आईसीएआर और केवीके को कृषि विकास के लिए क्षेत्रवार मॉडल विकसित करने चाहिए : तोमर


कोरोना महामारी के बावजूद अच्छी उपज और खरीफ फसलों की बुवाई पर संतोष व्यक्त किया


नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्रों की तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला 29 से 31 अगस्त 2020 तक आयोजित की गई थी। कार्यशाला के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में देश को किसी भी संकट से निकालने की अंतर्निहित क्षमता है। श्री तोमर ने कोरोना वायरस महामारी के बावजूद अच्छी उपज और खरीफ फसलों की बुवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में भीग्रामीण भारत और कृषक समुदाय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि देश के किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था कभी किसी विपत्ति के आगे नहीं झुकी। प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया नारा ‘वोकल फॉर लोकल भी ग्रामीण विकास के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश में कृषि विकास की देखरेख में केवीके और कृषि वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह महत्वपूर्ण है कि कृषि उत्पादन बढ़े और युवाओं को आजीविका के साधन के रूप में कृषि करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। केवीके को कृषि पद्धतियों पर छोटे और सीमांत किसानों का मार्गदर्शन करना चाहिए जो उन्हें छोटी खेती से भी अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करे। उन्होंने कहा कि आईसीएआर और केवीके को किसानों को आकर्षित करने वाले कृषि विकास के क्षेत्रवार मॉडल विकसित करने चाहिए।


जैविक और प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर


श्री तोमर ने जैविक और प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर देते हुएकहा कि ये न केवल मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए,बल्कि उपजाऊ मिट्टी और स्वच्छ पर्यावरण के लिएऔर निर्यात बढ़ाने तथा कृषि को लाभदायक बनाने के लिए भी आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के सामने मिट्टी की ऊर्वरा शक्ति को बनाए रखना और जलवायु परिवर्तन से निपटना महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ऐसी बड़ी जनजातीय आबादी हैजो पहले से ही रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग किए बिना ही प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। श्री तोमर ने कृषि वैज्ञानिकों को इस कृषि पद्धति में सुधार करने में किसानों की मदद करने का आह्वान किया ताकि जैविक खेती को और बढ़ावा मिले और पशु पालन को लाभदायक बनाया जा सके।


कृषि और ग्रामीण विकास के लिए निजी निवेश पर जोर


श्री तोमर ने कहा कि हाल ही में लागू अध्यादेश क्लस्टर खेती को बढ़ावा देने और किसानों को अपनी उपज लाभकारी मूल्यों पर बेचने की सुविधा प्रदान करते हैं। कृषि और ग्रामीण विकास के लिए निजी निवेश पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी ढांचा कोष की घोषणा की है जो आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। 10000 किसान उत्पादक संगठनों के गठन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं,जिन्हें सरकार द्वारा बुवाई से लेकर फ़सलों की बिक्री तक की व्यवस्था दी जाएगी। इस योजना के तहत अधिक से अधिक संख्या में छोटे किसानों को लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
इस कार्यशाला में आईसीएआर के महानिदेशकडॉ. त्रिलोचन महापात्रा, कृषि विस्तार के उप-महानिदेशक डॉ. एके सिंह, आईसीएआर के क्षेत्रीय प्रभारी एडीजी डॉ. वीपी चहल, एसएयू के उप-कुलपतियों, आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों, पुरस्कृत किसानों, कृषि नवाचारकों, कृषि उद्यमियों, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के केवीके प्रमुखों ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।


Comments

Popular posts from this blog

बुजुर्गों की सेवा कर सविता ने मनाया अपना जन्मदिन

पद्मावती संभाग पार्श्वनाथ शाखा अशोका गार्डन द्वारा कॉपी किताब का वितरण

चर्चा का विषय बना नड्डा के बेटे का रिसेप्शन किट