18 नए चेहरे बने मंत्री, 7 पहली बार के विधायक



मध्यप्रदेश में 28 मंत्रियों ने ली शपथ, शिवराज सरकार के 6 मंत्री ही रिपीट

भोपाल । मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो गया है। सोमवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इनमें से 18 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री हैं। खास बात ये है कि 28 मंत्रियों में 18 नए चेहरे हैं। इनमें से 7 पहली बार के विधायक हैं।

18  ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली

सबसे पहले कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, करण सिंह वर्मा, उदयप्रताप सिंह ने एक साथ शपथ ली। दूसरी बार में कुंवर विजय शाह, तुलसीराम सिलावट, एदल सिंह कंषाना, निर्मला भूरिया, गोविंद सिंह राजपूत, विश्वास सारंग ने शपथ ग्रहण की। तीसरी बार में नारायण सिंह कुशवाह, नागर सिंह चौहान, चैतन्य काश्यप, इंदर सिंह परमार, राकेश शुक्ला, प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शपथ ली।
चौथी बार में संपतिया उइके ने अकेले शपथ ली। शपथ के बाद उन्होंने राज्यपाल के पैर छुए।

6 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

कृष्णा गौर, धर्मेंद्र लोधी, दिलीप जायसवाल, लखन पटेल, नारायण सिंह पंवार, गौतम टेटवाल ने एक साथ शपथ ली।

4 राज्य मंत्री

नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह, दिलीप अहिरवार ने राज्य मंत्री पद की शपथ एक साथ ली।


पहली बार जीते 7 विधायक मंत्री बने

प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, संपतिया उइके, नरेंद्र पटेल, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह, दिलीप अहिरवार पहली बार विधायक बने हैं। इनमें प्रहलाद सिंह पटेल दमोह से सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं। वे नरसिंहपुर सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। राकेश सिंह जबलपुर से सांसद थे। वे जबलपुर पश्चिम से जीतकर विधायक बने।

सिंधिया समर्थक 4 विधायक मंत्री बने

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 4 विधायकों- तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, एदल सिंह कंषाना और प्रद्युम्न सिंह तोमर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इनके अलावा शिवराज सरकार में मंत्री रहे प्रभुराम चौधरी और बृजेन्द्र सिंह यादव को मोहन मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।

शिव सरकार के  10 को जगह नहीं

नए मंत्रिमंडल में शिवराज सरकार के केवल 6 मंत्रियों को ही जगह मिली। शिवराज सरकार में कुल 33 मंत्री थे। इनमें से 31 चुनावी मैदान में उतरे थे। 12 मंत्री चुनाव हारे जबकि 19 मंत्री जीतकर फिर विधानसभा पहुंचे। इनमें से मोहन यादव मुख्यमंत्री, जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ला डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ले चुके हैं। बचे 16 में से 10 को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।

 रीति पाठक को मौका नहीं

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था। इनमें से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सांसद गणेश सिंह चुनाव हार गए। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह और रीति पाठक चुनाव जीतकर विधायक बने। तोमर विधानसभा अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह और राव उदय प्रताप सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। सीधी से विधायक चुनकर आईं रीति पाठक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।

कैलाश विजयवर्गीय 8 साल बाद मंत्री बने

इंदौर-1 सीट से जीते कैलाश विजयवर्गीय 8 साल बाद फिर मंत्री बने हैं। वे 2003 से 2015 तक कैबिनेट मंत्री रहे। 2015 में जब उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था तो उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। विजयवर्गीय 7 बार विधायक चुने जा चुके हैं। वे 1990 में इंदौर-4 से, 3 बार 1993, 1998 और 2003 में इंदौर-2 से, 2 बार 2008 और 2013 में महू से और एक बार 2023 में इंदौर-1 से विधायक बने। कैलाश विजयवर्गीय इस बार चौथी बार के कैबिनेट मंत्री बने हैं। वे साल 2000 में इंदौर के महापौर भी रह चुके हैं।
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