Skip to main content

जानिए कर्नाटक, उत्तराखंड और असम के बाद अब गुजरात के मुख्यमंत्री ने क्यो दिया इस्तीफा

5 महीने में भाजपा ने बदले 4 राज्यों के मुख्यमंत्री, अब अगली  किसकी ? 



गांधीनगर। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे देने का सिलसिला विगत 5 माह से जारी है। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ा गया है, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी मे अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार दोपहर राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। पिछले कुछ समय में भाजपा के शासन वाले कई राज्यों में मुख्यमंत्री बदले गए हैं। पिछले पाँच महीने के भीतर ही भाजपा ने चार राज्यों में मुख्यममंत्री बदले हैं। कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा, उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद सिंह रावत के अलावा असम में सर्वानंद सोनोवाल ने हाल ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उत्तराखंड में दो बार मुख्यमंत्री बदलने के बाद पुष्कर सिंह धामी के हाथों राज्य की कमान सौंपी गई है। इसी तरह पूर्वोत्तर राज्य असम में सर्वानंद सोनोवाल के बाद हिमंता बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री पद मिला और कर्नाटक में येदियुरप्पा के बाद बासवराज बोम्मई मुख्यमंत्री बने। अब इसी लाइन में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी अपना नाम दर्ज करा लिया है। यहां अभी किसी को जिम्मेदारी नहीं मिली है। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। रुपाणी का इस्तीफा इसीलिए लिया गया है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि जनवरी में ही रुपाणी के इस्तीफे की नींव आरएसएस की बैठक में रखी गई और मुहर अगस्त के आखिर में मोहन भागवत के दौरे में लगी। दरअसल अगले साल होने वाले चुनाव की रणनीति लगभग बनकर तैयार है। सूत्रों की मानें तो 15-16 सितंबर के बाद आरएसएस यहां दो बैठकें कर सकता है। एक बैठक राज्य स्तर की होगी, जिसमें भाजपा के नेता भी शामिल रहेंगे तो दूसरी बैठक आरएसएस के पदाधिकारियों के बीच होगी। इसमें अखिल भारतीय स्तर के टॉप आरएसएस लीडर शामिल होंगे।

इस्तीफे के बाद मीडिया से बातचीत में विजय रुपाणी ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई। उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का विशेष मार्गदर्शन मिलता रहा है। रुपाणी ने कहा पिछले पांच वर्षों में गुजरात के विकास में योगदान देने का जो अवसर मिला, उसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं। उन्होंने कहा, गुजरात की विकास की यह यात्रा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक नये उत्साह के साथ नए नेतृत्व के साथ आगे बढ़नी चाहिए, इसे ध्यान में रखकर मैंने त्यागपत्र दिया है। विजय रुपाणी ने कहा कि समय के साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व बदलना भाजपा की परंपरा रही है। उन्होंने कहा, यह इस पार्टी की विशेषता है। मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र देने के बाद मैंने पार्टी के संगठन में नई ऊर्जा के साथ काम करने की इच्छा जताई है।

मोदी के नेतृत्व में लड़ेंगे गुजरात चुनाव

एक सवाल के जवाब में रुपाणी ने कहा, हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ते हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा हर राज्य में चुनाव लड़ती है। इस बार भी हमारे पास मज़बूत नेतृत्व है, उनके नेतृत्व में हम चुनाव लड़ेंगे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाई। यह पूछे जाने पर कि जब सब कुछ सही था, तो फिर उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, इस पर रुपाणी मे कहा, हमारी पार्टी में यह स्वाभाविक प्रक्रिया है। कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाती है। हम इसे पद नहीं, जिम्मेदारी कहते हैं। मुझे पांच साल सीएम पद की जिम्मेदारी दी गई। अब पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, वो मैं करूंगा।

गुजरात के लोगों का शुक्रिया अदा किया

विजय रुपाणी ने गुजरात के लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, पिछले पांच वर्षों में उपचुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव में भी पार्टी को जनता का सहयोग और विश्वास मिला है। जनता का विश्वास भाजपा की ताकत बनी है और मुझे भी लगातार काम करते रहने की ताकत मिली है।

यह है रुपाणी के हटने की वजह

आरएसएस सूत्रों के मुताबिक रुपाणी के अभी हटने की दो वजह हैं। पहली वजह यह है कि चुनाव के लिए भाजपा को ऐसा चेहरा चाहिए था जिस पर कोरोना के दौरान राज्य में हुई अव्यवस्था का दाग न लगा हो। एक अच्छा स्पीकर हो और जो चुनाव में गुजरात की जनता को साध सके। यह काम रुपाणी बिल्कुल भी नहीं कर सकते। दूसरी और अहम वजह यह है कि कोरोना काल में हुई अव्यवस्था का ठीकरा फोड़ने के लिए एक सिर भाजपा और आरएसएस को चाहिए। रुपाणी जैसे आज्ञाकारी लीडर के सिर पर इसका ठीकरा भी फूट गया और केंद्र ने नेतृत्व परिवर्तन कर जनता को जता भी दिया कि मुख्यमंत्री के कामों की समीक्षा की वजह से उन्हें हटाया गया। केंद्र ने सख्त फैसला लिया।


