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Showing posts from April, 2021

कहीं प्रोफेशन की आड़ में छुपकर न रह जाए आपका पैशन

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भले ही करियर में तब्दील न करें, लेकिन थोड़ी-सी जगह जरूर रखें पैशन के लिए मुम्बई। जिंदगी जीने का जुनून और हौसला रखने वाला व्यक्ति वास्तव में व्यक्तित्व का धनी होता है। इस जुनून के आगे जो चीजें कभी आड़े नहीं आना चाहिए, वो हैं उम्र और प्रोफेशन। अक्सर यह देखने में आता है कि कोई व्यक्ति विशेष स्वयं को लेकर रंगबिरंगे सपनों का ताना-बाना तो बुनता है, लेकिन जिंदगी के कई वर्षों के तजुर्बे के बाद वह अपने सपनों को पीछे छोड़ उम्र के एक दूसरे पड़ाव की ओर बढ़ता चला जाता है, और वो सपने किसी तैखाने में कैद होकर रह जाते हैं। यही कारण है कि वह अपना पैशन नहीं जी पाता और एक समय के बाद जिंदगी जीने की जगह काटने लगता है और सफल होने के बाद भी अपने जीवन में अधूरापन महसूस करता है। आजाद जैन एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी हैं, जिनसे आप प्रेरित होकर जीवन के इस अधूरेपन को पूरा कर सकते हैं।  डॉ. (इंजीनियर) आजाद जैन बी.ई. (सिविल), एम.ई. (स्ट्रक्चर), पीएचडी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद लगभग 30 वर्षों तक सिविल इंजीनियरिंग डिजाइन कंसल्टेंट रहे। आजाद ने पैन इंडिया के साथ-साथ कई ओवरसीज प्रोजेक्ट्स भी किए हैं। इसके साथ ही वे सरकारी

माई तीर्थ इंडिया के प्रयासों से कोई भी पूजा, तीर्थयात्रा या प्रसाद अब आपके घर पर

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भोपाल। भारत दुनिया में तीर्थयात्राओं के लिए सबसे लोकप्रिय आकर्षण का केंद्र है। माई तीर्थ इंडिया, देश का पहला व्यापक धार्मिक तीर्थ संस्था है। कोई भी मंदिर, कोई भी तीर्थयात्रा, कोई भी यात्रा, होटल से लेकर पूजा और दर्शन तक के अलावा दर्शनीय स्थलों की यात्रा, समूह यात्राओं से लेकर व्यक्तिगत यात्रा और बुजुर्गों के लिए विशेष देखभाल, घर से लेकर घर तक के लिए भारत में सबसे सस्ती हवाई टिकट की सेवा। कार से बस तक, हेलीकाप्टर सेवा, अब एक ही छत के नीचे सब कुछ मिलेगा। माई तीर्थ इंडिया के इन्द्रनील कहते हैं कि लोगों के विश्वास और इच्छा को जीवित रखने के लिए हम एक विकल्प प्रदान कर रहें है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि तीर्थयात्री अवसर से नहीं चूकते। माई तीर्थ इंडिया अब ऑनलाइन पूजा प्रदान करता है और प्रसाद को आपके दरवाजे पर पहुंचा दिया जाता है। इस विचार के साथ, हम उन लोगों की मदद करना चाहते हैं जो अपने घर से बाहर कदम नहीं रख सकते हैं, लेकिन भारत में कहीं भी अपनी पसंद के तीर्थ यात्रा की इच्छा रखते हैं। तीर्थ यात्रा से लेकर ऑनलाइन पूजा तक आपके घरों में ज्योतिष और आयुर्वेदिक परामर्श से लेकर ऑनलाइन प्रसाद तक प

