जनता महंगाई, महामारी और भ्रष्टाचार से जूझ रही, भाजपा सत्ता का खेल खेल रही है : पांसे


सरकार बस और ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को अनदेखा कर रही, परिवहन के अभाव में जनता त्रस्त


भोपाल । पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने  पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि, कोई भी आम आदमी इस बात को आसानी से समझ सकता है कि ईंधन के भाव बढ़ने की सीधी मार देश के किसानों पर, उद्योगों पर और हर नागरिक के दैनिक जीवन पर पड़ती है। आज जब देश कोविड-19 के संक्रमण की आपदा से गुजर रहा है तो देश के नागरिकों को सरकार से मदद की दरकार रहती है, लेकिन मोदी जी तो आपदा को भी सरकार के लिये अवसर में बदलनें की बात बोल कर देश की नागरिकों को ही हलाकान करनें में लगे हैं। विश्व बाजार में कच्चा तेल सस्ता होनें के बाद भी देश के नागरिकों को इसका लाभ न देकर भाजपा की सरकार बड़े उद्योगपतियों को राहत देनें में लगी है। पूरे विश्व में पेट्रोल डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स भारत में लिया जा रहा है। क्रूड आयल के रेट 2014 में 100 डॉलर से भी अधिक थे, आज मात्र 40 डाॅलर है। लेकिन इसका फायदा मोदी सरकार ने जनता को नहीं दिया। वर्ष 2014 में पेट्रोल पर 9.48 रूपये का टैक्स था और डीजल पर 3.56 रूपये जो आज बढ़कर पेट्रोल में 32.98 रूपये और डीजल पर 31.83 रूपये हो गया है।
डीजल-पेट्रोल के निम्न हिस्से हैं:
बेस प्राइस भाड़ा -  20 रूपये से भी कम क्रूड आयल के रेट में कमी के कारण,
डीलर कमीशन -  2 से 4 रूपये
एक्साइज ड्यूटी-  लगभग 33 रूपये
मध्यप्रदेश में 5 जून को पेट्रोल का रेट 77.58 रूपये था वो अब 90 रूपये हो गया है। डीजल का रेट 68.28 रूपये था वो अब 82 रूपये हो गया है। डीजल के बढ़ते रेट के कारण ट्रक ऑपरेटर्स ने अभी हाल ही मैं तीन दिन की हड़ताल भी की थी। लाॅकडाउन के कारण ट्रक महीनो तक खड़े रहे पर सरकार रोड टैक्स पर लेट पेमेंट पेनल्टी ले रही है। बीते 13 जून से मध्यप्रदेश में एक रूपये का सेस भी लगा दिया गया है। जब से केंद्र में मोदी सरकार काबिज हुई है तब से मंहगाई चरम पर है। खाद्य सामग्री हो, रेल्वे का किराया हो या भाड़ा किसी भी वस्तु के दामों पर सरकार नियंत्रण नही रख पा रही है ।  विपक्ष में रहकर मोदी जी ने तेल के 50 पैसे दाम बढ़ने पर भी खूब हो हल्ला मचाया था जैसे उनके सत्ता में आते ही तेल के दाम बढ़ेंगे ही नही।
वर्ष 2014 में कच्चे तेल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक थे, तब भी डीजल-पेट्रोल के दामों में मनमोहन सिंह जी की सरकार में इतनी वृद्धि नहीं हुई जितनी आज जब कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 40 डाॅलर प्रति बैरल है। आज 90 रुपये लीटर पेट्रोल और 82 रुपये लीटर डीजल के दाम हो गए है जो कि अभी तक के सबसे उच्चतम दाम है।
मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को सम्हालने में नाकाम साबित हुई है और अपने मित्र धन्नासेठों को मदद करने के लिये रोज पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। देश के जो सरकारी उपक्रम अर्थव्यवस्था प्रदान करते थे। उन्हें एक-एक कर कौड़ी मोल निजी हाथों में बेचा जा रहा है। ऐसे में आप जनता की जेब से रुपये निकालने का सबसे आसान रास्ता डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाते चले जाओ यही मोदी सरकार कर रही है।
आज पूरा देश कोरोना संक्रमण लॉकडाउन के चलते आर्थिक रूप से टूट चुका है आंकड़े बताते है लगभग 16 करोड़ रोजगार छिन गए हैं। जो जमा पूंजी गरीब मध्यम वर्ग के पास थी वह खत्म हो गई है। गरीब और मध्यम वर्ग के लिये परिवार का पालन पोषण कठिन हो गया है ऐसे में ये वर्ग सरकार से बहुत उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन सरकार की सारी घोषणाएं जुमला साबित हुई है। कोई राहत अभी तक लोगों को प्राप्त नही हुई। उल्टा पेट्रोल डीजल के मनमाने दाम बढ़ाकर कर सरकार अपना खजाना तो भर रही है लेकिन आम आदमी को कंगाल करने में कोई कसर नही छोड़ रही है। आर्थिक नीति में पूरी तरह विफल सरकार से किसी तरह की आशा रखना बेमानी है।


Comments

Popular posts from this blog

चर्चा का विषय बना नड्डा के बेटे का रिसेप्शन किट

मांगी थी 4 करोड़ की फिरौती, 6 साल बच्चे के अपहरण के बाद हत्या

रमाकांत आर्ट गैलरी में जयश्री सरकार की पेंटिंग का प्रदर्शन