सीधी में हुई बदायूं जैसी घटना, प्रदेश के माथे पर कलंक : शोभा ओझा

 


महिलाओं के साथ हो रही दरिंदगी की घटनाओं को धृतराष्ट्र बनकर न देखें मुख्यमंत्री व गृहमंत्री 

भोपाल। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रदेश के सीधी जिले में एक विधवा को बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप और नृशंसता की जो घटना सामने आई है, उसने एक बार फिर राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। यह बेहद शर्मनाक है कि उत्तरप्रदेश के बदायूं में हुई इसी तरह की दरिंदगी की घटना से न तो राज्य सरकार और न ही प्रदेश पुलिस ने किसी प्रकार का कोई सबक लिया, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। 

मीडिया को जारी अपने वक्तव्य में राज्य सरकार और प्रदेश पुलिस पर उपरोक्त आरोप लगाते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि पहले से ही जर्जर हो चुकी कानून व्यवस्था की स्थिति पर सरकार का लचर और असंवेदनशील रवैया ही ऐसी अप्रिय घटनाओं का कारण बनता है। राज्य में "महिला सुरक्षा" के दावों की पोल खोलती ऐसी घटनाओं से महिलाओं के मन में घोर असुरक्षा का भाव व्याप्त हो रहा है। यह दुःखद है कि खरगोन, गुना, गाडरवाड़ा, भोपाल, सतना, सीधी सहित प्रदेश के सभी हिस्सों से आ रही नृशंसता और दुष्कर्म की खबरों ने आम जनमानस को तो उद्वेलित किया है किंतु मुख्यमंत्री और गृहमंत्री दरिंदगी की घटनाओं को खामोशी से देख रहे हैं। श्रीमती ओझा ने कहा कि सीधी में विधवा के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद दरिंदों ने नृशंसता की जो हदें पार की हैं, वह यह दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि राज्य में अपराधियों के हौंसले कितने बुलंद हैं। यह भी शर्मनाक है कि प्रदेश में घटित महिला अत्याचार की लगभग प्रत्येक घटना के बाद महिला आयोग द्वारा कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने की लगातार दी गई चेतावनियों को राज्य सरकार और प्रदेश पुलिस ने कभी गंभीरता से नहीं लिया। अब एक बार फ़िर राज्य महिला आयोग प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से यह आग्रह करता है कि वे अपनी आलोचनाओं को सकारात्मक तरीके से लें व सीधी के वहशियों को ऐसी कठोरतम सजा दिलवाएं जो अपराधियों और दरिंदों के मन में एक स्थायी दहशत का भाव पैदा कर सके।


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