मध्यप्रदेश में पहली बार जेल में ऑनलॉक वीडियो कॉल


बंदियों ने फेस-टू-फेस परिजन से की बात, बेटे से बात होते ही रो पड़ी मां


भोपाल। मध्यप्रदेश की जेलों के जेलों में पहली बार बंदियों के लिए वीडियो कॉलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शुक्रवार सुबह इसकी शुरूआत करते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने फोन से एक बंदी की मां से उनकी बात कराई। बेटा का चेहरा और आवाज सुनते ही मां रोने लगी। बार-बार बेटे से पूछ रही थी कैसे हो। बेटा भी मां को दिलासा दिलाते हुए कह रहा था- सब ठीक है। इसी तरह अन्य बंदियों के परिजनों ने भी अपने परिजनों से फेस-टू-फेस बात की। गृहमंत्री ने इसे जेलों से ई-मुलाकात का नाम दिया है। लॉकडाउन के कारण 23 मार्च के पहले से जेलों में बंद बंदियों से परिजन मुलाकात नहीं कर पाएं हैं। इतने लंबे समय बात अपनों से बात होने पर मां और परिजनों के आंसू छलक आए।


इस तरह कर सकते हैं बात


जेलों में बंदियों की जानकारी को भारत सरकार के एनआईसी के ई-प्रिंट सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंप्यूटर में अपलोड किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर में ई-मुलाकात व्यवस्था का प्रावधान है। इस ई-मुलाकात व्यवस्था के अंतर्गत बंदियों के परिजन वेबसाइट के माध्यम से बंदियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुलाकात करने के लिए आवेदन दे सकते हैं। उनके ई-मुलाकात के आवेदन जेल अधीक्षक द्वारा स्वीकृत होने पर बंदी के परिजन अपने घर से ही एक स्मार्ट फोनध् डेस्कटॉपध् टेब के माध्यम से अथवा किसी उचवदसपदम सेंटर से, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बंदी से ई-मुलाकात कर उनका वीडियो देख सकेंगे एवं उनसे बात कर सकेंगे।


15 दिन पहले कहा था-वीडियो कॉल की सुविधा मिलेगी



नरोत्तम मिश्रा ने करीब 15 दिन पहले प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को अपने परिजनों से बात करने के लिए वीडियो कॉल की सुविधा उपलब्ध कराई जाने की बात कही थी। अभी जेलों में कैदियों को अपने परिजनों से टेलिफोनिक बात करने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना संक्रमण काल में कैदियों के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए काढ़े के साथ ही खाने के साथ अब सलाद भी दी जाने लगी है।


31 अगस्त तक मुलाकात पर प्रतिबंध


प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए जेल में बंद बंदियों से मिलने के लिए 31 अगस्त तक प्रतिबंध है। पहले यह 30 जून तक था, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया गया। डीजी जेल संजय चैधरी ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते 23 मार्च से लॉकडाउन शुरू किया गया था। इसके तहत जेल में बंदियों से मुलाकात पर भी 31 मई तक रोक लगा दी गई थी। वहीं, प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए मुलाकात पर रोक की अवधि एक माह और बढ़ाकर यह 30 जून तक कर दी थी। इसके बाद शासन के आदेश पर अब इसे 31 अगस्त तक किया गया है।


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