अब एक होंगे हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन विभाग



डॉ. मोहन यादव कैबिनेट का फैसला, हर जिले में खुलेंगे प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज

भोपाल। मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग मर्ज होंगे। डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। साथ ही नई शिक्षा नीति के आधार पर हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने का फैसला भी कैबिनेट ने लिया है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अब नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा। नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा और लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग दोनों का एकीकरण कर दिया है। इससे विभाग की कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। इसमें जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के बीच अब तक जो तालमेल की स्थिति नहीं रहती थी, वह अब हो सकेगी। मोहन सरकार ने इसके संकेत पहले ही दे दिए थे और इसीलिए उप मुख्यमंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ल को दोनों ही विभागों का मंत्री बनाया गया है। 

कैबिनेट में ये फैसले भी हुए: 

-माल एवं सेवा कर अध्यादेश की समय अवधि बढ़ाने को मंजूरी कैबिनेट ने दी है। बजट सत्र में विधानसभा में लाएंगे। चुनाव और मंत्रिमंडल गठन में देरी के चलते विधेयक नहीं लाया जा सका था।
 -आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अब नर्सिंग और पैरा मेडिकल स्टाफ के पाठ्यक्रम भी शामिल किए जाएंगे। इससे पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ेगी। कोरोना के बाद इनकी जरूरत बढ़ी है। 
-अशोकनगर के मुंंगावली तहसील में मल्हारगढ़ में लिफ्ट इरिगेशन सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है। इससे 26 ग्रामों में 7500 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। परियोजना की लागत 87 करोड़ रुपए है। 
-रतलाम जिले में माही जल प्रदाय समूह योजना में मझूडिय़ा समूह के लिए ड्रिंकिंग वाटर के लिए नल जल योजना को मंजूरी दी गई है। इससे आदिवासी परिवारों को शुद्ध जल मिलेगा। इसमें 204 करोड़ की लागत आएगी। 
-जल प्रदूषण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई है। जल प्रदूषण के छोटे से मामले में कोर्ट जाना पड़ता है। इसे अधिकारियों से निराकरण कराने पर सहमति बनी है। प्रस्ताव भारत सरकार को भेजेंगे। इसके बाद अंतिम फैसला होगा 
-प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस की स्थापना को मंजूरी दी गई है। हर जिले में पहले से मौजूद एक कॉलेज की कमियों को दूर कर नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जो जरूरतें हैं, उसे पूरा किया जाएगा और पीएम एक्सीलेंस कॉलेज का रूप दिया जाएगा। राज्य सरकार ही इसका खर्च उठाएगी।
 -जनजातीय कार्य विभाग के अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षकों को छठवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। 

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