देश के सर्वांगीण विकास के लिए मोदी सरकार ने लिए सुधारवादी निर्णय : केंद्रीय मंत्री श्री तोमर
गुना/नई दिल्ली। डिपाजिट इश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कार्पोरेशन की ओर से विभिन्न बैंकों के ग्राहकों को गारंटीड समय-सीमा में जमा बीमा राशि का भुगतान किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रमुख आयोजन हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत, गुना (मध्य प्रदेश) में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा कार्यक्रम किया गया, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शिरकत की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके ही उन्हें विकराल होने से बचा सकता है लेकिन वर्षों तक एक प्रवृत्ति रही कि समस्याओं को टाल दो। आज का नया भारत, समस्याओं के समाधान पर जोर लगाता है, आज भारत समस्याओं को टालता नहीं है। मंत्री श्री तोमर ने कहा कि देश के सर्वांगीण विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा 2014 के बाद से अनेक सुधारवादी निर्णय़ लिए गए हैं, जिनका लाभ देश को मिल रहा है।
जमाकर्ता प्रथमः पांच लाख रुपये तक के समयबद्ध जमा राशि बीमा भुगतान की गारंटी विषयक समारोह में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि बीते कुछ दिनों में एक लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं को बरसों से फंसा हुआ उनका पैसा वापस मिला है। ये राशि 1300 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। हमारे देश में बैंक डिपॉजिटर्स के लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था 60 के दशक में बनाई गई थी। पहले बैंक में जमा रकम में से सिर्फ 50 हजार तक की राशि पर ही गारंटी थी। फिर इसे बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया, यानी अगर बैंक डूबा तो जमाकर्ताओं को सिर्फ एक लाख तक ही मिलने का प्रावधान था। ये पैसे भी कब मिलेंगे, इसकी कोई समय-सीमा नहीं तय थी। गरीब व मध्यम वर्ग की चिंता को समझते हुए हमने इस राशि को बढ़ाकर फिर 5 लाख कर दिया है। कानून में संशोधन करके एक और समस्या का समाधान करने की कोशिश की है। पहले जहां पैसा वापसी की कोई समय-सीमा नहीं थी, अब सरकार ने इसे 90 दिन यानी 3 महीने के भीतर अऩिवार्य किया है। अर्थात्, बैंक डूबने की स्थिति में भी 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा।
देश की समृद्धि में बैंकों की बड़ी भूमिका
श्री मोदी ने कहा कि देश की समृद्धि में बैंकों की बड़ी भूमिका है और बैंकों की समृद्धि के लिए जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित होना उतना ही जरूरी है। हमें बैंक बचाने हैं तो जमाकर्ताओं को सुरक्षा देनी ही होगी। बीते वर्षों में अनेक छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज करके, उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी, हर प्रकार से सशक्त की गई है। जब भारतीय रिजर्व बैंक, को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करेगा तो उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ता का भरोसा और बढ़ेगा। हमारे यहां समस्या सिर्फ बैंक अकाउंट की ही नहीं थी, बल्कि दूर-सुदूर तक गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने की भी थी। आज देश के करीब-करीब हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच या बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट की सुविधा पहुंच चुकी है आज भारत का सामान्य नागरिक कभी भी, कहीं भी, सातों दिन, 24 घंटे, छोटे से छोटा लेनदेन भी डिजिटली कर पा रहा है। कुछ साल पहले तक इस बारे में सोचना तो दूर, भारत के सामर्थ्य पर अविश्वास करने वाले लोग इसका मज़ाक उड़ाते फिरते थे। ऐसे अनेक सुधार हैं जिन्होंने 100 साल की सबसे बड़ी आपदा में भी भारत के बैंकिंग सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने में मदद की है। जब दुनिया के समर्थ देश भी अपने नागरिकों तक मदद पहुंचाने में संघर्ष कर रहे थे, तब भारत ने तेज़ गति से देश के करीब-करीब हर वर्ग तक सीधी मदद पहुंचाई है। जनधन योजना के तहत खुले करोड़ों बैंक खातों में से आधे से अधिक महिलाओं के ही हैं। इन बैंक अकाउंट्स का महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जो असर हुआ है, वो हमने हाल में आए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में भी देखा है।नई दिल्ली में मुख्य समारोह में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, वित्त राज्यमंत्री और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उपस्थित थे।
मोदी सरकार द्वारा अनेक सुधारवादी निर्णय लिए गए : तोमर
इधर मध्यप्रदेश के गुना में केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी जी की सरकार ने देश के कामकाज में गति लाने, सर्वांगीण विकास करने, विभिन्न योजनाओं में पारदर्शिता लाने, सभी पात्र लोगों को लाभ दिलाने तथा वंचित शोषित व पीड़ित लोगों की भलाई का काम किया है। सरकार ने इस काम को प्राथमिकता पर रखा है, जबकि पहले इनके बारे में ऐसा विचार नहीं होता था। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना के तहत लगभग साढ़े 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 1.62 लाख करोड़ रुपए जमा किए हैं। पहले एक कालखंड ऐसा भी था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री कहते थे कि दिल्ली से 100 रू. भेजने पर नीचे तक मात्र 15 रु. ही पहुंचते है लेकिन आज इतनी बड़ी योजना में इतनी बड़ी रकम बैंक खातों में जमा करते समय कोई बिचौलिया, कोई दलाल नहीं है। 2 हजार की एक किश्त जारी होती है तो पूरे 2 हजार ही हितग्राही तक पहुंचते है। ऐसे अनेक सुधारवादी निर्णय मोदी सरकार द्वारा हुए हैं। आज परिवार ठीक से जीवन यापन करने की स्थिति में आ रहे है। मोदी जी जब सरकार में आए, तब तो आधी आबादी के पास अपना बैंक खाता ही नहीं था, ऐसे में विकसित देश का स्वप्न कैसे देखा जा सकता था। गुना के कार्यक्रम में मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया, क्षेत्रीय विधायक गोपीलाल जाटव, गजेंद्र सिकरवार, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक बिनोद कुमार मिश्रा, महाप्रबंधक संजीव कुमार दत्ता, उप महाप्रबंधक परविंदर भारती, क्षेत्रीय प्रबंधक संजय पागे के साथ ही रमेश मालवीय, सूर्यप्रकाश तिवारी, श्रीमती बबीता रघुवंशी आदि भी उपस्थित थे।
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