सावधान! कोरोना के दूसरी लहर में सामने आ रहे नये लक्षण, भूलकर भी न करें यह गलती

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-सिर दर्द, थकान लगने के साथ अब प्लेटलेट्स भी हो रही है कम दिल्ली। दुनियाभर के लिए परेशानी का सबब बन चुके कोरोना वायरस की दूसरी लहर में रोजाना इसके नए-नए लक्षण सामने आ रहे हैं। बहुत अधिक थकान महसूस होना, डायरिया और सिर में दर्द के बाद अब मरीज की प्लेटलेट्स में अचानक कमी होना भी कोविड-19 का एक लक्षण है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो लखनऊ के एक व्यक्ति ने बहुत अधिक थकान महसूस होने पर 18 अप्रैल को अपना ब्लड टेस्ट करवाया तो उनके खून में प्लेटलेट्स की संख्या 85 हजार निकली, जबकि सामान्य मरीज में 1.5 लाख से 4.5 लाख तक प्लेटलेट्स होती हैं। डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने दवा लेनी शुरू की लेकिन 23 अप्रैल को उनकी सांस फूलने लगी। दोबारा ब्लड टेस्ट होने पर उनके प्लेटलेट 20 हजार पर पहुंच गए। परिवार वाले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश करने लगे लेकिन ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड की कमी की वजह से उनकी मौत हो गई। दरअसल देश में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी के कई लक्षण है। लेकिन सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, बदन में दर्द, नाक बहना, गले में दर्द- ये सभी कोरोना वायरस के मुख्य लक्षण बताए जाते हैं और वायरल बुखा

डॉ सुषमा भारती की कविता "बेटियां"

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 ।। बेटियाँ ।। बेटियों से सम्मान पिता का  बेटियों से  लाखों अरमान है  फिर भी बेटियाँ बेटा नहीं है  ये कैसा अभिमान  है।  बेटों के बराबर  नहीं बेटियाँ   इसका हमें बड़ा अफसोस है  समाज की ये कैसी गंदी सोंच है।  पुरुषों की स्वर्णिम प्रेरणा  सृष्टि की शृंगार  है।  नव रूप की नव देवियाँ  भिन्न भिन्न में प्रख्यात हैं  कब बदलेगी ये बिडम्बना  किसकेअंदर की ये चोंच है  समाजकी कैसी गंदी सोंच है। । बेटियों से भाई की राखी  बेटियों से है घर अंगनाई  बेटियाँ तो है जान माँ की  उनसे ही ममता की अनुराई  बेटियों से है शान हमारी  बेटियों से पिता का मोक्ष है।  फिर क्यों समाज की दोस्तों  आज भी गंदी सोंच है। । कभी अनुसूइया कभी सावित्री  तो कभी सिया अवतार है  कभी राधा कभी रुक्मणी तो  कभी मीरा की भक्ति अनुराग  है। गंगा यमुना  और सरस्वती  तो कभी वैष्णो की अवतार है।  अनेकों रूप मे नारी है फिर भी  आज नारी मन कुछ उदास है।  जिनके बिना न सार्थक होती  बेटियों के बिना संसार अमोक्ष है।  ये कैसी समाज की गंदी सोंच है। ।                     ।।नारी शक्ति। । रचनाकार- डॉ सुषमा भारती
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सरकार ने नहीं दिया ध्यान तो आंदोलन करने पर होंगी मजबूर भोपाल । मध्यप्रदेश आशा उषा कार्यकर्ता संगठन की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती विभा श्रीवास्तव ने कहा है कि इस  कोरोनाकाल में अपनी जान पर खेलकर क्षेत्र में कार्य कर रही आशा कार्यकर्ताओं के साथ बुरा सलूक किया जा रहा है। वह जब कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए हितग्राहियों को बुलाने जाती हैं तो उनके साथ क्या सलूक किया जा रहा है, इसका अंदाजा न विभागीय अफसरों को है न अन्य जिम्मेदार विभागों को, जो उन पर यह कार्य थोप रहे हैं। श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है कोरोना बहुत ही तेजी से फैल रहा है। ऐसी महामारी में जिला प्रशासन द्वारा पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, महिला बाल विकास विभाग,  पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, नगरीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त सेवाएं ली जा रही है। ऐसे में इन विभागों से संबंधित समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों को क्षेत्र में कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना पॉजिटिव आयें व्यक्तियों को घर में होम कोरोंटाईन करने के लिए पंचायत सचिव, सरपंच को जिम्मेदारी दी गई है,  किन्तु

