अब "संजय गांधी पर्यावरण मिशन" से लौटेगी प्रदेश की हरियाली


हर साल लगेंगे पांच करोड़ पौधे, प्रदेश में संजय गांधी के नाम पहली स्कीम


भोपाल । मप्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ अपने पुराने दोस्त स्व. संजय गांधी के नाम पर पहली स्कीम शुरू करने जा रहे हैं। इसका नाम 'संजय गांधी पर्यावरण मिशन' दिया गया है। इस मिशन के तहत हर साल पांच करोड़ पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक विभाग सहयोग देंगे। राज्य सरकार मिशन के नाम पर अलग से कोई बजट नहीं रखेगी, लेकिन विभाग अपने बजट से ग्रीन प्लांटेशन के नाम पर कुछ राशि का प्रावधान करेंगे, जिससे मिशन का काम होता रहे। मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने बुधवार को इसको लेकर बैठक भी की। पर्यावरण के प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल को इसका कन्वीनर बनाया गया है। रिव्यू के दौरान एम गोपाल रेड्डी, मलय श्रीवास्तव, मनु श्रीवास्तव, केसी गुप्ता, मनीष रस्तोगी, नीलम शमी राव, अजीत केसरी और कल्पना श्रीवास्तव मौजूद रहीं। मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग तो सक्रिय रहे हीं, साथ ही यह व्यवस्था भी की जाए कि पौधा लेते समय उसका भुगतान हो। जिला सरकार के एजेंडे में भी इसे डाला जाए। कुल 172 करोड़ के कैंपा फंड का उपयोग किया जा सकता है।


होगा सोशल फारेस्ट का उपयोग


मिशन के निरंतर चलने के लिए यह भी तय हुआ कि सोशल फाॅरेस्टी का उपयोग हो। इसके लिए नगर पालिकाओं में हार्टिकल्चर का कंसेप्ट बनाया जाए। रिवर बैंक के आसपास प्लांटेशन होने पर इंसेटिव दिया जाए। जब तक विद्यार्थी वृक्षमित्र बनकर पौधे लगाएं, उन्हें काॅलेज की डिग्री न दी जाए। हर पांच ब्लाॅक के बीच एक ईको-स्मार्ट विलेज बने।


चार इमली में कट रहे पेड़


बैठक के दौरान अधिकारियों ने मुद्दा उठाया कि हर तरफ पेड़ों की कटाई हो रही है। चार इमली में भी यही स्थिति है। इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि एेसे प्रावधान किए जाएं कि बिना कलेक्टर की मंजूरी भोपाल शहर में कोई पेड़ नहीं काटा जाए। सिटी फोरेस्टेशन के लिए यह जरूरी है। मनीष रस्तोगी ने बताया कि शासकीय भूमि पर पेड़ काटने की मंजूरी अभी भी कलेक्टर ही देते हैं।


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