Comments

Popular posts from this blog

हेयर ट्रीटमेंट को लेकर सजग हो रहे लोग : राज श्रीवास

सुनीता ब्यूटी एकेडमी द्वारा दो दिवसीय हेयर मास्टर क्लॉस का आयोजन भोपाल। सौंदर्य के क्षेत्र में कार्यरत राजधानी की जानीमानी संस्था सुनीता ब्यूटी एकेडमी भोपाल द्वारा आनंद नगर में प्रारम्भ किए गए अपने नवीन आउटलेट में 2 दिन का हेयर आर्टिस्ट डिप्लोमा क्लॉस आयोजित किया गया। उक्त जानकारी देते हुए सुनीता ब्यूटी एकेडमी भोपाल की संस्थापक सुनीता सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ के हेयर गुरु के नाम से मशहूर तथा  जानेमाने हेयर एक्सपर्ट राज श्रीवास के मार्गदर्शन में दो दिवसीय हेयर मास्टर क्लॉस और हेयर आर्टिस्ट डिप्लोमा क्लॉस का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय सत्र में पहले दिन इंटरनेशनल  हेयर कट टेक्निक, एडवांस ब्लो ड्राई स्टाइलिंग, इंटरनेशनल  हेयर कलर टेक्निक, ऑफ्टर कलर स्टाइलिंग, कलर केयर एंड टेक्निक की जानकारी दी जी। वहीं सत्र के दूसरे दिन हेयर नैनो प्लास्टिया ट्रीटमेंट, मेगा साइन ट्रीटमेंट,  इको प्लास्टिया ट्रीटमेंट, हेयर बोटोक्स ट्रीटमेंट, हेयर कॉलेजेन ट्रीटमेंट,  फ्रिज़ ऑट हेयर ट्रीटमेंट की जानकारी सभी ब्यूटी आर्टिस्टों की दी गई। ब्यूटी एक्सपर्ट सुनीता सिंह और गायत्री मालवीय द्...

जेल के अन्दर का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर जेल की सुरक्षा के साथ किया खिलवाड़ : मिर्ची बाबा

मिर्ची बाबा ने केंद्रीय जेल अधीक्षक के कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल कहा, कैदियों के पेट काटकर उनकी स्वंत्रता और गरिमा तथा जेल की गोपनीयता कर रहे भंग भोपाल। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने केंद्रीय जेल भोपाल के अधीक्षक पर कैदियों के पेट काटकर उनकी स्वंत्रता और गरिमा तथा जेल की गोपनीयता कर रहे भंग करने का आरोप लगाया है। मिर्ची बाबा ने कहा कि मुझे विशेष सूत्रों के माध्यम से पता चला है कि जेल में बंद कैदियों के पेट का हक काट कर जेल अधीक्षक ने कथावाचक  अनिरुद्धाचार्य की कथा का आयोजन केंद्रीय जेल में किया गया एवं कथा के दौरान संबंधित कैदियों से समव्यावहार व बातचीत का वार्तालाप कथावाचक के यूट्यूब चैनल पर भी चलाया जा रहा है । मिर्ची बाबा ने कहा कि केन्द्रीय जेल भोपाल में वर्ष 2023 में कथावाचक हरि ठाकुर चंडीगढ़ एवं वर्ष 2024 में कथावाचक आचार्य अनिरुद्धाचार्य की बड़े स्तर पर दो भागवत कथाओं का आयोजन किया गया था। सवाल यह उठता है कि आयोजन में खर्च की गई राशि और उसकी अनुमति क्या प्रशासन से ली गई थी।  उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन के...

भूमि पूजन करने आईं मंत्री, मधुमक्खियों ने लगवा दी दौड़

जान बचाकर दौड़ीं, काम नहीं आई सरकारी सुरक्षा व्यवस्था  मंच से शुरू हुआ मधुमक्खियों का कहर, मच गई भगदड़ सतना (मध्य प्रदेश)।  नेता और मंत्री जहां जाते हैं, वहां सुरक्षा का इतना कड़ा घेरा होता है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन सतना में मधुमक्खियों ने इस सुरक्षा का ऐसा मजाक उड़ाया कि मंत्री और अधिकारी तक जान बचाकर भागने पर मजबूर हो गए! शुक्रवार को सतना के सिविल लाइन इलाके में बन रहे शहीद स्मृति पार्क का भूमि पूजन समारोह था। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी जैसे ही पूजा की तैयारी करने लगीं, अचानक सैकड़ों मधुमक्खियों का झुंड वहां आ धमका। मधुमक्खियों ने बिना किसी चेतावनी के ऐसा हमला किया कि पूरा कार्यक्रम स्थल जंग का मैदान बन गया। अफसर, नेता, सुरक्षा गार्ड—जो जहां था, वही से अपनी जान बचाने भागा! मंत्री प्रतिमा बागरी भी दौड़ती नजर आईं, उनके साथ अधिकारियों की भी हालत खराब हो गई। सुरक्षा बेबस, मंत्री को भी भागना पड़ा मंत्री और अधिकारी अक्सर वीआईपी सुरक्षा घेरे में चलते हैं, लेकिन यहां मधुमक्खियों ने सारी व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया। गार्ड, पुलिसकर्मी भी बचने के लिए इधर-उधर भागते दिखे। ...