने पिछड़े और कमजोर वर्ग के हित में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पिछड़े वर्ग के आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया है। इसके लिए कानून बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है। पिछड़े वर्ग की बालिकाओं के लिए संभागीय शहरों में 500 सीटर कन्या छात्रावास बनाए जा रहे हैं। निराश्रितों और दिव्यांगों की पेंशन दो गुना बढ़ाकर 600 रूपये प्रतिमाह कर दिया है। अगले पांच साल में एक हजार रुपये करेंगे


जिला सरकार व्यवस्था लागू होगी


नाथ ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत किया जाएगा और उनके अधिकारों में वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों को गति देने और जिला स्तर पर अधिकारों के विकेन्द्रीकरण के लिये "जिला सरकार" व्यवस्था को फिर लागू किया जा रहा है। लोक सेवाओं के प्रदाय को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये "जन अधिकार" कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश ने देश में टाइगर स्टेट का दर्जा फिर हासिल किया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। इससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में शिविर लगाकर रोजमर्रा की समस्याओं का निराकरण मौके पर किया जा रहा है। नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश को मिलावटमुक्त प्रदेश बनाने के लिए मिलावटखोरों के खिलाफ  सख्त कार्रवाईयां की जा रही हैं। यहां तक कि रासुका जैसी कार्रवाई भी उनके विरुद्ध की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 27 मामलों में अपराधियों को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई गई है। महिला सुरक्षा के लिये  रानी दुर्गावती महिला बटालियन एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का 150वाँ जन्म वर्ष पर जिला मुख्यालयों पर 14 से 19 नवम्बर तक सांस्कृतिक गतिविधियाँ की जाएंगी। यह वर्ष गुरुनानक देव का भी 550वाँ प्रकाश पर्व है इसे भी बड़े स्तर पर मनाया जायेगा।


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