शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत की वृद्धि


भोपाल। मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में शासकीय सेवकों को देय महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत वृद्धि का निर्णय लिया गया। बैठक में शासकीय सेवकों/पेंशनरों/शिक्षक संवर्ग/ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिवों तथा स्थायी कर्मियों को देय महंगाई भत्ता/महंगाई राहत की दर में एक जुलाई 2019 ( भुगतान माह जुलाई 2019 का वेतन/पेंशन माह अगस्त 2019 में देय) से सातवें वेतनमान में 5 प्रतिशत की वृद्धि अर्थात 12 प्रतिशत को बढ़ाकर 17 प्रतिशत तथा छठवें वेतनमान में 10 प्रतिशत की वृद्धि अर्थात 154 प्रतिशत को बढ़ाकर 164 प्रतिशत करने का मंत्रि-परिषद ने अनुमोदन किया। महंगाई भत्ता/महंगाई राहत की बढ़ी हुई राशि का भुगतान मार्च 2020 के वेतन/पेंशन (माह अप्रैल 2020 में देय) से किया जाएगा । एक जुलाई 2019 से 29 फरवरी 2020 की अवधि के एरियर की राशि के भुगतान के लिए पृथक से आदेश जारी किए जायेंगे। 
लोक सेवा आयोग में 2 सदस्य नियुक्त
मंत्रि-परिषद ने रामू टेकाम तथा राशिद सुहैल सिद्दीकी को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त करने का अनुमोदन किया। बैठक में मध्यप्रदेश रेत (खनन,परिवहन,भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 में संशोधन के लिये 7 फरवरी 2020 को मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में जारी अधिसूचना को भी अनुमोदित किया गया।
नोवल कोरोना वायरस का प्रसार रोकने पर हुई चर्चा
राज्य में नोवल कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये जारी दिशा-निर्देशों पर भी मंत्रि-परिषद में चर्चा हुई । बैठक में जानकारी दी गई कि भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया गया है, जो स्थिति की सूक्ष्मता से समीक्षा कर रहा है । केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा संसद में सामूहिक समारोहों और अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है । सामूहिक स्तर पर समारोहों की अनुमति नहीं देने के लिये भी निर्देशित किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार राज्य सरकारों से नोवल कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये सक्रिय कदम उठाने का आग्रह कर रहा है । मध्यप्रदेश सरकार भी इस दिशा में आवश्यक कदम उठा रही है । राज्य में स्कूल, कॉलेज, आँगनवाड़ी, सार्वजनिक पुस्तकालय, वाटर पार्क, जिम, स्वीमिंग पूल, सिनेमा हॉल और मैरिज हॉल को आगामी आदेश तक बंद रखने, आधिकारिक यात्रा, प्रशिक्षणों तथा सार्वजनिक समारोहों को स्थगित रखने और 20 से अधिक लोगों की सभाओं के आयोजन को रोकने के लिये कानूनी उपाय किये जा रहे हैं ।


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