आईआईडीसी के चेयरमैन ने एसआरएम टीम के स्टार्टअप एप्लीकेशन को दिया अवॉर्ड
कांचीपुरम (चेन्नई) । एसआरएम इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की औरा लैब्स की टीम ने इंकलेस प्रिटिंग टेक्नोलॉजी मशीन का प्रोटोटाइप विकसित किया है। इसकी मदद से प्रिटिंग इंडस्ट्री में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। साथ ही यह तकनीक पर्यावरण के संरक्षण में भी कारगर सिद्ध होगी। इस अविष्कार के पीछे एम टेक रोबोटिक्स डिपार्टमेंट मेकेनिकल इंजीनियरिंग, एसआरएम केटीआर की छात्रा शिल्पा ठाकुर और शैलेष श्रीनिवासन बीटेक विभाग इलेक्ट्रीकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, एसआरएम का दिमाग है। इन दोनों ही छात्रों की योजना आने वाले कुछ महीनों में इसे मूर्त रूप की योजना तैयार कर रहे हैं। जैसे ही प्रोटाइप कमर्शियल एप्लीकेशन के लिए तैयार हो जाएगा, इसके साथ ही स्टार्टअप पर काम करेंगे। दोनों ही होनहार छात्रों ने प्लाज्मा कॉबुरीजेशन इंकलेस प्रिटिंग टेक्नोलॉजी के जरिए पेपर को प्रिंट करेंगे, इसमें किसी भी प्रकार का टॉक्सिस, महंगी इंक और टोनर का प्रयोग नहीं होगा। इन दोनों ही छात्रों की औरा लैब्स टीम ने इंडिया इनोवेशन चैलेंज में टॉप किया है। इसका आयोजन बेंगलुरू में किया गया था। इस टेक्नोलॉजी के विकसित होने के साथ ही प्लास्टिक और ई—वेस्ट से बहुत बड़े पैमाने पर छुटकारा मिलेगा, जो टोनर कॉर्टिज और प्रिंटर इंक के रूप में हमारे सामने होते हैं।श्रीनिवासन ने बताया कि इस तकनीक की मदद से टॉक्सिस केमिकल को कम किया जाएगा। हम प्लाज्मा एनर्जी के प्रयोग से केमिकल इंक और टोनर को से होने वाले स्वास्थ्य के खतरे को कम करने का प्रयास करेंगे। औरा लैब्स एसआरएमआईएसटी को बेस्ट इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजिक इपैक्ट के लिए चेयरमैन अवार्ड दिया गया है। एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो अनिल दत्रात्रेय सहस़्त्रबुधे ने शिल्पा ठाकुर और शैलेष श्रीनिवासन को उनके इनोवेशन के लिए यह अवार्ड दिया। देश भर से आए 26000 से ज्यादा स्टार्टअप एप्लीकेशन में ये इनके इनोवेशन का चुनाव किया गया है।
26 हजार छात्रों ने लिया हिस्सा
देश भर के 1750 कॉलेजों के 26000 से ज्यादा छात्रों ने इस इवेंट में हिस्सा लिया था। 10,000 प्रोजेक्ट को सबमिट किया गया था जिसमें से 30 प्रोजेक्ट सेलेक्ट हुए थे। एसआरएमआईएसटी की औरा लैब्स ने इस प्रतियोगिता में चेयरमैन अवार्ड जीता।
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