उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पक्ष में मुख्यमंत्री की पहल स्वागत योग्य: ओझा


पीड़िता की सम्पूर्ण सुरक्षा, बेहतर इलाज और बेहतर शिक्षा के साथ ही, समस्त दायित्वों के निर्वहन का वादा


भोपाल । मप्र कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि उन्नाव दुष्कर्म के मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा उच्चतम न्यायलय के फैसले का स्वागत कर, पीड़िता की मां व परिजनों से मध्यप्रदेश में आकर बसने की अपील करना, एक संवेदनशील मुख्यमंत्री के द्वारा की गई एक सराहनीय पहल है। एक ऐसे समय में जब उत्तरप्रदेश को असुरक्षित मान कर, पीड़िता की मां और परिजनों ने, उस प्रदेश को छोड़ने का मन बना लिया है, तब उनको व उनके परिवार को, मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से सम्पूर्ण सुरक्षा, बेहतर इलाज और बेहतर शिक्षा के साथ ही, समस्त दायित्वों के निर्वहन का वादा, अपने आप में अनुकरणीय है। श्रीमती ओझा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी द्वारा किये गये उक्त आशय के ट्वीट के संदर्भ में, उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए आगे कहा कि मुख्यमंत्री कमल नाथ ने, उत्तरप्रदेश सरकार की संवेदनहीनता के विपरीत, अपनी संवेदनशीलता का उदाहरण पेश करते हुए, अपने ट्वीट में यह भी कहा है कि हम पीड़ित बच्ची की सुरक्षा, इलाज और शिक्षा के अतिरिक्त इस जघन्य प्रकरण के दिल्ली स्थानांतरित होने के बाद, दिल्ली आने-जाने की भी पूर्ण व्यवस्था करेंगे और बच्ची व उसके परिवार को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होने देंगे। ओझा ने कहा कि उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था के जो बदतर हालात, योगी की भाजपा सरकार के चलते हो गये हैं, वह अपने आप में बड़ी ही चिंता का विषय हैं। उत्तरप्रदेश, जो कभी अपनी समृद्ध धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक व शैक्षणिक विरासत के लिए जाना जाता था, आज वह अपराधों में नम्बर एक राज्य बन कर रह गया है, जहां हुक्मरानों द्वारा पीड़ितों की मदद करना तो दूर, ऐसा लगता है कि सरकारी संरक्षण में अपराधी, अपराधों के सबूत मिटाने के लिए, निर्दोष पीड़ितों के परिवारों को ही खत्म करने पर आमादा हैं। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार पर उक्त स्पष्ट आरोप लगाते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि समूचे मामले में सुप्रीम कोर्ट के स्वागतयोग्य निर्णय के बाद, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा, पीड़िता व उसके परिवार के पक्ष में की गई यह संवेदनशील पहल, समूचे देश के सामने एक नज़ीर बन गई है, जिसका अनुसरण अन्य राज्यों को भी करना चाहिए।


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