Skip to main content

वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल से जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त



होली एक धार्मिक त्योहार है, जो पूरी दुनिया में हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। दिवाली के बाद हिंदू कैलेंडर पर होली को दूसरा सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। होली को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है।
भगवान कृष्ण के जीवन से संबंधित स्थानों को ब्रज क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। ब्रज क्षेत्रों में होली की रस्में मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगाँव और बरसाना सबसे प्रसिद्ध हैं। लट्ठमार होली - बरसाना की पारंपरिक होली विश्व प्रसिद्ध है।अधिकांश क्षेत्रों में होली का त्योहार दो दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन को जलानवाली होली के नाम से जाना जाता है - वह दिन जब होली का अलाव जलाया जाता है। इस दिन को छोटी होली और होलिका दहन के नाम से भी जाना जाता है। होलिका दहन को दक्षिण भारत में काम दहनम कहा जाता है। दूसरे दिन को रंगवाली होली के रूप में जाना जाता है, जिस दिन लोग रंगीन पाउडर और रंगीन पानी से खेलते हैं। रंगवाली होली जो मुख्य होली का दिन है उसे धुलंडी या धुलेंडी के नाम से भी जाना जाता है।
पहले दिन दाहिनी होलिका दहन मुहूर्त पर सूर्यास्त के बाद अलाव जलाया जाता है। मुख्य होली का दिन जब लोग रंगों से खेलते हैं, हमेशा होलिका दहन या होली अलाव का अगला दिन होता है। अगले दिन सुबह लोग सूखे और गीले रंगों से होली खेलते हैं। लोग सूखे रंग के पाउडर से होली खेलने के लिए अधिक इच्छुक और सहज होते हैं जिन्हें गुलाल के रूप में जाना जाता है। हालांकि कई लोगों को लगता है कि गीले रंगों के बिना होली का जश्न अधूरा है। गीले रंग को चेहरे पर लगाया जाता है और सूखे रंग के पाउडर में थोड़ा सा पानी मिलाकर चेहरे पर बना लिया जाता है। अधिक उत्साही होली लोक गीले रंग में पूरे शरीर को सराबोर करने के लिए पानी की पूरी बाल्टी में सूखे रंग का पाउडर मिलाते हैं। होली का दिन जब लोग रंगों से खेलते हैं, हमेशा होलिका दहन या होली अलाव का अगला दिन होता है।
होलिका दहन के लिए सही मुहूर्त चुनना किसी भी अन्य त्योहारों के लिए सही मुहूर्त चुनने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अन्य त्योहारों पर गलत समय पर पूजा करने से पूजा का लाभ नहीं मिलता है लेकिन गलत समय पर होलिका दहन करने से कष्ट और दुर्भाग्य होता है।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त -

होलिका दहन मंगलवार, 7 मार्च 2023 को मनाया जायेगा। 
होलिका दहन मुहूर्त - शाम 06 : 14 बजे से रात 08 : 39 बजे तक
अवधि - 02 घंटे 25 मिनट
होली का रंगोत्सव बुधवार, 8 मार्च 2023  को मनाया जायेगा। 
भद्रा पुंछा - 03  बजकर 13 मिनट से 04 बजकर 31 मिनट तक रहेगा 
भद्रा मुख - 04 बजकर 31 मिनट से 06 बजकर मिनट तक रहेगा। 
छोटी होली - हिंदू शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन या होलिका दीपक या छोटी होली पूर्णिमा तिथि के सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में शुरू होता है। पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्द्ध में भद्रा प्रबल रहती है और भद्रा होने पर सभी शुभ कार्यों से बचना चाहिए।

ऐसे निकाला जाता है होलिका दहन मुहूर्त 

होलिका दहन मुहूर्त का निर्धारण निम्नलिखित नियमों के आधार पर किया जाता है ।  
* होलिका दहन मुहूर्त प्राप्त करने की पहली प्राथमिकता प्रदोष के दौरान होती है जबकि पूर्णिमा तिथि प्रचलित होती है और भद्रा समाप्त हो जाती है। 
* यदि भद्रा प्रदोष काल में प्रबल हो लेकिन मध्यरात्रि से पहले समाप्त हो जाए तो भद्रा समाप्त होने के बाद होलिका दहन करना चाहिए। 
यदि भद्रा मध्य रात्रि के बाद समाप्त हो रही है तो केवल होलिका दहन भद्रा में और विशेष रूप से भाद्र पंचा के दौरान किया जाना चाहिए। 
हालांकि भद्रा मुख से बचना चाहिए और किसी भी हालत में भद्रा मुख में होलिका दहन नहीं करना चाहिए। 
* कई बार प्रदोष और मध्य रात्रि के बीच भद्रा पंच नहीं होता है तो ऐसे में प्रदोष के दौरान होलिका दहन करना चाहिए। 
* दुर्लभ अवसरों पर जब न तो प्रदोष और न ही भाद्र पंच उपलब्ध हो तो प्रदोष के बाद होलिका दहन करना चाहिए।
विशेष धयान देने की बात है की भद्रा मुख में होलिका दहन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल व्यक्तियों के लिए बल्कि पूरे शहर और देश के लिए पूरे वर्ष दुर्भाग्य आता है। 
यदि भद्रा पंच प्रदोष से पहले या आधी रात के बाद हो तो हम उसे होलिका दहन के लिए नहीं ले सकते क्योंकि होलिका दहन प्रदोष और आधी रात के बीच किया जाना चाहिए।

