मां सीताजी का भव्य मंदिर बनाने का लिया संकल्प



रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्त्वावधान में ‘सीता-संवाद’ कार्यक्रम आयोजित

मां सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र सीतामढ़ी को शक्ति-क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा

काउंसिल के अंतर्गत सीतामढ़ी में मां सीताजी की 251 फीट ऊंची प्रतिमा का होगा निर्माण

भोपाल। रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्त्वावधान में मां सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र सीतामढ़ी में मां सीताजी की 251 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा तथा 51 शक्तिपीठों से मिट्टी एवं ज्योत लाकर पूरे क्षेत्र को शक्ति-क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। ये बातें श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानंद गिरी महाराज पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा ने मालवीय स्मृति भवन स्थित एक कार्यक्रम में कही। रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्त्वावधान में मां सीताजी के प्राकट्य दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह अखाड़ा परिषद से भी वार्ता कर चुके हैं, पूरे देश के संत समाज क रामायण रिसर्च काउंसिल के अंतर्गत मां सीताजी के इस कार्य से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह से अब अपने आप को इस कार्य में लगा चुके हैं और भगवान श्रीराम का मंदिर जैसे अयोध्या में बना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे जाकर वहां पूजन कार्य किया है, वह चाहेंगे कि यहां भी प्रधानमंत्री ही भूमि पूजन का कार्य शीघ्र करें। इस अवसर पर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर राजयोगी आचार्य आनंद गिरी  महाराज भी उपस्थित रहे। 


मातृ-शक्तियों के बीच चलेगा जागरूकता अभियान 

आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी महाराज कई राज्यों में लोगों से संपर्क कर रहे हैं। इसका वृहद प्रचार-प्रसार हो, इसके लिए मातृ-शक्तियों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। वहीं संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने लोगों से मां सीताजी के इस कार्य में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करने की अपील की। कार्यक्रम में मौजूद विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि वह स्वयं सीतामढ़ी जाकर काउंसिल के अंतर्गत हो रहे इन कार्यों को देख चुके हैं और अब तो भगवान श्रीराम के जन्म-स्थान के बाद मां सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र पर भव्य मंदिर की ही बारी है, इसलिए उनका मानना है कि जन-जन को इस अभियान से जुड़ना चाहिए। भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि अब मां सीताजी का मंदिर बनाना उनके जीवन का उद्देश्य है, इसलिए वह काउंसिल के अंतर्गत मां सीताजी के इस प्रकल्प को विश्व-स्तर पर ले जाने के प्रति संकल्पित हैं। निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी चित्प्रकाशानंद गिरी ने कहा कि वह भी अभी हाल ही में सीतामढ़ी जाकर काउंसिल के अंतर्गत चल रहे कार्यों का अवलोकन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि काउंसिल जिस रफ्तार से सीतामढ़ी में कार्य कर रही है, जल्द से जल्द वहां मां की 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापना के निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा, ऐसा उन्हें पूर्ण विश्वास है। 


अयोध्या की तर्ज पर होगा भव्य मंदिर निर्माण 

महामंडलेश्वर भैया महाराज ने कहा कि हम जल्द ही संतों के बीच एक बड़ा अभियान चलाने वाले हैं, अयोध्या की ही तरह हम इसे भी बड़ा स्वरूप देंगे। कार्यक्रम में जैन संत लोकेश ने कहा कि वह काउंसिल के इस संकल्प की सराहना करते हैं और वह अपने जैन समाज में भी इन कार्यों की जानकारी देंगे और हरसंभव सहयोग करेंगे।काउंसिल के प्रधान महासचिव एवं ट्रस्टी कुमार सुशांत ने कहा कि यह पूरा विषय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में है। चुनाव के बाद वह एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर प्रधानमंत्री से समय लेकर इसके अपडेट्स की जानकारी देंगे। इस अवसर पर नेशनल ग्रीन ग्रीन ट्रिब्यूनल के सदस्य तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सुधीर अग्रवाल, राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष, जगदीश मित्तल, भाजपा नेता विजय जौली, श्याम जाजू, कैलाश जिंदल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में काउंसिल के ट्रस्टी एवं आईएएस (स्वानिवृत्त) देव दत्त शर्मा, देव रत्न शर्मा, साध्वी डॉ. अपराजिता नंद, साध्वी प्रज्ञा भारती, उद्योगपति वासुदेव गर्ग, रौशन सिंह, पिताम्बर मिश्र, आनंद मोहन सिंह, अवधेश सिंह, पूनम झा, वैभव राणा, ज्योति, डॉ. राखी, राजीव सिंह, अर्चना सिंघल, रजनी, शिवांश, स्मृति आदि मौजूद रहे।

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