रश्मि दुबे "आभा" की कविता जिंदगी

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 जिंदगी जिंदगी में अपनी मैंने तो तेरी जरूरत देखी, पर तेरी आंखों में अपने लिए मोहब्बत ना देखी, जितनी बार खुद को भी ना देखा होगा, उतनी बार तूने मेरी कमियां ही देखीं, सच है जिंदगी को चुनौतियां ही रोमांचक बनाती हैं, साथ ही हर बार एक नया सबक भी दे जाती हैं, क्योंकि यह तो मुमकिन नहीं कि हर वक्त मेहरबां रही जिंदगी, फिर भी जाने क्यों जीने का, तजुर्बा सिखा जाती है जिंदगी, जिसने जो चाहा लिखा जिंदगी पर, पर जिंदगी को कोई, पढ़ नहीं पाया अब तक,,,, रचनाकार :- रश्मि दुबे "आभा"                     भोपाल

आज है पवनपुत्र श्री हनुमान जी का जन्मोत्सव

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विशेष पूजा करके पाएं बजरंगबली का आशीर्वाद हिंदू धर्म में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन अपने आराध्य देव हनुमानजी के लिए उपवास भी रखते हैं। पवनपुत्र हनुमान को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है। हनुमानजी का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन हुआ था। भक्तों का मंगल करने के लिए प्रभु श्रीराम के भक्त हनुमानजी धरती पर अवतरित हुए थे। इस बार यह तिथि 27 अप्रैल दिन मंगलवार को है। हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली की पूजा पाठ करने से शत्रु पर विजय और हर मनोकामना पूरी होती है। इस तरह मनाएं हनुमान जन्मोत्सव हनुमान जन्मोत्सव के दिन उपवास रखने वाले एक दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, साथ ही कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। इस दिन भक्तजन मंदिरों में अपने आराध्य देव के दर्शन करने और उनका आशीष लेने जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हें जनेऊ भी पहनाया जाता है और इनकी मूर्तियों पर सिंदूर और चांदी का वर्क भी चढ़ाते हैं। कहा जाता है राम की लंबी उम्र के लिए हनुमानजी अपने शरीर पर सिंदूर लगा लिया था और इसी कारण उन्हें भक्तों का सिंदू

जीत का सेहरा ही सिर बांधेंगे हम

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जीत का सेहरा ही सिर बांधेंगे हम है कठिन यह दौर मुश्किल भी बड़ी है, और मनुज के इम्तिहां की भी घड़ी है। पर नहीं हारे हैं ना हारेंगे हम, जीत का सेहरा ही सिर बांधेंगे हम। तन से दूरी मन की भी दूरी नहीं है, ज़िन्दगी की यूँ भले क़ातिल अदा है। यदि उठी आवाज़ पूरब से कहीं तो, हर दिशा ने उस दिशा में दी सदा है। मौत से यह द्वंद है इंसानियत का, फंद यम का है यकीं काटेंगे हम... जीत का सेहरा ही सिर बांधेंगे हम..... मानसिक सम्बल बढ़ाया हौसलों ने, चीर कर सीना बढ़ेंगे हर बला का। पूर्वजों ने सौंप दी है जो विरासत, काट देगी पाश वो हर अर्गला का। ज्ञान का विज्ञान का ध्वज ले चले हैं, उच्चतम शिखरों पे ही गाड़ेंगे हम.... जीत का सेहरा ही सिर बांधेंगे हम....... प्रण करें समवेत स्वर में प्राण प्रण से, जीवनी अधिकार सबका हो सुरक्षित। सांस थमने पाए कोई अब न बेबस, सर्व जन के वास्ते हों सब समर्पित। रोकना है इस प्रलय की तेज़ गति को, रोक लेंगे दिल से जो चाहेंगे हम..... जीत का सेहरा ही सिर बांधेंगे हम.... लेखिका- दीपशिखा सागर

