हर घर नल से जल की योजना पूरी करने गाँव को जल समृद्धि बनाना होगा: सिंह


भोपाल । जल जन जोड़ो अभियान द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि रिवर बेसिन प्रबंधन बिल को लेकर भारत सरकार ने अभी हाल में पहल शुरू की है, सरकारे पानी के काम को कानून के दायरे में बांध लेती हैं। हर घर में नल से जल देना बिना सामुदायिक विकेंद्रीकरण व्यवस्था के संभव नहीं होगा इसके लिए जन को जल से जोड़ना होगा, जिसके लिए पुरे भारत में जल साक्षरता की आवश्यकता है। जल संरक्षण के सामुदायिक सहयोग से विभिन्न मॉडल जन निर्मित करने होंगे, स्वच्छ पानी में गंदे पानी को मिलाने की व्यवस्था खत्म करनी होगी, रिवर और सीवर के बीच में अंतर रखना होगा। सिंह ने कहा की जल साक्षरता कानून अभियान को बढ़ावा देने के लिए जल साक्षरता के शिक्षण की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश पानीदार राज्य है इसे और अधिक पानीदार बनाने के लिए एक अच्छे जल अधिकार कानून के निर्माण की आवश्यकता है। इसके लिए आवश्यक है कि जो कानून बने उसमें जनता की राय जरूर ली जाए। सरकार को पानी के वितरण की मात्रा को निर्धारण करने की जगह गरिमा सम्मान और स्थायित्व जैसे विषयों को जोड़ना चाहिए।


पानी पंचायत संगठन बनाएं


मध्यप्रदेश में पानी के कुप्रबंधन को रोकने के लिए गांव-गांव में पानी के संरक्षण के लिए पानी पंचायत जैसे संगठनों का निर्माण करना होगा। पूरे प्रदेश में जल साक्षरता की मुहिम के लिए 5 स्तरीय कैडर के निर्माण की आवश्यकता है जिसमें जल नायक, जल योद्धा, जल ऋषि, जल कर्मियों और जल मित्र का निर्माण किया जाए। मध्य प्रदेश सरकार को शीघ्र ही जल अधिकार कानून का निर्माण कर लेना चाहिए क्योंकि उसने पूरे भारत में जल अधिकार के कानून को लेकर सराहनीय पहल की है, और पूरे राष्ट्र में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। कानून में जल, जंगल, जमीन के विषय को भी जोड़ना चाहिए केंद्र में रिवर बेसिन प्रबंधन बिल आने के बाद राज्य के पानी के अधिकार केंद्र के पास चले जाएंगे, जिससे राज्य और केंद्र के बीच और अधिक झगड़े बढ़ेंगे, रिवर बेसिन प्रबंधन बिल में पर्यावरणीय प्रवाह की बात सरकार ने की है यह एक सार्थक पहल है भारत को पानीदार बनाने के लिए गांव से काम शुरू करना होगा। जल के व्यापारीकरण को लेकर हमें अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है जिस तरह से पानी का बाजार बढ़ रहा है वह समुदाय के जल अधिकार के लिए घातक होता जा रहा है। आज भारत की किसी भी नदी का पानी पीने लायक नहीं है नदियों के पानी को पीने लायक बनाने के लिए रिवर और सीवर को अलग किया जाना चाहिए।


सरकार को सौंपा जल कानून का प्रारूप


इस अवसर पर जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कहा कि भारत में जल सुरक्षा कानून का प्रारूप इस देश में जल पर काम करने वाले कई विषय विशेषज्ञों ने 2 वर्ष पहले तैयार किया था। यह प्रारूप हम मध्य प्रदेश सरकार को भी दे रहे हैं कि वह इस प्रारूप से महत्वपूर्ण विषयों को मध्यप्रदेश में बनाए जा रहे बिल में शामिल करें । इस जल अधिकार कानून के प्रारूप में पानी के समुदायकरण को प्रमुखता से रखा गया है। पानी के अधिकार में महिलाओं के नेतृत्व को प्राथमिकता दी जाए, जहां-जहां पर भी महिलाओं ने जल संरक्षण का कार्य किया है वहां सार्थक परिणाम रहे है, बुंदेलखंड इसका एक उदाहरण है जहां पर जल सहेलियों ने 100 से अधिक गांव को पानीदार बनाया है। सर्वोदय मंडल के प्रदेश संयोजक मनीष राजपूत ने कहा कि जल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए जल प्रबंधन के पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता है, जल संरक्षण के लिए समाज के सभी वर्गों को एक साथ आने की आवश्यकता है। जल जन जोड़ो अभियान की प्रदेश समन्वय आभा शर्मा ने कहा कि जल संरक्षण के लिए भोपाल शहर में विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से एक अभियान आयोजित किया जाएगा जो जल संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक करने का काम करेगा।


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