भारत की सुरक्षा एवं मोदी सरकार



शिवप्रकाश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के 11 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी संकल्प से सिद्धि अभियान चला रही है । संपूर्ण देश में मोदी सरकार की सफलता पर प्रेस वार्ताएं, प्रदर्शनी, विचार संगोष्ठी, जनसभाएं एवं ग्राम स्तर पर चौपाल कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है । सोशल मीडिया द्वारा योजनाओं की जानकारी एवं अनेक प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी हो रहा है । गरीब कल्याण, ढांचागत विकास,अन्तर्वाह्य  सुरक्षा, आर्थिक प्रगति, सांस्कृतिक उत्थान एवं विदेशों में बढ़ता भारतीय सम्मान सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक उपलब्धियां 11 वर्ष में प्रगति की गवाह है । भारत सहित विश्व की अनेक संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तियों ने इस ऐतिहासिक सफलता की प्रशंसा की है । रक्षा क्षेत्र में भी इसी प्रकार की उपलब्धियां ऐतिहासिक है।
चाणक्यनीति में कहा कि “शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे शास्त्र चिंता प्रवर्तते”  शास्त्रों की चर्चा भी तभी संभव है जब राष्ट्र सभी प्रकार से सुरक्षित हो । सिद्धांत कितना भी श्रेष्ठ हो उसकी सफलता उस सिद्धांत का अनुसरण करने वालों की शक्ति पर ही निर्भर करती है । इसी कारण विद्वानों ने शक्ति को ही शांति का आधार बताया है । राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अपनी कविता "क्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो" इस सिद्धांत को ही प्रतिपादित करते हैं ।
भारतीय जनसंघ ने अपने 1964के पटना अधिवेशन में प्रस्ताव पारित करते हुए मांग की थी कि भारत को परमाणु बम बनाने के सभी प्रयत्न करने चाहिएँ ।“सिद्धांत एवं नीतियां” नामक दस्तावेज में भी परमाणु अस्त्रों का निर्माण करने की बात की थी । प्रस्ताव प्रतिपादन करते समय कहा गया था कि हमारे आराध्य सभी देवी-देवता धर्म संस्थापना के लिये शस्त्रधारी है । इसलिए भारत माता भीपरमाणु बम धारी होनी चाहिए । इसी नीति का अनुसरण करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 1999 में पोखरण परमाणु विस्फोट कर विश्व में भारत के सम्मान को बढ़ाने का कार्य किया था । 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद देश अपने हितों की सुरक्षा करने में समर्थ बने इस प्रकार की नीति पर चला । आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीतिइसी का उदाहरण है । जहाँ कांग्रेस सरकार में आतंकियों के लिए जी जैसे सम्मानपूर्वक शब्दों का उपयोग एवं बिरयानी खिलाना जैसे उपक्रम चल रहे थे वहीं मोदी सरकार में सेना और सुरक्षा बलों को आतंक से लड़ने के लिए छूट एवं सुरक्षा बलों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाये गए।
रक्षा क्षेत्र का बजट 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ था अब 2025-26 के लिए वह बढ़कर 6.81 लाख करोड़ अर्थात तीन गुना से अधिक हो गया है । 2015 कैग रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना के पास केवल 20 दिन का गोलाबारूद उपलब्ध था । व्यक्तिगत सैनिक स्तर पर, सैनिकों को अब स्वदेशी रूप से निर्मित उच्च गुणवत्ता वाली बुलेटप्रूफ जैकेट, उन्नत हेलमेट, नई बैटल ड्रेस यूनिफॉर्म, नाइट विजन डिवाइस और थर्मल इमेजर उपलब्ध करायी गई। मोदी सरकार के आने के बाद सेना के समन्वय के लिएलंबित मांग सीडीएस की नियुक्ति का निर्णय हुआ । ऑपरेशन सिन्दूर में तीनों सेनाओं के समन्वय में हमने इस निर्णय की भूमिका को अनुभव किया है । शस्त्रों की खरीद के लंबे समय से लंबित निर्णयों का भी शीघ्र निस्तारण होते हुए हम देख चुकेहैं । फ्रांस से आने वाले राफेल की खरीद इसी प्रक्रिया का परिणाम है । एस -400 , सुखोई -30 , इजराईल से ड्रोन , हैमर मिसाईल, चिनूक हेलिकॉप्टर, एलसीएच प्रचंड (लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर), तेजस फाईटर जेट ( पूर्ण स्वदेशी विमान ), पिनाका राकेट सिस्टम, वरुणास्त्र आदि की उपलब्धता के कारण भारतीय सेना विश्व की श्रेष्ठतम सेनाओं में गिनी जाती है । ऑपरेशन सिन्दूर में निर्धारित लक्ष्य पर मार एवं शत्रु के ड्रोन एवं मिसाईल को मार गिराने में हम सक्षम हुए है ।