जीवन की आपाधापी में कहीं विलुप्त न हो जाए समाज सेवा

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इंदौर। देश-दुनिया आधुनिकता को अपनाने का सपना लिए मीलों का सफर तय कर चुकी है और आगे चलना अभी-भी बाकि ही है। लेकिन जीवन की इस दौड़-भाग में हम कहीं न कहीं अपने कर्तव्यों, आध्यात्म, अन्य प्राणियों की सेवा को बहुत पीछे छोड़ आए हैं। इतना पीछे कि अब तो उस कर्त्तव्यनिष्ठा की धुंध भी नजर नहीं आती है। दूसरों से खुद को आगे देखने की इच्छा हमसे हमारा सब कुछ छीने जा रही है। हम कहाँ भागे जा रहे हैं? हम अपनी जिंदगी को पीछे छोड़ आगे आखिर क्या हासिल करने जा रहे हैं? क्या पैसा कमाना ही हमारे जीवन का एकमात्र उद्देश्य रह गया है? हम क्यों हमेशा अपने से ऊपर वाले को ही देखते हैं? हमें क्यों अपने से नीचे वाले व्यक्ति नजर नहीं आते है? क्या आपने कभी रुक कर इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश मात्र भी की है? अतुल मलिकराम के अनुसार हम इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि अपने जीवन की बागडौर सँभालने के साथ ही दान, धर्म, सेवा, आध्यात्म और मानवता जैसे अनेक कर्तव्यों के तले एक व्यक्ति अपने जीवन का ताना-बाना बुनता है। लेकिन हम तो इसका एक कतरा मात्र भी नहीं संजो पाए हैं। पैसे कमाने की होड़ में हम इस ज्ञान को भी भूल चले हैं कि अंत

ग्रामोफ़ोन बना कोरोना काल में लाखों किसानों के लिए स्मार्ट खेती करने का मंत्र

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  भोपाल । वैश्विक कोरोना महामारी ने पिछले एक साल में पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है। भारत में इस संक्रमण को कम करने के लिए पिछले साल काफी समय तक लॉकडाउन भी रहा। इस लॉकडाउन के दौरान किसान भाइयों को भी परेशानियां झेलनी पड़ी जैसे कि बुआई के पहले बीज की अनुपलब्धता, खड़ी फसल पर डाली जाने वाली दवाओं व पोषण प्रबंधन उत्पादों की अनुपलब्धता के साथ साथ अन्य कृषि से संबंधित उत्पादों के समय पर न उपलब्ध हो पाने के कारण फसलों को भारी नुकसान का खतरा था। हालाँकि इस कठिन समय में भी किसानों का सच्चा साथी कहा जाने वाला ग्रामोफ़ोन सभी किसानों के साथ खड़ा रहा और कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए इन समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराया। किसानों के लिए समर्पित 'ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप' के साथ साथ ग्रामोफ़ोन के यूट्यूब चैनल, फेसबुक लाइव और व्हाट्सएप के माध्यम से किसानों को हर प्रकार की डिजिटल सहायता मिलती रही।  डिजिटल मदद के साथ ही ग्रामोफ़ोन ने सुदूर गांवों में रहने वाले किसानों तक भी अपनी सेवायें पहुँचाई। इस दौरान कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा जारी किये गए सभी दिशानिर्देशों का ख्याल रखते हुए ग्रामोफ़ोन

कोरोना काल के मानसिक तनाव के दौरान कुछ खुशी देने वाली गतिविधि

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हनुमान जयंती का मून कहलायेगा पिंक मून : सारिका घारू भोपाल। मंगलवार 27अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर पूर्णिमा का चंद्रमा दिखेगा विशाल। शाम लगभग 7 बजकर 9 मिनिट पर पूर्व दिशा में जब चंद्रमा उदित होगा तो उसका आकार सामान्य पूर्णिमा के चंद्रमा की तुलना में बड़ा होगा और चमक भी अधिक होगी। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि यह खगोलिय घटना सुपरमून कहलाती है। यह इस साल पहला सुपरमून होगा।  सारिका घारू ने बताया कि 99.7प्रतिशत चमक के साथ चमकने वाले इस मून को यूएसए में बसंत ऋतु के आरंभ में खिलने वाले गुलाबी फूलों के आधार पर पिंक मून का नाम दिया गया गया है। चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी लगभग 358113 किमी होगी। यह रात भर आकाश में रहकर सुबह सबेरे लगभग 6 :40  पर अस्त होगा। सारिका ने मॉडल की मदद से बताया कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा अंडाकार पथ पर  करते हुए 361885 किमी से कम दूरी पर रहता है तो उस समय पूर्णिमा का चांद सुपरमून कहलाता है। यह माइक्रोमून की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज़्यादा चमकदार दिखता है। सारिका ने बताया कि सुपरमून को यादगार बनाने क्षितिज से उदित हो रहे

