मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सुश्री मेघा परमार को बधाई दी


भोपाल । मुख्यमंत्री कमल नाथ ने रूस के सबसे ऊँचें पर्वत माउंट एल्ब्रस पर पहुंचने वाली मध्यप्रदेश की पहली बेटी सुश्री मेघा परमार को बधाई दी और कहा कि सरकार उनके हर प्रयास को पूरा सहयोग प्रदान करेगी। सुश्री मेघा परमार ने आज मंत्रालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस मौके पर मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती भी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की निवासी सुश्री मेघा परमार ने माउंट एल्ब्रस जिसकी ऊँचाई 18 हजार 510.44 फिट है पर पहुँचकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया। महिला बाल विकास विभाग ने सुश्री मेघा परमार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एबेंसडर नियुक्त किया है। इसके पूर्व सुश्री परमार विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह कर चुकी हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री कमल नाथ एवं मंत्रिमंडल द्वारा 3 जून को सम्मान प्रदान किया गया था।


अंगदान के प्रति जागरूक बनें और जीवन बचाने आगे आयें


भोपाल। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने  "विश्व अंगदान दिवस"  के अवसर पर नागरिकों से अंगदान के महत्व को समझते हुए अपने मित्रों एवं रिश्तेदारों को भी इसके बारे में जागरूक करने की अपील की है। उन्होने कहा कि अंगदान से जीवनदान संभव है। उन्होंने लोगों से अंगदान करने के लिए अपना पंजीयन कराने का आग्रह किया है। कमल नाथ ने जनता के नाम जारी अपील में कहा है कि अंगदान का निर्णय सिर्फ एक व्यक्ति को ही नहीं बल्कि कई परिवारों को जीवन एवं खुशियाँ दे सकता है। जरूरी है कि अंगदान के प्रति जागरूक होकर जरूरतमंद लोगों के जीवन को बचाने में आगे आयें। राज्य सरकार ने अंगदान को बढ़ावा देने के लिये "मानव अंगों का प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994" लागू किया है। राज्य स्तरीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संस्था का गठन कर जीवन रहते और जीवन के बाद अंगदान को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा में स्थित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे सभी निजी चिकित्सालयों एवं सामाजिक संगठनों को भी बढ़ावा दिया जायेगा जो मानवता के हित में अंगदान के लिये कार्य कर रहे हैं।     
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में हर साल करीब 1.8 लाख लोग किडनी की बीमारी से पीड़ित होते हैं लेकिन केवल छह हजार लोगों को किडनी मिल पाती है। इसी प्रकार देश में हर साल दो लाख लोगों की लीवर की बीमारी से या लीवर कैंसर से मृत्यु हो जाती है। इनमें से  लगभग 25 से 30 हजार लोगों का यदि समय पर लीवर प्रत्यारोपण हो जाये तो उन्हें नया जीवन मिल सकता है। उन्होने कहा कि आम लोगों में जागरूकता आने से अंगदान से जीवनदान देने में मदद मिलेगी ।


Comments

Popular posts from this blog

बुजुर्गों की सेवा कर सविता ने मनाया अपना जन्मदिन

पद्मावती संभाग पार्श्वनाथ शाखा अशोका गार्डन द्वारा कॉपी किताब का वितरण

चर्चा का विषय बना नड्डा के बेटे का रिसेप्शन किट