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दिग्विजय सिंह की मुखालफत भाजपा का फायदा


भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद  रामेश्वर नीखरा का कहना है कि हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस के पूर्व महासचिव दिग्विजय सिंह ने भाजपा और बजरंगदल पर यह आरोप लगाया था कि उसके लोग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से धन लेकर देश में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लगे हुए हैं। भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष सहित 11 लागों को शिवराज सिंह की सरकार ने गिरफ्तार भी किया था। बाद में उन्हें उच्चस्तरीय राजनीतिक दबाव के चलते रिहा कर दिया गया था। अब कमलनाथ सरकार ने उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया है। नीखरा ने कहा है कि जो लोग अपने को चरम राष्ट्रवादी होने का ढिंढोरा पीट रहे हैं, यही लोग ऐसे तत्वों को प्रश्रय दिये हुए हैं, जो रष्ट्रविरोधी कामों में लगकर देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसे याद रखा जाना चाहिये कि भाजपा और उसके आनुषांगिक संगठनों की सांप्रदायिकता और देश विरोधी गतिविधियों पर कांग्रेस की ओर से लगातार हमला करने वाले एकमात्र राजनेता दिग्विजय सिंह ही हैं। इसलिये वे संघ और भाजपा के निशाने पर रहते हैं। 
कांग्रेस नेेता नीखरा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजयसिंह को सुपर चीफ मिनिस्टर कहकर कटाक्ष किया था। उनका यह बयान उस समय आया था, जब उनसे कांग्रेस के एक बड़े नेता एक दिन पहले ही  उनसे मिलकर आये थे। बाद में ऐसा ही बयान भाजपा के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी आया था। अब कांग्रेस के ही कुछ मंत्रियों-विधायकों की ओर से, दिग्विजय सिंह के द्वारा लिखी गयी चिट्ठी के संदर्भ में जब इसी शब्दावली का प्रयोग किया जा रहा है, तो इसका अनजाने में ही फायदा भाजपा और संघ को ही मिल रहा है।


 सांसद-विधायक पत्र लिखते हैं, यह कोई पाप नहीं


नीखरा ने यह भी कहा है कि जिस कांग्रेस सरकार ने देश में सूचना का अधिकार कानून लागू किया था, उसी पार्टी के कुछ नये नेता दिग्विजय सिंह के द्वारा लिखे गये पत्र को दखलंदाजी बता रहे हैं। मैं जिन दिनों सांसद था, तब मेरे क्षेत्र के लोग मेरे पास अपनी शिकायतें और मांगें लेकर आया करते थे और मैं उनकी ओर से संबंधित केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखता था। मंत्रालय उनका उत्तर देते थे। उन पर कार्यवाही होती थी। सभी सांसद-विधायक पत्र लिखते हैं। यह कोई अपराध नहीं है। यह तो एक जनप्रतिनिधि का दायित्व है। सिंह पार्टी के बड़े नेता हैं। प्रदेश भर के लोग उनके पास अपने दुखड़े लेकर जाते हैं। वे उन पर प्रदेश के मंत्रियों को पत्र लिखते हैं। मंत्रियों को पत्र की पावती देना चाहिये। उन पर की गयी कार्यवाही की जानकारी देना चाहिये। प्रदेश का कोई भी नागरिक उन्हें पत्र लिख सकता है। इसमें अनोखा क्या है? सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट के माननीय न्यायमूर्तियों के द्वारा पीड़ितों के पत्रों को ही याचिका मान लेने और उस पर कार्यवाही करने के उदाहरण भी हमारे यहां मौजूद हैं। 


कमलनाथ भी लिखते थे दिग्गी को पत्र


नीखरा ने कहा कि असल में जब कांग्रेस का कोई व्यक्ति ऐसा कहता है कि  दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं, तब वे कमलनाथ जैसे परिपक्व राजनेता के कद को ही घटाने का काम करते हैं। जब दिग्विजय सिंह दस सालों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उन दिनों कमलनाथ मुख्यमंत्री को अपने सुझाव देने के लिये कितने आदरपूर्ण लहजे में चिट्ठियां लिखा करते थे और दिग्विजय सिंह उन पर कितनी त्वरित विनम्रता के साथ निर्णय लेते रहे हैं, यह बात कांग्रेस की हमारी नयी पौध को शायद पता न होगी। 


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