दीपशिखा सागर की कविता "बस यूं ही"

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 -बस यूं ही- सिहरती साँसों का, धड़कन का, ज़िन्दगी का चराग़, बुझे न वक़्त से पहले कभी किसी का चराग़ । इसी के नूर से  होंगी दुआएँ मेरी क़ुबूल, जला के  रक्खा है मैंने जो आजिज़ी का चराग़। किसी की ज़ीस्त में तारीकियों के पहरे हैं, किसी के वास्ते रोशन है आरती का चराग़। बुझा न पाएगा मज़हब की आंधियों का जुनूं, हमारे ख़ून से रौशन येआशिक़ी का चराग़ जनाबे मीर का ग़ालिब का ख़ुद ये कहना है, जिगर के ख़ून से जलता है शाइरी का चराग़। पड़ा जो वक़्त तो रस्ता यही दिखाएगा दयार ए इश्क़ में रक्खा ये आख़री का चराग़। यही दुआ है कि हिन्दोस्तां की मिट्टी से "शिखा" बनाए न हरगिज़ कोई  बदी का चराग़। रचनाकार-दीपशिखा सागर

कोरोना महामारी में सेना के प्रवेश व उच्च न्यायालय की तल्ख टिप्पणियों ने सरकार के निकम्मेपन पर लगाई मोहर : मिश्रा

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आंकड़े छुपाने व खबरें दबाने कई कलेक्टर्स लगा रहे हैं अस्पतालों में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी भोपाल। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी के.के.मिश्रा ने कोरोना महामारी को लेकर अब  प्रदेश के मोर्चे पर सेना व उच्च न्यायालय, जबलपुर की  तल्ख टिप्पणियों के बाद सरकार को पूरी तरह असफल, नाकारा, अकर्मण्य और निकम्मी बताते हुए कहा कि अब इससे जुड़ी वास्तविक खबरें,मौतों के आंकड़े आमजन तक न पहुंचे इसलिए सरकार ने कलेक्टरों के माध्यम से अब मीडिया संस्थानों,संवाददाताओं को भी आतंकित करना शुरू कर दिया है! लाशों के ढेर पर पूरा प्रदेश दिखाई दे रहा है, स्थितियां बेकाबू हो रही हैं।  लिहाज़ा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये। आज जारी अपने बयान में मिश्रा ने कहा कि मोर्चे पर सेना,सैन्य अस्पतालों में संक्रमितों के इलाज़ के फ़ैसले ने भी यह साबित कर दिया है कि राज्य सरकार अन्य मोर्चों के साथ इस महामारी के दौर में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरी तरह फ़्लाफ़ हो गई है। 16 सालों में जो "प्रचारवादी सरकार" अस्पताल, बेड, ऑक्सीजन, दवाओं के साथ अन्य चिकित्सकीय सेवाएं ही नहीं जुटा सकी उससे और क्या उम्मीद की जा

