कुठियाला की कारस्तानियों पर एनएसयूआई ने उठाये सवाल

माखनलाल के पूर्व कुलपति से पूछा, अगर सच्चे हैं, तो मुंह छिपाते क्यों घूम रहे हैं


भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला की कारस्तानी पर सवाल उठाते हुए जमकर हमला बोला है। एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा है कि जिस तरह से बीके कुठियाला मुंह छिपाते फिर रहे हैं, इससे यह सबित होता है कि उन पर लगे सारे आरोप सच हैं। अगर वह सच्चे हैं, तो हम उन्हें चुनौती देते हैं कि वे अपना पक्ष कोर्ट में आकर रखें। त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में लंबे समय से आरएसएस का कब्जा था। पिछली सरकार में वहां के कुलपति बीके कुठियाला ने मनमानी करते हुए आर्थिक अनियमितता की और संघ के सदस्यों को गैरकानूनी तरीके से विश्वविद्यालय में भर्ती किया। जिसके खिलाफ एनएसयूआई ने बार-बार लड़ाई लड़ी, लेकिन पिछली सरकार ने मौन धारण किया हुआ था । अब हमारी लड़ाई सफल होती हुई दिख रही है । विवेक त्रिपाठी ने सवाल उठाया कि कुठियाला जिस तरह से मुंह छिपाकर घूम रहे हैं, इससे यह साबित होता है कि उन पर लगे सारे आरोप सही हैं । त्रिपाठी ने कहा कि अगर वह सच्चे हैं और खुद को पाक-साफ बताते हैं, तो अदालत में अपना पक्ष रखें और ईओडब्ल्यू को जांच में सहयोग करें ।



क्या है मामला


दरअसल बीके कुठियाला लंबे समय तक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। इस दौरान उन पर कई तरह की गड़बड़ियों के आरोप लगे। चाहे विश्वविद्यालय में भर्तियों का मामला हो, विश्वविद्यालय के पैसे से महंगे होटलों में पी गई शराब के बिल चुकाने का मामला या फिर विश्वविद्यालय के पैसे से खरीदे गए महंगे मोबाइल की जगह टूटा-फूटा मोबाइल जमा करने का मामला हो। इस तरह के कई गंभीर आरोपों से बीके कुठियाला घिरे हुए हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई जांच कमेटी की जांच के बाद बीके कुठियाला पर ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू ने उनसे पूछताछ के लिए उन्हें तीन बार समन भी जारी किया, लेकिन वे पेश नहीं हुए। बाद में ईओडब्ल्यू ने पंचकूला स्थित उनके निवास और दफ्तर पर भी छापा मारा, लेकिन वह ईओडब्ल्यू के हत्थे नहीं चढ़े। अब ईओडब्ल्यू उनकी संपत्ति कुर्क करने का आवेदन अदालत में देने की तैयारी कर रही है ।


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