राधारमण आयुर्वेद मेडीकल कॉलेज में चरक जयंती मनाई गई


आयुर्वेद है शरीर, मस्तिष्क और आत्मा का सामंजस्य: डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा 

भोपाल। रातीबड़ स्थित राधारमण आयुर्वेद मेडीकल कॉलेज रिसर्च हॉस्पिटल में चरक जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मानव समाज के लिए आयुर्वेद की उपयोगिता विषय पर सेमिनार का आयोजन भी किया गया। इस दौरान डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा,  संयुक्त संचालक  आयुष, डॉ. विपिन तोमर उपसंचालक आयुष विभाग मध्यप्रदेश, जिला अस्पताल सीहोर अधीक्षक राम प्रताप राजपूत, मृत्युंजय आयुर्वेद अस्पताल के संचालक  डॉ. अनुराग सिंह राजपूत,  उप अधीक्षक डॉ. गायत्री  तेलंग, राधारमण आयुर्वेद मेडीकल कॉलेज रिसर्च हॉस्पिटल  राधारमण ग्रुप के वाइस चेयरमैन भूपेंद्र सिंह पटेल सहित समस्त फैकेल्टी एवं इंजीनियरिंग के छात्र  उपस्थित रहे। छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि लगभग 5000 वर्ष पहले भारत की पवित्र भूमि में शुरू हुई आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति लंबे जीवन का विज्ञान है और दुनिया में स्वास्थ्य के देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है। इसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों के गंभीर विचारों शामिल हैं। यही कारण है कि मानव जाति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए आयुर्वेद की अहम भूमिका है। आज यह चिकित्सा की अनुपम और अभिन्न शाखा है। एक संपूर्ण प्राकृतिक प्रणाली है, जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त करने में सहायक है। वहीं डॉ. तोमर ने बताया कि आज ही के दिन आयुर्वेद के महान आचार्य चरक का भी जन्म हुआ था। आयुर्वेद को जानने और समझने के लिए आचार्य चरक के चिकित्सा सिद्धांतों को समझना बहुत जरूरी है। उन्होंने आयुर्वेद का प्रमुख ग्रंथ चरकसंहिता लिखा था। 
राधारमण ग्रुप के वाइस चेयरमैन भूपेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि यदि आप स्वस्थ व तनाव मुक्त रहना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक जीवन शैली ही इसका एकमात्र विकल्प है। आयुर्वेद जीवन जीने का विज्ञान है। आज से 5000 वर्ष पहले आयुर्वेद की संहिताओं में जो जीवन जीने के नियम वर्णित हैं, वो आज के वातावरण में भी एकदम खरे उतरते हैं। स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी के रोगों की चिकित्सा करके रोग मुक्त करना आयुर्वेद का प्रमुख सिद्धांत है।  


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