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कमलनाथ सरकार ने एक साल में ही बदल दी मध्यप्रदेश की तस्वीर


मध्यप्रदेश में 15 वर्षों बाद प्रदेश की जनता ने बड़ी उम्मीद के साथ सत्ता में परिवर्तन कर कांग्रेस के हाथ में सरकार की कमान दी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के सबसे अनुभवी और वरिष्ठ नेता कमलनाथ जी को प्रदेश की बागडौर सौंपी। जनता की उम्मीद पर खरे उतरते हुए कमलनाथ जी ने प्रदेश के विकास की नींव पहले दिन ही रख दी थी जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद ही अन्नदाता किसानों के ऋण माफ करने वाली फ़ाइल पर हस्ताक्षर किये। 


पूर्ववर्ती सरकार ने 15 वर्षों में एक बार भी किसानों के ऋण माफ करने के बारे में नही सोचा जबकि किसानों की तरक्की में ऋण बाधा बने हुए थे। कांग्रेस के एजेंडे में हमेशा गरीब, मज़दूर और किसान प्राथमिकता रहे हैं उसी को दृष्टिगत रखते हुए खाली खजाने के बावजूद कमलनाथ सरकार ने ऋण माफी जैसा जोखिम उठाया। ये तो मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की दृढ़ इच्छाशक्ति और किसानों के लिए किए गए वचन के प्रति प्रतिबद्धता ही है कि उन्होंने चरणबद्ध तरीके से किसानों के फसली ऋण माफ करने की योजना पर काम किया। उन्होंने पहले चरण में करीब 20 लाख किसानों का 7154 करोड़ ₹ का ऋण माफ़ कर अपने वचन को निभाने की ओर पहला कदम बढ़ाया। दूसरे चरण में करीब 12 लाख किसानों के ऋण माफ करने की योजना तैयार की जिसके लिए 11 हज़ार 675 करोड़ ₹ की राशि स्वीकृत की गई है। कमलनाथ सरकार ने मक्का भावान्तर में 2 लाख 60 हज़ार किसानों को 514 करोड़ ₹ की राशि का भुगतान किया है। इंदिरा किसान ज्योति योजना में 10 एचपी के कृषि पंपों पर 50 प्रतिशत छूट के प्रावधान से करीब 20 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। 


सरकार के पहले ही वर्ष मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने गरीब कन्याओं के विवाह में आने वाले खर्चों को देखते हुए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि 28 हज़ार ₹ से बढाकर 51 हज़ार ₹ कर दी। वृद्ध जनों व विधवाओं के प्रति संवेदनशीलता प्रकट करते हुए उनके पेंशन की राशि 300 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपये प्रतिमाह कर दी गई। पहली बार आशा कार्यकर्ताओं को एएनएम पद पर नियुक्ति दी गई। भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा जनित महँगाई के दौर में इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत 100 यूनिट तक 100 रुपए बिल की योजना लाकर कमलनाथ सरकार ने गरीब व मध्यमवर्गीय सभी नागरिकों को राहत पहुंचाने का काम किया है।  


कहते हैं आदिवासी प्राचीन सभ्यता व संस्कृति के सच्चे संवाहक होते हैं। आदिवासियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने वन अधिकार के 8683 दावे निराकृत कर दिए। सहरिया, भारिया एवं बैगा परिवारों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए 2 लाख 21 हज़ार 519 महिलाओं को 155.06 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। आदिवासी समुदाय के देवस्थानों के संरक्षण के लिए आष्ठान योजना प्रारम्भ की गई है। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने आदिवासियों की ज़मीन गैर आदिवासियों के द्वारा खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।


कमलनाथ सरकार ने जहां एक ओर गरीब, मध्यमवर्गीय और छोटे किसानों को विभिन्न योजनाओं से लाभ पहुंचाया है तो दूसरी ओर भोपाल और इंदौर में मैट्रो रेल जैसी बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना को लागू कर निर्माण कार्य में गति देने का काम किया है। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सांची के निनोद ग्राम में 220 करोड़ की लागत में 27 होल का विश्वस्तरीय गोल्फ कोर्स बनाने के निर्णय से उन्नत प्रदेश की नई तस्वीर बनाने का प्रयास किया गया है।


हनुमान भक्त मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने हिन्दू धर्म में अपनी अगाध आस्था को प्रदर्शित करते हुए 12 ज्योतिर्लिंगों में श्रेष्ठ भगवान महाकालेश्वर के मंदिर परिसर के विकास के लिए 300 करोड़ ₹ की विकास योजना के साथ ओम्कारेश्वर तीर्थ स्थान के उन्नयन के लिए 156 करोड़ ₹ की राशि स्वीकृत की है। सरकार ने राम वन गमन पथ व प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में गौ शाला निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की है। ॐ सर्किट का निर्माण, क्षिप्रा की सफाई, नर्मदा जी का संरक्षण, पुजारी मानदेय में वृद्धि के साथ प्रदेश की 378 नगर पालिकाओं व नगर परिषदों में राम लीला मंचन की पुरानी परंपरा को संरक्षित करने के लिए स्थायी मंच बनाने की घोषणा कर कमलनाथ जी ने असल धार्मिक आस्था को प्रगट करने का काम किया है।


