पुलिस कर्मचारियों को सप्ताह में एक बार मिले छुट्टी : मिर्ची बाबा

 

-अब पुलिसकर्मियों के समर्थन में उतरे धर्म गुरु श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज

भोपाल। हिंदुत्व को लेकर विगत दिनों बड़ा बयान देने वाले जाने-माने धर्मगुरू श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज मिर्ची बाबा ने एक और बड़ा बयान दिया है। इस बार धर्मगुरु पुलिसकर्मियों के समर्थन में उतरे हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों को हफ्ते में एक बार अनिवार्य रूप से छुट्टी दिये जाने का जोरदार समर्थन किया है। धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और शिवराज के राज में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को कोई भी सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। पुलिस आज भी अंग्रेजों के जमाने की तरह अधिकारियों और नेताओं की तीमारदारी और सेवा का शिकार हो रही है। धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि राज्य सरकार के सभी विभागों में अब हफ्ते में 5 दिन का काम लिया जा रहा है, जबकि पुलिसकर्मियों को सातों दिन 24 घंटे की ड्यूटी लगी रहती है। उन्हें छुट्टी ना मिलने के कारण कई पुलिसकर्मी जहां गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, वहीं उनके अंदर अवसाद की भावना भी बढ़ती जा रही है। जिससे पुलिसकर्मियों का आकस्मिक निधन भी हो रहा है। मिर्ची बाबा ने कहा कि इस ओर राज्य सरकार को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। मिर्ची बाबा ने यह भी कहा कि जिस तरह पुलिस प्रदेश की जनता और सरकार की सुरक्षा में लगी रहती है, उस तरह उनको सुविधाएं नाममात्र की भी नहीं है। 

यह है प्रदेश पुलिस की पीड़ा 

मिर्ची बाबा ने राज्य के पुलिस कर्मियों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं अन्य परेशानियों का जिक्र भी किया है। उन्होंने इन परेशानियों का जिक्र करते हुए सरकार से उसके निराकरण की मांग उठाई है। मिर्ची बाबा ने कहा है कि जो परेशानी पुलिस को है उसमें, पौष्टिक आहार भत्ता-650 रु. एक माह के लिए मिल रहा है जबकि सायकल भत्ता-30 रुपये एक माह के लिए मिलता है। केंद्र व अन्य राज्यों का डीए 28 फीसदी है जबकि मध्यप्रदेश के कर्मचारियों का डीए 12 फीसदी है। पुलिसकर्मियों को बीट की नौकरी खुद की मोटरसायकल व खुद की पेट्रोल से करनी पड़ रही। एक दिन छोड़कर गश्त करनी पड़ रही है। रोजाना कम से कम 14 घण्टे से ज्यादा काम करना पड़ रही है। सप्ताहिक अवकाश हवा हवाई है। विभाग के वरिष्ठ अफसरों द्वारा जरा जरा सी बात पर छोटे पुलिस कर्मचारियों को  निलम्बन झेलना पड़ता है। इसी कारण पुलिसकर्मियों में आत्महत्या की अनेकों घटनाएं सामने आ रही है। छुट्टी न मिलने से अनेकों बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्हें न किसी त्योहार की छुट्टी, न बच्चो पर ध्यान दे पाते हहैं।  इसके अलावा डियुटी के दौरान नेता, पत्रकार, वकील, अधिकारियों, डॉक्टर व अन्य कई लोगो द्वारा प्रतिदिन प्रताड़ना व धमकाना भी आम बात है।

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