राजधानी में पहली बार किसी संस्था द्वारा गुमनाम, कर्मठ और कर्मशीलों का होगा सम्मान
भोपाल। सामाजिक संस्था दामिनी की आवाज विगत कई वर्षों से महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्य करती आ रही है। इस बार इस संस्था ने समाज के मिस्त्री, मजदूर, धोबी, मोची, कारपेंटर, सफाईकर्मी, घरेलू कामकाजी महिलाओं सहित उन तमाम महत्वपूर्ण पर गुमनाम, कर्मठ और कर्मशील लोगों का सम्मान करने का बीड़ा उठाया है जो अपनी सेवा व श्रम के माध्यम से समाज के विकास व प्रगति के आधार बने हुए हैं। यह सम्मान समारोह आगामी 28 नवंबर को दोपहर 3 बजे से 8 बजे तक पालीटेक्निक चौराहा स्थिति रविंद्र भवन भोपाल में आयोजित किया गया है । दामिनी की आवाज सामाजिक संस्था की अध्यक्ष अनीता आर्य ने बताया कि कर्मवीर सम्मान समारोह एवं नाट्य तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के जनसंपर्क एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा होंगे। जबकि ग्रामोद्योग एवं कुटीर मंत्री हर्ष यादव और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा पूर्व महापौर विभा पटेल, रिटायर्ड आईएएस वीके बाथम, रिटायर्ड आईएएस एसएस कुम्हरे, एलएनसीटी कॉलेज के चेयरमैन जय नारायण चौकसे, कांग्रेस नेत्री किरण अहिरवार, श्रमश्री के अध्यक्ष रामबाबू शर्मा, प्रदेश कांग्रेस सचिव सुनील बोरसे, जहांगीराबाद स्कूल की प्राचार्या ऊषा खरे, फ़िल्म डायरेक्टर सूरज प्रकाश, मोटिवेशनल स्पीकर राजेन्द्र सक्सेना, फ़िल्म डायरेक्टर बन्तेसा के पुत्र सागर, फादर आनंद मुदुगंल, मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रमोद तिवारी, समाजसेवी धर्मेंद्र शाह, मिसेज इंडिया 2019 की विजेता निमिषा सक्सेना, पार्षद गिरीश शर्मा और अमित शर्मा भी विशेष अतिथि के रूप में कर्मवीरों के सम्मान के साक्षी बनेंगे। इस सम्मान समारोह में शहर की प्रतिष्ठित विभूतियां एव प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहेंगे।
सोच में बदलाव लायेगा हमारा यह कदम : आर्य
दामिनी की आवाज सामाजिक संस्था की अध्यक्ष एवं समाजसेवी अनीता आर्य बताती हैं कि चूंकि हमारी संस्था समाज के विकास और जागृत के लिए प्रेरणादायक पुनीत कार्यों में सदा संलग्न रहती है और लोकतंत्र के एक सजग प्रहरी की भूमिका में महत्वपूर्ण भागीदारी कर रही है। इसलिये हमने समाज की सोच में एक प्रभावी बदलाव की शुरुआत करने की छोटी सी कोशिश के तहत ऐसे लोगों के सम्मान का बीड़ा उठाया है जिन्हें आज का आधुनिक समाज भी वह स्थान नहीं दे रहा जिसके वास्तव में वह हकदार हैं, जबकि हमारे जीवन कि कई जरूरतों के वह भागीदारी बने हुए हैं। हम उनके इस योगदान को रेखांकित करने गुरेज नहीं कर सकते। बस इसी सोच ने मुझे कर्मवीर सम्मान समारोह की नींव रखने को प्रेरित किया जिसे सभी के सहयोग से संपन्न किया जाएगा। लोकतंत्र के इस छोटे से प्रयास को जन मानस तक प्रेरणा स्वरूप ले जाने की हमारी कोशिश है।
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