बंपर वोटिंग ने बढ़ाई भाजपा और कांग्रेस की परेशानी

 

पिछले चार दशक से लगातार बढ़ता रहा है वोटिंग का प्रतिशत 

भोपाल । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो चुका है। इस बार रिकॉर्ड वोटिंग देखने को मिली है। पिछले चार दशक से यहां वोटिंग का प्रतिशत लगातार बढ़ता रहा है। बंपर वोटिंग से भाजपा और कांग्रेस दोनों खेमे खुश नजर आ रहे हैं। दोनों ओर से जीत का दावा किया जा रहा है। हालांकि पिछले रिकॉर्ड को देखें को वोटिंग का बढ़ा हुआ प्रतिशत अलग कहानी बयां कर रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 75.63 फीसदी वोटिंग हुई थी। तब कांग्रेस की सरकार बनी थी। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमा बदलने से भाजपा सत्ता में आ गई।
इस बार टूटा वोटिंग का पिछला रिकॉर्ड
इस बार मध्यप्रदेश में 76.55 फीसदी वोटिंग हुआ है। यह पिछले चुनाव से भी एक फीसदी अधिक है। इस बार महिलाओं ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। भाजपा इसे लेकर खासी उत्साहित है। दूसरी तरफ कांग्रेस बंपर वोटिंग को बदलाव का संकेत करार दे रही है। 2018 में मध्यप्रदेश के इतिहास में सबसे अधिक 75.63 फीसदी वोटिंग हुई थी। चुनाव में भाजपा की 109 और कांग्रेस की 114 सीटें आई थी। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदलने के बाद मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार आ गई थी।

चार दशकों में क्या रहा है रिकॉर्ड

1985 के विधानसभा चुनाव में 49.79 फीसदी मतदान हुआ था। तब यहां कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई। 1990 में 54.21 फीसदी मतदान हुआ और भाजपा सत्ता में आई। 1993 में मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में 60.17 फीसदी वोटिंग हुई। इसमें एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। 1998 के विधानसभा चुनाव में 60.21 फीसदी वोटिंग हुई। यह पिछले चुनाव के मुकाबले थोड़ी अधिक थी। इसमें एक बार फिर एमपी में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई। इसके बाद मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग हो गया। 2003 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो 67.25 फीसदी वोटिंग हुई। इसमें भाजपा को भारी जीत मिली। इस चुनाव में भाजपा को 173, कांग्रेस को 38 और बीएसपी को दो सीटें आई थी।


2008 के विधानसभा चुनाव में 69.78 फीसदी मतदान हुआ। यह पिछले चुनाव के मुकाबले 2.53 फीसदी अधिक था। भाजपा एक बार फिर सत्ता में आई। चुनाव में भाजपा को 143 और कांग्रेस को 71 सीटें मिली। इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में 70 फीसदी से भी अधिक वोटिंग हुई। 2013 में कुल 72.13 फीसदी मतदान हुआ। भाजपा ने एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की। चुनाव में भाजपा को 165 और कांग्रेस को 58 सीटें मिलीं।

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