विधायक शुक्ला से देशभर के जनप्रतिनिधियों को सीखने की जरूरत

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कोविड मरीजों की जान बचाने चला रहे हैं सांस बचाओ अभियान भोपाल। देवी अहिल्या की नगरी इंदौर के विधायक संजय शुक्ला द्वारा सांस बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सिने अभिनेता सोनू सूद द्वारा भी पूर्ण रुप से सहयोग किया जा रहा है । सोनू सूद द्वारा हर प्रकार से इंदौर की सेवा करने का भी ऐलान कर दिया गया है। विधायक संजय शुक्ला द्वारा विधानसभा क्र. 1 एवं 4 के अंतर्गत आने वाले कोविड अस्पताल में स्वयं जाकर कोविड मरीजों से मिले एवं उनकी जरूरत एवं परेशानियां समझी। मरीजों ने बताया कि उन्हें रेडमेशिविर इंजेक्शन एवं ऑक्सीजन की बहुत कमी है, जिस कारण से मौतें हो रही हैं। इस परेशानी का हल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन जो 45 हजार से लेकर 1.5 लाख कीमत की आती है, वह लगवानी पड़ेगी। विधायक श्री शुक्ला द्वारा निश्चय कर 10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ सुमित शुक्ला को शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल एवं विधायक विशाल पटेल और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के साथ जाकर जनता की सुविधा के लिए दे दी। यह मशीन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, एमआर टीवी हॉस्पिटल एवं एमटीएस हॉस्पिटल में शामियाना लगाकर जिन

वायरल हो रहा है व्हाट्सएप को गुलाबी रंग में बदलने का मैसेज, जानिए क्या है इसकी खतरनाक सच्चाई

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भोपाल। साइबर विशेषज्ञों ने लिंक के जरिये फोन पर भेजे जा रहे वायरस को लेकर आगाह किया है। इस लिंक में दावा किया जाता है कि व्हाट्एसऐप गुलाबी रंग (पिंक व्हाट्सएप) का हो जाएगा और उसमें नई विशेषताएं जुड़ जाएंगी। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार लिंक में दावा किया जाता है कि यह व्हाट्एसऐप अपडेट्स की तरह से आधिकारिक अद्यतन के लिये है। लेकिन लिंक पर क्लिक करते ही संबंधित उपयोगकर्ता का फोन हैक हो जाएगा और हो सकता है कि वे व्हाट्एसऐप का उपयोग नहीं कर पाये। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ राजशेखर राजहरिया ने सोशल मीडिया पर लिखा है, व्हाट्एसऐप पिंक को लेकर सवाधान! एपीके डाउनलोड लिंक के साथ व्हाट्सऐप ग्रुप वायरस फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। व्हाट्सऐप पिंक के नाम से किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करे। लिंक को क्लिक करने पर फोन का उपयोग करना मुश्किल हो जाएगा। साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनी वोयागेर इनफोसेक के निदेशक जितेन जैन ने कहा कि उपयोगकर्ताओं को यह सलाह दी जाती है कि वे गूगल या एप्पल के ऑधिकारिक ऐप स्टोर के अलावा एपीके या अन्य मोबाइल ऐप को इंस्टॉल नहीं करें।  उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ऐप से आपके फोन

भोपाल, उज्जैन और इंदौर में फिर बढ़ाया लॉकडाउन

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इस बार सख्ती ज्यादा, आवागमन में एवं वैवाहिक सीजन को देखते हुए विशेष रियायतें भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना प्रतिदिन अपनी रफ्तार तेजी से बढ़ा रहा है। बड़े शहराें का हाल ज्यादा खराब है। इस बीच भोपाल, इंदौर और उज्जैन शहर में लॉकडाउन बढ़ाकर 26 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक कर दिया गया है। स्मार्ट सिटी बिल्डिंग में बैठक के बाद भाेपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया, कि इस सप्ताह सख्ती ज्यादा रहेगी। 26 अप्रैल तक बेवजह घूमने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। केवल कोविड से जुड़े लोगों के लिए ही आवागमन में विशेष रियायतें मिलेंगी। केवल शहर से बाहर आने-जाने वालों को छूट दी जाएगी। आज रात इसकी विस्तृत गाइड लाइन जारी कर दी जाएगी। वहीं इंदौर में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट कल रात को ही लॉकडाउन बढ़ाने की बात कह चुके हैं। वैवाहिक सीजन को देखते हुए शादियों की खरीदी के लिए इस बार कुछ दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी गई है। इसके तहत सुबह 8 से दोपहर 12 तक खरीदी के लिए दुकानें खुल सकेंगी। इसकी पुष्टि कलेक्टर ने की है। जिले की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा हुई। कमेटी के सदस्यों के मुताबिक जनता की तरफ से

