व्यापम की तर्ज पर स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ घोटालेबाज़ी ना करे सरकार : कुणाल चौधरी


भोपाल । मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अब  प्रदेश की 12 हजार 876 सरकारी स्कूलों को बंद करने की तयारी में है. राज्य शिक्षा केंद्र ने एक आदेश जारी कर जिले के अधिकारियों से कहा कि उन स्कूलों की समीक्षा की जाए जहां छात्रों की संख्या 0 से 20 है.  राज्य शिक्षा केंद्र की सूची में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के जिलों में सबसे ज्यादा स्कूल बंद होंगे. इस मामले को लेकर अब मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष और कालापीपल से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है. कुणाल चौधरी ने कहा कि शिवराज सरकार पहले ही देशभर में व्यापम जैसे शिक्षा घोटाले के लिए मशहूर है और अब करीब 13 हज़ार सरकारी स्कूलों को बंद करना का यह फैसला बताता है कि लोकतंत्र और किसान विरोधी के साथ-साथ यह सरकार शिक्षा विरोधी भी है. कुणाल चौधरी ने कहा कि जब तक प्रदेश के बच्चे शिक्षित नहीं होंगे तो उन्हें रोज़गार कैसे मिलेगा, आने वाले समय में कोई भी आसानी से इन्हे साथ धोखा-धड़ी भी कर सकता है और बच्चे पढ़ेंगे नहीं तो अपने अधिकारों के लिए कभी दूसरों से सवाल भी नहीं पूछ पाएंगे. 
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 15 महीनो की कमलनाथ सरकार में सीएम कमलनाथ ने शिक्षा पर ज्यादा ज़ोर दिया था और 15 साल के बीजेपी के शासन में चरमराई शिक्षा व्यवस्था को ठीक किया था. उन्होंने ने कहा कि सीएम कमलनाथ ने प्रदेश के युवाओं को देश में सबसे अच्छी शिक्षा दी और उसे और बेहतर कई निर्णय भी लिए.  पर अब शिवराज सिंह चौहान ने व्यवस्था को बेहतर बनाने की बजाय स्कूल बंद करने का आदेश देते हुए उस व्यवस्था का ही बेरहम क़त्ल करने का फैसला लिया है. कुणाल चौधरी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को चेतनवानी देते देते हुए कहा कि अगर इन स्कूलों को बंद किया गया तो युवा कांग्रेस पुरे में सड़को पर उतारेगी. 
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि युवा कांग्रेस बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, मगर सरकार को व्यापम घोटाले की तरह स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ घोटाले बाज़ी नहीं करने देगी. कुणाल चौधरी ने सीएम शिवराज सिंह को तत्काल प्रभाव से यह फैसला लेने की भी चूनौती देते हुए कहा है कि यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो युवा कांग्रेस आंदोलन करने के लिए मज़बूर होगी और उसके बाद जो भी होगा उसके लिए सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के सीएम ज़िम्मेदार होंगे.


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