'खाली खजाना' भरने लोगों को 'बेबड़ा' बनाएगी सरकार


प्रदेश में खुलेंगी शराब की 500 उपदुकानें
भोपाल । शराब के जरिए राजस्व भरने की कवायद में जुटी नाथ सरकार अब वित्तीय वर्ष के बचे 2 माह के लिए भी उपदुकानें खोलने को मंजूरी देने जा रही है। सरकार ने कहा है कि ठेकेदार चाहें तो चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले फरवरी और मार्च दो महीने के लिए शराब की उप दुकानें खोल सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें सालभर के लिए निर्धारित अतिरिक्त शुल्क जमा करना होगा। उप दुकान खोलने की अनुमति संबंधित जिले के कलेक्टर देंगे। दरअसल, सरकार ने हाल में आबकारी नीति में बदलाव किया है। इसके तहत शराब लायसेंसी को उप दुकान खोलने की अनुमति दी जाएगी। शहरी क्षेत्र में 5 किलोमीटर की परिधि में शराब की दुकान नहीं होने पर जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 10 किलोमीटर की परिधि में शराब दुकान नहीं होने पर उप दुकान खोलने की मंजूरी दी जाएगी। उप दुकान खोलने के लिए सालाना शराब ठेके के अतिरिक्त राशि देना होगी। शराब दुकान के लायसेंस शुल्क के आधार पर उप दुकानों के अतिरिक्त शुल्क का स्लैब तैयार किया गया है।
मिलेगा 1500 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व 
आबकारी विभाग के सूत्रों का कहना है कि सरकार ने जिस तरह से शराब की उप दुकानें खोलने के लिए दूरी की शर्त तय की है, उससे प्रदेश में करीब 500 उप दुकानें खुलने का अनुमान है। इसमें देसी और विदेशी शराब की उप दुकानें शामिल हैं। इससे सरकार को सालभर में करीब 1500 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने के आसार हैं। प्रदेश में शराब की करीब 3600 दुकानें हैं। इनमें 1061 विदेशी शराब दुकानें और करीब 2500 देसी शराब दुकानें हैं।
उप दुकान खोलने यह होगी अतिरिक्त राशि
- 2 करोड़ रुपए तक की शराब दुकान संचालक को उप दुकान खोलने 15 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देना होगी।
- दो करोड़ से 5 करोड़ रुपए मूल्य की दुकान के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देनी पड़ेगी।
- 5 करोड़ रुपए से अधिक की शराब दुकान संचालक को उप दुकान खोलने 5 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देना होगी।
- किसी मुख्य शराब दुकान के लिए एक या एक से अधिक उप दुकानें भी स्वीकृत की जा सकेंगी। 


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