विकास पथ पर निरंतर आगे बढ़ता मध्यप्रदेश का लोक निर्माण


जनभागीदारी से  पर्यावरण में पाएंगे एक नया मुकाम, विजन 2020 प्रस्तुत


भोपाल।  विधानसभा भवन में लोक निर्माण एवं पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अन्य मंत्रीगणों के साथ कांग्रेस सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर लोक निर्माण एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत हासिल की गई कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां तथा आगामी वर्ष की कार्य योजना “विज़न 2020” मीडिया के समक्ष प्रस्तुत की। वर्मा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा एक वर्ष में 5434 कि .मी. लम्बाई की सड़कों का 5480 करोड़ की लागत से निर्माण कराया गया है । लोक निर्माण विभाग द्वारा वचन पत्र के बिन्दुओं के पालन हेतु सर्वोच्च प्राथमिकता पर कार्यवाही की जा रही है जिनमे से कई बिन्दुओं पर कार्य संपन्न हो चुका है । 2316 करोड़ की लागत से 1775 कि.मी. सड़कों का योजना मद में निर्माण,  
683 कि.मी. सड़कों में 308 करोड़ की लागत से मजबूतीकरण किया गया है।  लगभग 1800 किमी सड़कों के नवीनीकरण का कार्य 174 करोड़ की लागत से किया गया। इसके अलावा 29 वृहद पुलों का निर्माण 318 करोड़ की लागत से किया गया है। न्यू डेवलपमेंट बैंक से 500 मिलियन डॉलर अर्थात 3250 करोड़ का ऋण प्राप्त कर कुल 82 महत्वपूर्ण मार्गो, जिनकी लम्बाई 1905 किमी है, का कार्य कराया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत रुपये 461 करोड़ की लागत से 200 किमी सड़कों का निर्माण,  
सेतु प्रोजेक्ट योजना के अंतर्गत 260 वृहद पुलों का निर्माण किया गया है। इस योजना में विगत एक वर्ष में रुपये 106 करोड़ का व्यय किया गया है। वर्मा ने बताया कि पीआरडीसी उपक्रम के अन्तर्गत 976 किमी लम्बाई की सड़कों का 2724 करोड़ की लागत से निर्माण किया गया। इसके अलावा 579 कार्य जिनकी लागत रुपये 1661.91 करोड़ है, बजट में सम्मिलित किये गये। 10 करोड़ से अधिक लागत के कार्यो का मूल्यांकन थर्ड पार्टी द्वारा किया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि मण्डल स्तरीय प्रयोगशालाओं का उन्नयन एनडीबी परियोजना के अन्तर्गत किया गया है।  सड़कों के निर्माण में सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सड़कों के निर्माण में जियोमेट्रिक डिजाईन, रोड़ मार्किंग एकं रोड़ फर्नीचर का प्रावधान किया गया है। किसानों की अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा नये प्रावधानों के अंतर्गत दिया जा रहा है। जिला मुख्यालय से तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाले मार्गो का उन्नयन किया जा रहा है। ओव्हर ब्रिज एवं अण्डर ब्रिज को प्राथमिकता देते हुए 50  कार्य प्रगति पर है। एडीबी 5 परियोजना के एक कम्पोनेंट कैशलेस एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम में रुपये 30000 की राशि तक दुर्घटना सहायता का प्रावधान रखा गया है ।  सभी प्रकार के वाहनों को टोल बूथों पर लम्बे इंतजार से बचने के लिए टोल भुगतान प्री-पेड व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है । फास्टटैग प्रणाली हेतु एमओयू का कार्य किया गया है। 


पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रख सड़क निर्माण :


लोक निर्माण मंत्री सज्जन वर्मा ने बताया कि राज्य की सड़कों के निर्माण में पर्यावरण सुरक्षा के मध्देनजर ग्रीन रोड़ कंस्ट्रक्शन की थीम को बढ़ावा दिया जा रहा है।  निर्माणधीन सड़कों के दोनों और वृक्षारोपण किये जाने हेतु निर्णय लिया गया है । उपरोक्त कंसेप्ट के अंतर्गत थर्मल पॉवर स्टेशन से 300 किमी की परिधि में आने वाले निर्माण कार्यो में फ्लाई एश के उपयोग को अनिवार्य किया गया है। सड़कों के निर्माण में अन्य देशो में प्रयुक्त उन्नत टेक्नोलॉजी का प्रायोगिक तौर पर उपयोग के साथ वेस्ट प्लास्टिक का भी सड़कों के निर्माण में उपयोग किये जाने का निर्णय, अन्य राज्यों असम, उड़ीसा, कर्नाटक एवं तमिलनाडु में प्रचलित बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन किया गया। 


