कामाख्या माता का पूजन कर 3100 कन्याओं को कराया भोजन



-कामाख्या पहुंचे धर्मगुरु श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज

भोपाल। धर्मगुरु श्रीश्री 1008  महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज (मिर्ची बाबा) ने असम राज्य के कामाख्या देवी के दर्शन करने पहुंचे। दीवाली के उपलक्ष्य में माता का पूजन करने पहुंचे धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कामाख्या माता के पूजन उपरांत यहां पर 3100 कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया और उन्हें दक्षिणा तथा वस्त्र दान कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। धर्मगुरु श्रीश्री 1008  महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज के इस पुण्य कार्य में स्वामी जी से जुड़े दिल्ली से परम् सेवक अक्षय त्यागी ने कन्याओं के भंडारे में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान किया। इसके अलावा ग्वालियर के जानेमाने प्रसिद्ध समाजसेवी और धर्म में रुचि रखने वाले केके शर्मा ने भी पूर्ण सहयोग किया। साथ ही गुना से शीतल प्रसाद कुशवाह ने भी कन्याओं को भोजन कराने में श्रद्धा पूर्वक दान दिया। इनके अलावा ग्वालियर से महाकाल बाबा के परम भक्त राहुल यादव ने भी भागीदारी कर अपना सहयोग प्रदान किया। कन्याओं के पूजन और उन्हें दान देने के लिए बढ़चढ़ कर सहयोग देने पर धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि धन्य है वह माता जिन्होंने ऐसे दानवीर बेटों को जन्म देकर समाज की सेवा के संकल्प का पाठ इनको पढ़ाया है, जिसके कारण धर्म और संस्कृति की राह को आगे बढ़ाने में ऐसे वीर सपूत सामने आ रहे हैं। मिर्ची बाबा ने कहा कि मैं ऐसी माताओं को बारंबार ह्रदय से प्रणाम करता हूं। बता दें कि धर्मगुरु मिर्ची बाबा धार्मिक और समाज सेवा के कार्यों के साथ-साथ पूजा-पाठ को भी विशेष महत्व देते हैं। इसीलिए कामाख्या माता मंदिर में  मिर्ची बाबा ने कन्याओं को अपने हाथों से भोजन कराया। यह कोई पहला मौका नहीं है, अक्सर वह गौ सेवा के साथ मंदिरों में दर्शन करते हुए दिख जाते हैं। 

देश-प्रदेश में सुख शांति बनाये रखने की माता से की प्रार्थना



कामाख्या माता के दर्शन और पूजन के दौरान धर्मगुरु श्रीश्री 1008  महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज  ने मां के चरणों में यह प्रार्थना की है कि देश और प्रदेश में हमेशा सुख शांति बनी रहे और कोरोना महामारी जैसी कोई भी विपदा अब इस देश में नहीं आये। कन्या पूजन के बाद मिर्ची बाबा ने कहा कि हम जिस प्रकार कन्याओं का पूजन कर रहे हैं। वैसे ही इनकी रक्षा के लिए भी आज हमें संकल्प लेना चाहिए। समाज में जिस तरह की कन्या भ्रूण हत्या, अबोध बच्चियों के साथ दुराचार जैसे घिनौनी विकृतियां लोगों के मन में उत्पन्न हो रही है। उस पर नियंत्रण की जरूरत है। कन्याओं की हत्याएं होती रही और उनके साथ व्यभिचार जैसे घिनौना कृत्य होता रहा तो नवरात्र में पूजन के लिए कन्याएं कहां से आएंगी। 

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