केंद्र के तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस करेगी किसान सम्मेलन

 


16 को छिंदवाड़ा और 20 जनवरी को मुरैना में शामिल होंगे कमलनाथ 

 भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देशानुसार कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के तीन काले कृषि कानून का विरोध कर रही है। कांग्रेस पार्टी द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार 7 से 15 जनवरी 2021 के मध्य जिला एवं ब्लाक कांग्रेस कमेटियों द्वारा एक दिन का धरना प्रदर्शन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। 7 जनवरी को देवास एवं 8 जनवरी को मंदसौर, मंडला, महेश्वर, निवाडी, आमला में विशाल ट्रेक्टर रैली एवं किसान यात्रा निकली गई जिसमें किसानों के साथ-साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, विधायक एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। इसके पूर्व 6 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज के क्षेत्र बुधनी में कांग्रेस ने विशाल ट्रेक्टर रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव एवं पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा समेत हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चन्द्रप्रभाष शेखर ने बताया कि कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के तीनों काले कृषि कानूनों को लेकर प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर इन काले कानूनों को रद्द करने की मांग कर रही है। श्री शेखर ने बताया की आगामी दिनों में 9 जनवरी को भिंड जिले के लहार एवं 12 जनवरी को भिंड जिले के गोहद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डा. गोविन्द सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन किया जावेगा। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह 11 जनवरी को सतना, 12 जनवरी को रीवा, 13 जनवरी को सीधी एवं 14 जनवरी को सिंगरौली जिले में किसानों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन में शामिल होंगे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 16 जनवरी को छिन्दवाड़ा जिले में आयोजित किसान सम्मलेन एवं 20 जनवरी को मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में आयोजित किसान सम्मलेन में शामिल होंगे। संगठन प्रभारी श्री शेखर ने दिल्ली बार्डर पर पिछले 43 दिनों से आंदोलित किसानों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए दुःख जाहिर किया एवं मोदी सरकार की हठधर्मिता को किसानों के खिलाफ बताते हुए कांग्रेस पार्टी की किसानों के प्रति समर्पण एवं किसानों के लिए अंतिम दम तक लड़ाई लड़ने की बात दोहराई। 


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