हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य में हो सकते हैं पंचायत एवं निकाय चुनाव



- याचिकाकर्ता जया ठाकुर बोली, कोरोना का बहाना कर चुनाव टाल रही सरकार

भोपाल। मध्यप्रदेश की हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा लगाई गई फटकार के बाद अब प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की उम्मीद जगती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा राज्य शासन को दिए गए नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया है। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को उक्त याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य शासन को 3 दिन के भीतर चुनाव का शेड्यूल पेश करने को कहा है। याचिकाकर्ता जया ठाकुर के अधिवक्ता वरुण सिंह ने नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव को लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए 4 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने राज्य शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाते हुए 3 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा था। इसके बाद भी उक्त मामले में राज्य सरकार की तरफ से उच्च न्यायालय में कोई जवाब नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि चुनाव आयोग तो चुनाव कराने को तैयार है। इसके लिए उसने 250 पेज का जवाब भी प्रस्तुत किया है। इसमें चुनाव को लेकर उसने सकारात्मक उत्तर दिया है। पर राज्य सरकार जानबूझकर इसमें टालमटोल कर रही है।  

उपचुनाव हो रहे, सिर्फ पंचायत और निकाय के लिए कोरोना :

 इस संबंध में राज्य शासन ने अपना कोई भी जवाब उच्च न्यायालय में पेश नहीं किया है। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन बाद 28 अक्टूबर को चुनाव का शेड्यूल बना कर पेश करने का आदेश दिया है। यचिकाकर्ता जया ठाकुर ने कहा कि राज्य शासन पिछले 2 सालों से कोरोना का बहाना बनाकर चुनाव टाल रहा है। वहीं जब राज्य शासन को सरकार बनाने या गिराने की जरूरत होती है तो वह चुनाव करवा लेती है।


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