सोलह साल से निखरा की काली करतूतों पर पर्दा डाल रही राज्य सरकारें


-ईमानदारी का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए चुनौती बने अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक


संदीप सिंह गहरवार


भोपाल(समीक्षा एक्सप्रेस)। कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, स्वयं मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं उनकी सरकार के कबीना मंत्री भले ही शिवराज सरकार में हुए कार्यों में घोटाला बताकर उस पर कार्यवाही करने का राग अलाप रहे हो पर अपेक्स बैंक में पदस्थ प्रभारी प्रबंध संचालक की कारगुजारियां इन्हें भी नजर नहीं आ रही हैं। अपेक्स बैंक के वर्तमान प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप निखरा कमलनाथ सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का वादा करने वाली कमलनाथ सरकार सहकारिता के इन दीमकों के आगे बौनी नजर आ रही है।  खास बात यह है कि अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ के लिए राजनीति में अलग पहचान रखने वाले प्रदेश के कद्दावर कांग्रेसी नेता एवं सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह भी नीखरा के भ्रष्टाचार पर आंखें मूंदे हुए हैं। सवाल यह उठता है कि क्या वाकई में सहकारिता के सिस्टम को ग्रहण लग गया है या वर्तमान कांग्रेस सरकार भी सुभाष यादव के द्वारा तैयार की गई बिन सहकार नहीं उद्धार की भावना को पलीता लगाने में अफसरों के साथ हाथ पर हाथ मिला रही है। मामले में गंभीर बात यह है कि ईओडब्ल्यू द्वारा 29 जनवरी 2004 को प्रदीप नीखरा एवं सहकारिता विभाग के कुछ अन्य अफसरों पर मप्र राज्य सहकारी आवास संघ द्वारा वितरित किये गए ऋण में की गई अनियमितताओं के कारण एक ही दिन लगभग 10 मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में अलग-अलग कुल 56 धाराएं लगाई गई थी। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि सहकारिता में भ्रष्टाचार की इमारत खड़ी करने वाले प्रदीप नीखरा पर कार्रवाई करने की बजाय अपेक्स बैंक का प्रभारी प्रबन्ध संचालक बना दिया गया। तब नीखरा पर तत्कालीन भाजपा सरकार मेहरबान रही। राजधानी के कुछ सजग समाजसेवियों द्वारा नीखरा के कारनामों की फेहरिस्त जब प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई तो साल 2017 के अंत मे नीखरा को प्रभारी प्रबन्ध संचालक के पद से हटाकर अपर पंजीयक (न्यायिक) बना दिया गया। अपने अफसर पर सहकारिता विभाग कितना मेहरबान है यह इसकी बानगी है।


एक ही दिन दर्ज हुए थे सभी प्रकरण :


अपेक्स बैंक के प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा भ्रष्टाचार करने में कितने माहिर है इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल द्वारा एक ही दिन 29 जनवरी 2004 को आवास संघ द्वारा किए गए ऋण वितरण में की गई गम्भीर अनियमितता के कारण निखरा पर 10 प्रकरण एक साथ दर्ज किए गए थे । सबसे बड़ी बात यह  है कि इन सभी प्रकरणों में धारा 120बी, 420, 467, 468, 471, 409, 13 (1)डी, सहपाठित धारा 13(2) भ्र.नि. अ.  1988 के के तहत अपराध  पंजीबद्ध किये गए थे। 


इधर शिकायतों का अंबार, उधर नीखरा पर रहम बरकरार:



अपेक्स बैंक के प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा पर विभागीय अफसरों की मेहरबानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नीखरा के भ्रष्टाचार और काली करतूतों की शिकायतें सहकारिता विभाग के अफसरों से लेकर विभागीय मंत्री,  मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री कार्यालय को करने के बाद भी भ्रष्टाचार के चलते प्रभारी प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक के पद से हटाए गए नीखरा को सरकार बदलते ही दूसरी बार अपेक्स बैंक का प्रभारी प्रबंध संचालक बना दिया गया। मध्यप्रदेश नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव मोहम्मद रिजवान ने बताया कि मेरे द्वारा 9 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री कार्यालय को फिर एक शिकायत की गई थी। जबकि इसके पूर्व भी 1 फरवरी 2018 को भी तत्कालीन महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को नीखरा के काले कारनामों की जानकारी दी गई थी।  प्रदीप नीखरा द्वारा अवैध रूप से बैंक कर्मचारी को रोकी गई ग्रेजुएटी के कारण पेनल्टी के रूप में अपेक्स बैंक को करीब 200 करोड़ रुपए की हानि उठानी पड़ी है। जिसकी शिकायत भी हाल ही में एचएस मिश्रा सेवानिवृत्त लेखाधिकारी अपेक्स बैंक ने 10 अगस्त 2019 को मप्र विधानसभा उपाध्यक्ष को सविस्तार की गई है।  इसके बाद भी प्रदीप नीखरा को प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी से गहरी सांठगांठ होने के कारण आज तक प्रभारी प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक के पद से नहीं हटाया गया है।  ना ही उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है । दरअसल नीखरा के सम्बंध में कई गई समस्त शिकायतें प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग के पास ही जाती हैं और उनके द्वारा उक्त शिकायतों पर कोई कार्रवाई न कर ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं। मोहम्मद रिजवान द्वारा 9 जनवरी 2015 को प्रमुख सचिव सहकारिता ने कार्रवाई के लिए आयुक्त सहकारिता, 30 जून 2015 को आयुक्त सहकारिता, पीएमओ ने 24 मई 2016 को मुख्य सचिव, विधायक नारायण सिंह कुशवाह ने 25 जुलाई 2016 को मुख्यमंत्री, 28 नवंबर को मध्य प्रदेश जन शिकायत निवारण विभाग भोपाल, पीएमओ द्वारा 27 फरवरी, 29 मार्च, 2 मई एवं 5 मई 2017 को एक बार फिर मुख्य सचिव को नीखरा के खिलाफ कार्रवाई करने को लिखा। इसके बाद  राष्ट्रपति जी के यहां की गई शिकायत के बाद राष्ट्रपति भवन ने 16 जनवरी 2018 को भारतीय रिजर्व बैंक को नीखरा सहित अपेक्स बैंक के काले कारनामों की जांच करने को कहा । इसके बाद भी नीखरा के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मोहम्मद रिजवान ने एक बार फिर 29 सितंबर 2019 को प्रदेश के मुख्य सचिव को मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप मिश्रा के भ्रष्टाचार की फेहरिस्त देते हुए उनको हटाने तथा उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की शिकायत की है। अब देखना यह है कि इस बार भी वही ढाक के तीन पात की तरह मामला रुका ही रहेगा या इस पर कुछ फौरी कार्रवाई होगी।


इनका कहना है:-


- मेरे एवं अन्य लोगों के द्वारा  प्रधानमंत्री कार्यालय में भ्रष्टाचारी प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा की अनेकों शिकायतें की गई है । कई बार पीएमओ से संबंधित विभागों को पत्र भी लिखे गए हैं। पर आज तक  नीखरा के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 
मो. रिजवान
शिकायतकर्ता


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