हरिद्वार महाकुंभ समाप्ति की घोषणा

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हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा, श्री निरंजनी अखाड़े ने कुंभ माह समाप्ति की घोषणा की है। अखाड़े के सचिव और अखाड़े के कुंभ प्रभारी श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने गुरुवार शाम यह घोषणा करते हुए हरिद्वार कुंभ में आए अखाड़े के सभी संत- महात्माओं से कुंभ समाप्त कर अपना अपना छत्र कमंडल लेकर मूल स्थानों पर लौट जाने का अनुरोध किया है। पत्रकारों से बातचीत में महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि 27 अप्रैल चैत पूर्णिमा का स्नान वह लोग प्रतीकात्मक करेंगे। संतों की भीड़ नहीं रहेगी, केवल प्रमुख संत अकेले जाकर स्नान करेंगे। कोई शाही जुलूस नहीं निकलेगा और न ही शाही स्नान होगा। उन्होंने कहा कि सभी संत महात्मा जो बाहर से आए थे, उन्हें लौटने का अनुरोध कर लिया गया है और 17 अप्रैल तक अखाड़ा परिसर बाहर से आने वाले संतों से खाली हो जाएगा। वहीं, आनंद अखाड़े के आचार्य  महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी ने भी अपने अखाड़े के कुंभ की समाप्ति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चैत पूर्णिमा का स्नान अखाड़े के स्थानीय संत प्रतीकात्मक रूप में करेंगे। बाहर से आए संतों और भक्तों को वापसी के लिए कहा गया है। अब न तो शाही स्नान होगा

ऐसा है एण्ड टीवी के आर्टिस्ट का ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन भाई और बहन का अटूट रिश्ता

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मुम्बई।  अच्छे-बुरे हर वक्त में भाई बहन ही एक-दूसरे के काम आते हैं। भाई बहन का रिश्ता खास और अनोखा होता है। एक स्वस्थ मुकाबले से लेकर दुष्टताभरी लड़ाई तक भाई बहन का रिश्ता हमे जीवन की चुनौतियों का सामना करने की ताकत देता है और आपसी प्यार को और गहरा करता है। ये मायने नहीं रखता हमने कितनी बार एक दूसरे के कपड़े चुराए हैं या कितनी बार हमारे बीच जबर्दस्त लड़ाई और बहस  हुई है, अंत में अपने भाई बहन ही प्यारे लगते हैं। ‘सिबलिंग डे’ मना रहे टीवी के हमारे चहेते कलाकारों में ’और भई क्या चल रहा है?’के रमेश प्रसाद मिश्रा (अंबरीश बॉबी),शांति मिश्रा (फरहाना फातिमा),जफर अली मिर्जा(पवन सिंह),सकीना मिर्जा (आकांक्षा शर्मा), ईनाम मिर्जा (दिव्यांश मिश्रा) और पूजा मिश्रा (स्वरा मिश्रा),) ’हप्पू की उलटन पलटन’ की राजेश सिंह (कामना पाठक) और कैट सिंह (आशना किशोर), ’संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं‘ की स्वाति (तन्वी डोगरा) और इन्द्रेश (आशीष कादियान ) और साथ ही ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के ’मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौड़) ने दिल से परदे के और परदे के बाहर के अपने भाई-बहनों को याद किया।   अंबरीश बॉबी उर्फ रमेश प्रसाद मिश्रा ने अप

प्रतिभा श्रीवास्तव की कविता "सेप्टिपिन"