आपको रंग भरी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।


सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल
सिटी प्रेसीडेंट इंटरनेशनल वास्तु अकादमी , कोलकाता
यूट्यूब-वास्तु सुमित्रा 

Comments

Popular posts from this blog

हेयर ट्रीटमेंट को लेकर सजग हो रहे लोग : राज श्रीवास

सुनीता ब्यूटी एकेडमी द्वारा दो दिवसीय हेयर मास्टर क्लॉस का आयोजन भोपाल। सौंदर्य के क्षेत्र में कार्यरत राजधानी की जानीमानी संस्था सुनीता ब्यूटी एकेडमी भोपाल द्वारा आनंद नगर में प्रारम्भ किए गए अपने नवीन आउटलेट में 2 दिन का हेयर आर्टिस्ट डिप्लोमा क्लॉस आयोजित किया गया। उक्त जानकारी देते हुए सुनीता ब्यूटी एकेडमी भोपाल की संस्थापक सुनीता सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ के हेयर गुरु के नाम से मशहूर तथा  जानेमाने हेयर एक्सपर्ट राज श्रीवास के मार्गदर्शन में दो दिवसीय हेयर मास्टर क्लॉस और हेयर आर्टिस्ट डिप्लोमा क्लॉस का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय सत्र में पहले दिन इंटरनेशनल  हेयर कट टेक्निक, एडवांस ब्लो ड्राई स्टाइलिंग, इंटरनेशनल  हेयर कलर टेक्निक, ऑफ्टर कलर स्टाइलिंग, कलर केयर एंड टेक्निक की जानकारी दी जी। वहीं सत्र के दूसरे दिन हेयर नैनो प्लास्टिया ट्रीटमेंट, मेगा साइन ट्रीटमेंट,  इको प्लास्टिया ट्रीटमेंट, हेयर बोटोक्स ट्रीटमेंट, हेयर कॉलेजेन ट्रीटमेंट,  फ्रिज़ ऑट हेयर ट्रीटमेंट की जानकारी सभी ब्यूटी आर्टिस्टों की दी गई। ब्यूटी एक्सपर्ट सुनीता सिंह और गायत्री मालवीय द्...

जेल के अन्दर का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर जेल की सुरक्षा के साथ किया खिलवाड़ : मिर्ची बाबा

मिर्ची बाबा ने केंद्रीय जेल अधीक्षक के कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल कहा, कैदियों के पेट काटकर उनकी स्वंत्रता और गरिमा तथा जेल की गोपनीयता कर रहे भंग भोपाल। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने केंद्रीय जेल भोपाल के अधीक्षक पर कैदियों के पेट काटकर उनकी स्वंत्रता और गरिमा तथा जेल की गोपनीयता कर रहे भंग करने का आरोप लगाया है। मिर्ची बाबा ने कहा कि मुझे विशेष सूत्रों के माध्यम से पता चला है कि जेल में बंद कैदियों के पेट का हक काट कर जेल अधीक्षक ने कथावाचक  अनिरुद्धाचार्य की कथा का आयोजन केंद्रीय जेल में किया गया एवं कथा के दौरान संबंधित कैदियों से समव्यावहार व बातचीत का वार्तालाप कथावाचक के यूट्यूब चैनल पर भी चलाया जा रहा है । मिर्ची बाबा ने कहा कि केन्द्रीय जेल भोपाल में वर्ष 2023 में कथावाचक हरि ठाकुर चंडीगढ़ एवं वर्ष 2024 में कथावाचक आचार्य अनिरुद्धाचार्य की बड़े स्तर पर दो भागवत कथाओं का आयोजन किया गया था। सवाल यह उठता है कि आयोजन में खर्च की गई राशि और उसकी अनुमति क्या प्रशासन से ली गई थी।  उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन के...

भूमि पूजन करने आईं मंत्री, मधुमक्खियों ने लगवा दी दौड़

जान बचाकर दौड़ीं, काम नहीं आई सरकारी सुरक्षा व्यवस्था  मंच से शुरू हुआ मधुमक्खियों का कहर, मच गई भगदड़ सतना (मध्य प्रदेश)।  नेता और मंत्री जहां जाते हैं, वहां सुरक्षा का इतना कड़ा घेरा होता है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन सतना में मधुमक्खियों ने इस सुरक्षा का ऐसा मजाक उड़ाया कि मंत्री और अधिकारी तक जान बचाकर भागने पर मजबूर हो गए! शुक्रवार को सतना के सिविल लाइन इलाके में बन रहे शहीद स्मृति पार्क का भूमि पूजन समारोह था। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी जैसे ही पूजा की तैयारी करने लगीं, अचानक सैकड़ों मधुमक्खियों का झुंड वहां आ धमका। मधुमक्खियों ने बिना किसी चेतावनी के ऐसा हमला किया कि पूरा कार्यक्रम स्थल जंग का मैदान बन गया। अफसर, नेता, सुरक्षा गार्ड—जो जहां था, वही से अपनी जान बचाने भागा! मंत्री प्रतिमा बागरी भी दौड़ती नजर आईं, उनके साथ अधिकारियों की भी हालत खराब हो गई। सुरक्षा बेबस, मंत्री को भी भागना पड़ा मंत्री और अधिकारी अक्सर वीआईपी सुरक्षा घेरे में चलते हैं, लेकिन यहां मधुमक्खियों ने सारी व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया। गार्ड, पुलिसकर्मी भी बचने के लिए इधर-उधर भागते दिखे। ...