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लॉकडाउन: सकारात्मक और नकारात्मक पहलू


ओमिता पार्थोदास
लॉकडाउन अर्थात तालाबंदी। इसके तहत सभी को अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है जिसका सरकार की तरफ से कड़ाई से पालन भी करवाया जा रहा है। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि कोरोना वायरस नामक महामारी मानव जाति के इतिहास में पहली बार आई है। भारत सरकार ने लॉकडाउन को ही इससे बचने के लिए आवश्यक कहा है,क्योंकि अब पूरा देश इस वायरस से लड़ने के लिए अपने-अपने घरों में कैद हो गया है। इस महामारी के प्रकोप से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इससे बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोशल डिस्टेंसिग यानी कि सामाजिक दूरी। यह संक्रमण एक से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है जिससे अब हमारे मुख्य मंत्री भी प्रभावित हो कोरोना पाजीटिव हो चुके हैं ।
लॉकडाउन से पहले के समय की बात करें तो उस वक्त हम सभी अपने रोजमर्रा के कामों में इतना व्यस्त रहते थे कि अपनों के लिए,अपने परिवार के लिए व बच्चों के लिए कभी समय ही नहीं निकाल पाते थे,पर अब लोग अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर अपनी हुनर और पुराने सीरियल का आनंद ले रहे हैं और अपनी पुरानी यादों को वापस से जी रहे हैं।प्रदूषण में कमी हुई है,डिजीटल शिक्षा का प्रसार हुआ,ताकि बच्चों का नुकसान न हो। लोगों को आनलाइन एक्टिविटी की समझ बढ़ी।
दूसरी ओर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान किसी को हुआ है तो वह है मजदूर, जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।लोगों की नौकरियां चली गई हैं जिसकी वजह से बेरोजगारी की समस्या बढ़ गयी।  कारखानों को बंद रखने के कारण भारी नुकसान वहन कर देश आर्थिक रूप से कमजोर पड़ रहा है। वायरस की खबरों से कुछ लोग डिप्रेशन जैसी समस्या से भी जूझ रहे हैं। बच्चे भी पूरे दिन घर पर रहकर चिड़चिड़ापन महसूस करने लगे हैं। राखी जो कि भाई बहन का प्यार और भावनात्मक त्यौहार हैं इससे प्रभावित हैं और सोशल डिस्टेंसिग के कारण परिवार खुल के आनंद नहीं ले पाएगें। 
लॉकडाउन की स्थिति को भी लोगों द्वारा गंभीरता से नहीं लेने पर प्रधानमंत्री ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने ट्वीट करके राज्य सरकारों से लॉक डाउन को सख्ती से लागू करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा था कि लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा, कृपा करके अपने आप को बचाएं। अपने परिवार को बचाएं। निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वह नियमों और कानूनों का पालन करवाए।
यही कारण है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जा रहा है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस निर्णय का पूर्ण समर्थन करते हुए हम लॉकडाउन का पूरा पालन करें और इस वायरस को जड़ से मिटा दें।
(लेखिका शिक्षक और समाजसेवी हैं।)


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