11 वर्ष के सफलतम कालखंड में केवल विदेशों से शस्त्र खरीद ही नहीं हमने स्वयं के आत्मनिर्भर होने के मंत्र को भी पहचाना है । अब हम भारत में उन्नत एवं आधुनिक स्वदेशी शस्त्रों का निर्माण भी कर रहे हैं । स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत का निर्माण, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, रुस्तम यूएवी ड्रोनसका डीआरडीओ द्वारा लखनऊ में निर्माण, रूस के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल,टाटा -डसाल्ट  के साथ राफेल के मुख्य भाग का हैदराबाद में हम निर्माण करने वाले हैं । रक्षा उत्पादन में पिछले 10 वर्षों में 174 फीसदी की वृद्धि हुई है । रक्षा उत्पादन 2014-15 में 46529 करोड़  की तुलना में 2023-24 में 127265करोड़ हुआ है ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह - 17 नवंबर 2021 झांसी में के अपने संबोधन में कहाँ कि भारत अपनी रणनीतिक व सुरक्षा आवश्यकताएँ अन्य देशों पर निर्भर होकर पूरा नहीं कर सकता ... सरकार निरंतर ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में प्रयासरत है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की नीति के कारण अब हम खरीदने अर्थात  आयात करने वाले देश नहीं हम बेचने वाले अर्थात निर्यात करने वाले देश बन गए हैं । 2004 से 2014 अर्थात 10 वर्षों में हमने 4312 करोड़ का निर्यात किया था । 2014 से 24 में 88,319 करोड़ का हुआ है । 2024 - 25 में केवल एक वर्ष में ही हमने 23622 करोड़ का निर्यात किया है। आयात में 21फीसदी की कमी करके 11 वर्षों में निर्यात में 34 फीसदी की वृद्धि करने में देर सक्षम हुआ है । आज हम लगभग 80 से अधिक देशों में रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं । ऑपरेशन सिंदूर में हमारे स्वदेशी शस्त्रों की सफलता को देखकर विश्व में हमारे शस्त्रों की मांग भी बढ़ गयी है ।
देश को नक्सल मुक्त करने के मोदी सरकार के संकल्प ने  देश के सामान्य नागरिको में सरकार के प्रति विश्वास जगाया है । नक्सली हिंसा में लिप्त आतंकी अपनी अंतिम सांस गिन रहे हैं । 2014 में नक्सल आतंकवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी । गत 11 वर्षों बाद 2025 में वह संख्या मात्र 6 रह गई है । बड़े-बड़े इनामी नक्सली आतंकी मुठभेड़ में मारे गए हैं । सरकार के नक्सलमुक्त देश के संकल्प से लगता है कि भावी पीढ़ी नक्सलवाद  नाम ही भूल जाएगी ।
प्रत्येक प्रकार की गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए  2 सितंबर 2022 को कोच्चि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना के नए ध्वज का अनावरण किया, जिसमें औपनिवेशिक 'सेंट जॉर्ज क्रॉस' को हटाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित अष्टकोणीय प्रतीक को स्थान दिया गया।इसमें अशोक स्तंभ, लंगर और नौसेना का आदर्श वाक्य “शं नो वरुणः” अंकित है, जो भारत की समुद्री विरासत और आत्मगौरव का प्रतीक है।नए भारत का संकल्प- घर में घुसकर आतंकियों को मारेंगे केवल कहना मात्र नहीं, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक एवं ऑपरेशन सिंदूर में हमने यह करके दिखाया है । खून एवं पानी एक साथ नहीं बहेगा सिंधु नदी समझौता रद्द कर हमने आतंक के प्रति अपने दृष्टिकोण को विश्व के सामने स्पष्ट किया है । पूर्व सैनिको  के कल्याण, अग्नि वीर योजना, विजयदशमी पर राफेल जैसे शस्त्रों का पूजन एवं दीपावली त्योहार में सैनिको के मध्य प्रधानमंत्री की उपस्थिति, सीमावर्ती सैनिक चौकियों पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का प्रवास यह सभी उपक्रम हमारे सुरक्षित भारत के संकल्प को प्रकट करते हैं । ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति, पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने, आतंकवाद के प्रति भारत के दृष्टिकोण को विश्व के सम्मुख रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्डल देश की एकजुटता को प्रकट करने का कूटनीतिक सराहनीय प्रयास है ।
भारत को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यह प्रयास देश की जनता में यह विश्वास जगाने में सफल हुए हैं कि मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित हाथों में है ।
(लेखक- भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री हैं )