आशा कार्यकर्ता एवं सहयोगियों को 30 दिन का मानदेय भुगतान करें और शासकीय कर्मचारी घोषित करें


बसपा विधायक रामबाई के साथ  एनआरएचएम की डायरेक्टर भारद्वाज से मिली विभा श्रीवास्तव


भोपाल। स्वास्थ्य विभाग के अधीन प्रदेश में कार्यरत आशा उषा सहयोगिनी को 30 दिन का मानदेय भुगतान करवाने एवं शासकीय कर्मचारी घोषित करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर मध्यप्रदेश आशा उषा सहयोगिनी कार्यकर्ता संगठन की प्रदेश अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव ने पन्ना विधायक राम भाई के साथ संगठन की अन्य महिला कर्मचारियों को लेकर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की डायरेक्टर छवि भरद्वाज को एक मांग पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने मांग की है कि 2006 से मध्य प्रदेश में आशा सहयोगिनी कार्य कर रही हैं पर उनको पूरे महीने भर का मानदेय नहीं दिया जाता है। जबकि सभी महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं और स्वास्थ्य विभाग के सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सुचारू रूप से उनकी भागीदारी होती है। इतना ही नहीं इन्हीं लोगों के कारण प्रदेश में मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु दर कम करने में सफलता मिली है तथा 70 फीसदी टीकाकरण करने में भी आशा उषा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अपने मांग पत्र में  संगठन की अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव ने कहा है कि स्वास्थ्य संबंधी सभी योजनाओं को पूरा कराने में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है । हमें 24 घंटे कार्य कर ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देनी पड़ती है। शिशु एवं गर्भवती महिलाओं की देखभाल करनी पड़ती है और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करानी पड़ती है। इसके बाद इसके बावजूद हमारे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी समय-समय पर उन्हें निकालने की धमकियां देते रहते हैं । एक सहयोगी कार्यकर्ता के पास 12 से 15 गांव की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी होती है। पूरे मध्यप्रदेश में लगभग 75,000 आशा सहयोगी कार्यकर्ता काम पर लगी हैं । उन्होंने मांग की है कि सभी आशा सहयोगीयों को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए, इसके अलावा आशा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं का रविवार का वेतन ना काटकर पूरे 30 दिन का वेतन भुगतान किया जाए । इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं को प्रत्येक गांव में आरोग्य केंद्र अलग किया जाए । सहयोगी कार्यकर्ता को 30 दिन का मानदेय फिक्स कर भुगतान किया जाए । आशा कार्यकर्ता का फिक्स मानदेय दिया जाए जिससे अधिकारियों के सामने बार-बार न भटकना पड़े। इसके अलावा आशा सहयोगिनियों को 15000 और आशा कार्यकर्ता को 10000 प्रति माह का वेतन भुगतान किया जाए।  आशा सहयोगिनी को एएनएम भर्ती में 10वीं एवं 12वीं पास को वरीयता दी जाए। उन्होंने कहा है कि जल्द ही मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो प्रदेश भर की 75000 आशा कार्यकर्ता एवं सहयोगिनी आंदोलन पर चली जाएंगी।


बसपा विधायक ने किया सहयोग का वादा :



मध्य प्रदेश आशा आशा सहयोगी कार्यकर्ता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव ने बताया कि बसपा विधायक राम भाई ने उनके संगठन को हमेशा सहयोग देने की बात कही है श्रीवास्तव ने बताया कि विधायक राम भाई ने कहा है कि एक महिला होने के नाते उन्होंने जो संघर्ष किया है बसपा हमेशा उनके संघर्ष के साथ खड़ी कदम से कदम मिलाकर चलेगी और जरूरत पड़ने पर हर प्रकार का सहयोग करेगी। इस अवसर पर विधायक श्रीमती रामबाई ने भी आश्वासन दिया कि वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात करके आशा और उषा कार्यकर्ताओं की आपकी  मांगों के निराकरण हेतु चर्चा करेंगी तथा मांगो के यथाशीघ्र निराकरण की कार्रवाई करें। इस अवसर पर विधायक श्रीमती रामबाई ने बताया कि उक्त संगठन की मांगे जायज है। श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि विधायक श्रीमती रामबाई, एनआरएचएम संचालक मैडम छवि भारद्वाज को  विभिन्न मांगों के सम्बंध में ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने संग़ठन की मांगों के शीघ्र निराकरण हेतु विशेष फल करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर संगठन के इंदौर सम्भागीय अध्यक्ष  शंकरलाल मारू, श्रीमती कविता सेन, शबाना शेख, मीना बंसल, संगीता चंदेल, अनिता सूखे आदि उपस्थित थे।



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