इंदौर। सतेंद्र सिंह एक शख्स ही नहीं हौसले का नाम है। तैराकी इनका शौक नहीं जुनून है। 2017 में इंग्लिश चैनल पार कर चुके सत्येंद्र, एक पैरा स्वीमर हैं। इंग्लिश चैनल पार करने वाले दुनिया में ऐसे सिर्फ गिनती के लोग हैं। प्रदेश के पैरा स्वीमर सतेंद्र सिंह अब अमेरिका की कैटलीना चैनल को पार करने जा रहे हैं। अगर सतेंद्र कैटलीना चैनल भी पार कर लेते हैं तो वो दोनों चैनल में सफलता हासिल करने वाले दुनिया के पहले पैरा स्वीमर होंगे। इनका प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल इंदौर द्वारा एक कार्यक्रम ऑल द बेस्ट सतेंद्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थियों ने सतेंद्र का दिल से स्वागत किया और उनका उत्साह बढ़ाने के लिए उन्हें हैण्डमेड ग्रीटिंग कार्ड और कागज के हाथों से बने फूल दिए। विद्यार्थियों ने अपने हाथों से ग्रीटिंग कार्ड बनाए जिन पर उन्होंने सत्येंद्र के लिए मेसेज भी लिखा। सतेंद्र के स्वागत में तालियों की गड़-गड़ाहट से स्कूल का पूरा परिसर गूंज उठा।
कार्यक्रम में माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल इंदौर के सीईओ रुपेश वर्मा, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के एडिशनल डायरेक्टर आरसी यादव एवं माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल इंदौर की को ऑर्डिनेटर रुचिका राना ने सतेंद्र का अभिनंदन किया।
इस अवसर पर माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल इंदौर के निर्देशक मयंकराज सिंह भदौरिया ने कहा “जोश, जज्बा और जुनून हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है – इस बात का जीवंत उदाहरण हैं पैरा स्वीमर सत्येंद्र सिंह लोहिया। इंग्लिश चैनल को पार करके इतिहास रच चुके सतेंद्र एक बार फिर मध्य प्रदेश को गौरवान्वित करने के प्रयास में है। इसके लिए माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल इंदौर उन्हें शुभकामनाएं देता है। हमें बहुत ख़ुशी है की हम उनकी छोटी से मदद कर उनका समर्थन कर पाए हैं। उन्होंने आगे कहा, हमें पूरी उम्मीद है कि सतेंद्र कैटलीना चैनल को पार कर मध्य प्रदेश और देश को गौरवान्वित करेंगे। सतेंद्र हमारे और माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल इंदौर के छात्रों के प्रेरणास्रोत है जिन्होंने विद्यार्थियों को यह विश्वास दिलाया है कि कुछ भी असंभव नहीं है एवं आत्म विश्वास और दृढ़ संकल्प से जीवन में बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। अपने इस सम्मान और आर्थिक मदद से अभिभूत सतेंद्र ने कहा, मैं फिर से अपने आप को साबित करने के लिए तैयार और प्रतिबद्ध हूं। मेरा उद्देश्य कैटलीना चैनल को उसी तरह से पार करना है जैसे मैंने इंग्लिश चैनल को पार किया था। दुनिया में सब कुछ मुमकिन है बस उस कार्य को करने का हौसला होना चाहिए। मैं माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल के बच्चों से सिर्फ यह कहना चाहता हूँ कि वे अपनी कमजोरी को ताकत में बदलें। सही मायने में वह व्यक्ति दिव्यांग है, जो मन से कमजोर है। अगर हौंसला बुलंद हो तो रास्ते अपने आप बनते जाते हैं। प्रकृति भी साथ देने लगती है। उन्होंने आगे कहा मैं उन सभी को विशेष धन्यवाद देना चाहता हूँ जिनका मुझे इस उद्देश्य में समर्थन मिला है। माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल इंदौर की ओर से जो प्रोत्साहन और समर्थन मुझे मिला है इसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार रहूंगा। इस प्रकार के प्रेरणादायक कार्यक्रम विद्यार्थियों में उत्साह, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प पैदा करते हैं।
गौरतलब है कि सतेंद्र पहले ऐसे भारतीय हैं जिन्होंने 75 फीसदी दिव्यांग होने के बाद भी 12 घंटे और 26 मिनट में इंग्लिश चैनल को पार किया जिसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। सतेंद्र को 2014 में विक्रम पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। इस पैरा स्विमिंग टीम - जिसमें सतेंद्र और पांच अन्य लोग शामिल हैं - 18 अगस्त को यूएसए में 20 मील लंबे कैटलीना चैनल को पार करने का प्रयास करेंगे। सतेंद्र 6 अगस्त को कैटलीना के लिए रवाना होंगे। यह कैटलीना चैनल को पार करने का प्रयास करने वाली पहली भारतीय पैरा टीम होगी। कैटलीना चैनल इंग्लिश चैनल के समान ही चुनौतीपूर्ण है।
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