महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य और तनाव रहित जीवन के लिए विशेष सत्र आयोजित



सेंट्रल अकादमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग में डा आरती सिन्हा द्वारा साउंड हीलिंग का आयोजन

भोपाल। सेंट्रल अकादमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग भोपाल में पुलिस कर्मियों के परिवार की महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य तथा तनाव रहित जीवन की कला के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में  सुप्रसिद्ध साउंड हीलर डॉ आरती सिन्हा ने महिलाओं को तनाव रहित रहने के लिए माइंडफुलनेस टेक्निक, साउंड हीलिंग तथा चक्रों के बारे में जानकारी दी तथा अपने चक्र की स्वयं कैसे जांच करें तथा स्वयं सरल साउंड के माध्यम से अपने चक्र को स्ट्रॉन्ग तथा एक्टिवेट कैसे करें ये भी सिखाया। इस अवसर पर सेंट्रल अकादमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग के सहा. संचालक राजेश कुमार राघव, सहा. संचालक दशरथी परिदा, सहा. संचालक बृज किशोर शर्मा सहित पुलिस के आलाधिकारी, परिवारजन उपस्थित रहे। इस विशेष सत्र में लगभग 100 लोग लाभान्वित हुए ।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध साउंड हीलर डा आरती सिन्हा ने कहा कि महिलाओं में तनाव से उनके शरीर, विचारों और भावनाओं  में परिवर्तन आता है जो उनके व्यवहार को प्रभावित कर सकता हैं। सामान्य तनाव लक्षणों को जानने से आपको उन्हें प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। जिस तनाव से निपटा नहीं गया वह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, मोटापा और मधुमेह इत्यादि। डा आरती ने कहा कि इसलिए आवश्यक है कि आप समय रहते ही तनाव का प्रबंधन सीख लें और शारीरिक व्याधियां के समीप आने से पहले ही मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर बेहतर स्वास्थ्य तथा आंतरिक प्रसन्नता को पा सकें।


मेडिटेशन से महिलाओं की मानसिक सेहत में सुधार 

सुप्रसिद्ध साउंड हीलर डा आरती सिन्हा ने कहा कि महिलाओं की जीवनशैली उन्हें बहुत सारी शारीरिक और मानसिक चुनौतियों से गुजरने पर मजबूर करती हैं। हॉर्मोनल परिवर्तन, मासिक धर्म, गर्भावस्था, मातृत्व और मेनोपॉज–ये सभी जीवन के विभिन्न चरण हैं, जिनमें तनाव और असंतुलन का सामना करना पड़ता है। मानसिक स्वास्थ्य मेडिटेशन से सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमिटर की मात्रा में वृद्धि होती है, जिससे मन प्रसन्न और शांत रहता है। उन्होंने कहा कि हॉर्मोनल संतुलन मेडिटेशन से पीनियल ग्रंथि की सक्रियता में सुधार होता है, जिससे हॉर्मोनल संतुलन में मदद मिलती है।तनाव और चिंता को दूर करना मेडिटेशन में गहरी श्वास प्रणाली से कॉर्टिजोल जैसे तनाव जनक हॉर्मोन की मात्रा कम होती है।

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