कमलनाथ सरकार ने मेग्नीफीसेंट मध्यप्रदेश का आयोजन कर प्रदेश में बड़े उद्योगों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया है जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तो सुधार होगा ही, प्रदेश के युवाओं को शैक्षणिक योग्यता अनुसार प्रदेश में ही काम मिल सकेगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों के लिए 70 प्रतिशत नौकरियां अनिवार्य कर प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कमज़ोर स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से समूचे महाकौशल क्षेत्र के लोग अपना इलाज करवाने नागपुर जाया करते थे। जनता की विशेष मांग पर माननीय मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने छिंदवाड़ा में सर्व सुविधा युक्त आधुनिक मशीनों से लैस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल का शुभारंभ कर न सिर्फ महाकौशल बल्कि पूरे प्रदेश को चिकित्सा के क्षेत्र में नई सौगात दी है। प्रदेश के जिला अस्पतालों में सुधार के लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं। खाद्य पदार्थों एवं खाद-बीज में मिलावट को रोकने और मिलावट खोरों पर सख्त कार्यवाही के उद्देश्य से 'शुद्ध के लिए युद्ध' जैसे अभियान आयोजित कर कमलनाथ सरकार समूचे देश मे अग्रणी हो गई है। इस अभियान की पूरे देश में सराहना हो रही है और कई राज्य सरकारें इस योजना को अपनाने का काम कर रही हैं। जब मैं यह कह रहा हूँ कि कमलनाथ सरकार ने एक साल में ही बदल दी मध्यप्रदेश की तस्वीर, तो इस बात का तात्पर्य ये है कि पिछली सरकार के संरक्षण में माफियाओं ने प्रदेश के हर क्षेत्र को जकड़ लिया था और आमजन उन माफियाओं की वजह से त्रस्त थे उनसे छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से वर्षों से जमे माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही कर कमलनाथ सरकार ने अपने असल मंसूबे स्पष्ट कर दिए हैं और समूचे प्रदेश को ये संदेश दिया है कि अवैध कब्जा, लूट और अड़ीबाजी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नही जाएगा चाहे वो कितना भी बड़ा तुर्रम खां क्यों न हो। इस कठोर कार्यवाही से माफिया मुक्त प्रदेश की नई तस्वीर सामने आई है। "शुद्ध के लिए युद्ध" अभियान के अंतर्गत 32 मिलावट खोरों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कड़ी कानूनी कार्यवाही की गई है क्योंकि ये अभियान जनता के स्वास्थ्य से सीधा जुड़ा हुआ है। इस अभियान ने भी प्रदेश की तस्वीर बदल कर रख दी है।


मध्यप्रदेश का राजस्व बढ़ाने की दिशा में पहली बार मध्यप्रदेश में रेत व अन्य गौण खनिजों की सार्वजनिक नीलामी की गई है जिसमें 36 जिलों की रेत खदानों की नीलामी से सरकार को करीब 1234 करोड़ रुपए की सालाना राजस्व आय हुई है। इससे पहले बीजेपी शासन काल में अधिकारी, नेताओं और दलालों की संगठित लूट की वजह से सरकार को रेत से सिर्फ 200 से 250 करोड़ रुपए का राजस्व ही मिलता था।कमलनाथ सरकार की ये कोशिश है कि हर वर्ग के लोगों के लिए किए गए वचनों पर वे खरे उतरें। चूंकि प्रदेश में सीमित संसाधन हैं, बीजेपी सरकार ने खज़ाना खाली करके दिया और उनकी सरकार में राजस्व आय को बढ़ाने की दिशा में कोई काम नही किया गया। ऐसी विपरीत परिस्थिति में कमलनाथ जी हर क्षेत्रों का बराबरी से ध्यान रखते हुए अनेकों विकास योजनाओं पर काम करते हुए अपने कौशल से राजस्व की आय बढ़ाने का काम कर रहे हैं। चूंकि सरकार को अभी एक साल हुए हैं और कांग्रेस ने जो भी वचन दिए हैं उसे पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ जी न सिर्फ वचनबद्ध हैं बल्कि कमर कस के बैठे हैं। प्रदेश के हर नागरिक को थोड़ा धैर्य रखने की ज़रूरत है। खासकर शिवराज सिंह चौहान जैसे नेताओं की बातों में फंसने की ज़रूरत नही है क्योंकि जिन्होंने अपने 15 वर्ष के शासनकाल में प्रदेश को धरातल पर पहुंचा दिया, अब वे हर चीज़ की तुरंत मांग कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ जी जितने अनुभवी हैं उतने ही संजीदा भी हैं। उनके दिमाग में मध्यप्रदेश के सुसंगत और समुचित विकास का खाका बना हुआ है वे अपने दीर्घ राजनीतिक अनुभव के साथ ऊर्जावान युवा कैबिनेट मंत्रियों के सहयोग से दिन रात मेहनत कर रहे हैं जिससे प्रदेश की तस्वीर न सिर्फ पूरी तरह से बदल जाये बल्कि उन्नत और खुशहाल मध्यप्रदेश की नई तस्वीर गढ़ी जा सके।



योगेन्द्र सिंह परिहार।


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