पुलों के निर्माण हेतु एक पंचवर्षीय योजना:


मंत्री वर्मा ने बताया कि विज़न 2020 के अंतर्गत प्रदेश में बड़े स्तर पर पुल पुलियाओं, फ्लाई ओवर्स पर फोकस होगा।  प्रदेश में पुलों के निर्माण हेतु एक पंचवर्षीय योजना तैयार की गई है। पांच वर्षो में 400 नग पुलों जिनकी अनुमानित लागत लगभग 200 करोड़ होगी, का निर्माण कराया जायेगा। 158 किमी लम्बाई के 6 मार्गो के लिये लगभग 200 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया गया हैै। केन्द्रीय सड़क निधि योजना के अन्तर्गत 450.45 करोड़ के कार्यो की निविदायें स्वीकृत की गई। 328 कार्य जिनकी लागत 1118 करोड़ है, के कार्यो की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी कर निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। आगामी 5 वर्षो में 3540 करोड़ की लागत से 17 नग फ्लाई ओवर एवं 55 नग आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है। 2552 पुल पुलियों का निर्माण करने हेतु चिन्हित किये गये है। वर्मा ने कहा कि विभाग में नवाचार को अपनाना गया। जिसके तहत
बेहतर नियोजन हेतु रोड़ ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम एवं दीर्घकालिक सड़क निर्माण योजना का निर्माण किया गया। 


पर्यावरण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए 


लोक निर्माण एवं पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि राज्य जलवायु परिवर्तन ज्ञान प्रबंधन केंद्र स्थापना एप्को में की गई। जलवायु परिवर्तन पर नवीन ज्ञान का सृजन, जानकारियों का संकलन कर विभिन्न हितधारकों को उपलब्ध कराने के साथ प्रदेश के समस्त 52 जिलों में आगामी वर्षों में तापमान और वर्षा के सम्बन्ध में वैज्ञानिक अध्ययन किया गया। एप्को को जलवायु परिवर्तन संवेदनशीलता अध्ययन हेतु इस वर्ष का राष्ट्रीय जल मिशन प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। 15000 से अधिक वेटलैंड की जिला एवं ब्लाक स्तर की इन्वेंट्री तैयार की गई है। जलाशयों का संरक्षण करने हेतु सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य शिवपुरी झील में किया गया। इंदौर जिले की कुँए बावडियों का संरक्षण, बुरहानपुर की ऐतिहासिक जल संरचनाओं का संरक्षण, महात्मा गाँधी की 150 वी जयंती के अवसर पर गाँधी प्रसंग कार्यक्रमों का आयोजन, जलवायु परिवर्तन प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री जलवायु परिवर्तन पीएचडी छात्रवत्ति के माध्यम से जन जागरण कार्यक्रम, पुरे प्रदेश में 60 पर्यावरण संरक्षण जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन, ग्रीन गणेश अभियान, नदियों को प्रदुषण से बचाने हेतु इको फ्रेंडली गणेश मूर्तियों को बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। 


विजन 2020 : पर्यावरण संरक्षण हेतु विशेष योजना


मंत्री वर्मा ने बताया कि राज्य पर्यावरण नीति 2000 के पुनरीक्षण का कार्य,  राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य योजना 2014 के पुनरीक्षण का कार्य, प्रत्येक जिले के लिए जिला पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास योजना, प्रदेश में जलवायु परिवर्तन शमन एवं अनुकूलन से संबंधित कार्य,  महात्मा गाँधी की 150 वी जयंती के उपलक्ष्य में गाँधी फैलोशिप के साथ प्रदेश के 10 शहरी जलाशयों के पर्यावरणीय संरक्षण एवं उन्नयन की कार्ययोजना तैैैयार की गई है। उन्होंने बातया कि ग्रीन गणेश अभियान के तहत 50000 इको फ्रेंडली मूर्तियाँ बनाकर कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा अमृत सागर तालाब रतलाम के पर्यावरणीय संरक्षण की कार्ययोजना बनाई जाएगी। 


 


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