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हम से पहले की औरतें, ब्लाउज व चूड़ी में, लगाए रखती थी सेप्टिपिन... ये सेप्टिपिन, हर मौका-बेमौका काम आता.... बाबूजी के पैजामे में, नाड़ा डालने से लेकर, टूटी हवाई चप्पल के, संग भी जुड़ जाता... दिदिया जब कभी साड़ी पहनती, एक नहीं  कई-कई, सेप्टिपिन की डिमांड करती.... और अम्मा, अपने ख़ज़ाने से, खुशी खुशी दे दिया करती.... अम्मा क्यों नहीं होती, हर वक्त पास हमारे... कल के कार्यक्रम में, साड़ी पहनना आवश्यक है, सो घर में, यहाँ-वहाँ सेप्टिपिन ढूंढ़ना जारी रहा..., पर अफसोस, कमबख्त एक भी सेप्टिपिन, हाथ न लगा, और याद आ गई,  अम्मा की लाल चूड़ियों वाली कलाई, जहाँ बेचैनी से लटकता सेप्टिपिन.. इसी फिराक में रहता कि, कब,कहाँ से उसे पुकारा जाए, और वो अम्मा की गिरफ्त से, भाग निकले... अच्छे से याद है, स्कूल के दिनों में, ओढ़नी को पिनअप करने के लिए, रोज दो पिनों की आवश्यकता होती,,, औऱ हम लाल चूड़ियां की, गिरफ्त से रोज दो सेप्टिपिन को, आजाद करा लाते... बहुत लापरवाह थी उन दिनों मैं.... क्योंकि जानती थी, कोई है, कोई है,जो मुझ से ज्यादा, मेरी परवाह करता... काश की मैं भी, सेप्टिपिन की तरह, हमेशा अम्मा की कलाई में, लटकती रहती

चिंगारी के ग्लोबल ब्रांड एम्बेसेडर और निवेशक बने सलमान खान

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नई दिल्ली। भारत के सबसे तेजी से बढ़ते मीडिया सुपर एंटरटेनमेंट ऐप चिंगारी ने सलमान खान को ग्लोबल ब्रांड एम्बेसेडर और इन्वेस्टर घोषित किया। सलमान खान भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित अभिनेता और बॉक्स ऑफिस के बेताज बादशाह हैं। सबसे पसंदीदा अभिनेता में से एक होने के अलावा वे एक सफल निर्माता, सबसे लोकप्रिय टीवी होस्ट और परोपकार में भी सबसे आगे हैं। चिंगारी ऐप के सह-संस्थापक और सीईओ सुमित घोष ने कहा, “चिंगारी के लिए यह वास्तव में महत्वपूर्ण पार्टनरशिप है। हम भारत के हर राज्य तक पहुंचना चाहते हैं और यह हमारे लिए खुशी की बात है कि सलमान खान हमारे ग्लोबल ब्रांड एम्बेसेडर और निवेशक के तौर पर जुड़ रहे हैं। हमें विश्वास है कि हमारी भागीदारी निकट भविष्य में चिंगारी को और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचाने में सहायक बनेगी।  इस भागादीरी पर सलमान खान ने कहा, चिंगारी भारत के सबसे लोकप्रिय मनोरंजन ऐप्स में से एक है और इसने यूजर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए वैल्यू एड करने पर फोकस किया है। मुझे यह जानकर अच्छा लगा कि चिंगारी ने इतने कम समय में इस तरह आकार लिया, ग्रामीण से शहरी स्तर तक करोड़ों लोगों को अपनी

हरिद्वार महाकुंभ आज से, जानिए क्या है प्रवेश के लिए शर्ते

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हरिद्वार। 12 वर्षो में एक बार लगने वाले हरिद्वार महाकुंभ-2021 का इंतजार अब खत्म हुआ है, आज से यानि की 1 अप्रैल से इस महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है। आज से शुरू होने वाला महाकुंभ 30 अप्रैल यानी पूरे एक महीने चलेगा, साथ ही इस बार कोरोना महामारी के लिए सबसे बड़े तीर्थस्थल में से एक पर इतने बड़े कुंभ मेले का आयोजन देखने लायक होगा। इसी के साथ कोरोना के चलते इस बार के महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। इस बार का महाकुंभ इसलिए खास है क्योंकि पहली बार किसी महामारी के चलते इसे टाला नहीं गया, सभी सुरक्षाओं और सुविधाओं के अनुरुप ही इस कुंभ मेले का संचालन होना है। इतना ही नहीं इस बार के कुंभ मेले में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित 12 राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं पर विशेष नजर रहेगी। जिले के सभी बॉर्डर और मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग श्रद्धालुओं की रैंडम सैंपलिंग करेगा। साथ ही यहां आये श्रद्धालु धर्मशालाओं और होटलों में बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट के नहीं रुक पाएंगे। क्या-क्या करना होगा मेले में आने के लिए : कोरोना महा