अपेक्स बैंक अध्यक्ष के निवास पर कुंडली मारकर बैठे हैं डॉ अग्रवाल

 


- आईएएस का अवैध कब्जा, विभाग छूटने के बाद भी नहीं छूट रहा सरकारी आवास का मोह

विशेष संवाददाता, भोपाल

सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस समय भले ही राज्य से भ्रष्टाचार मिटाने की मुहिम उठाये हो पर सहकारिता के दामन पर लगे दाग को धोने में सदियों गुजर जाएंगे। सहकारिता में आये दिन नए मामले धांधली के सामने आ रहे हैं। हालत यह है कि सहकारिता से जुड़े भृत्य से लेकर आयुक्त तक तथा अपेक्स बैंक स्तर पर इतने फर्जीवाड़े हो रहे हैं कि लगता है कि आने वाले समय में विभाग का नाम बदलकर फर्जी विभाग करना पड़ेगा। एक ऐसा ही मामला इन दिनों सुर्खियों में है।   दरअसल मप्र कैडर के प्रमोटी आईएएस अधिकारी एवं पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव डॉ एमके अग्रवाल का बंगला प्रेम इस कदर हावी है कि उन्हें सही-गलत का भान ही नहीं हो रहा है। इस सम्बंध में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तत्कालीन सहकारिता आयुक्त डॉ महेश कुमार अग्रवाल ने राजधानी भोपाल में अपेक्स बैंक अध्यक्ष के बंगले पर नाजायज कब्जा कर रखा है। अपेक्स बैंक के सेवानिवृत्त लेखाधिकारी एचएस मिश्रा ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय कार्मिक मंत्री,  मुख्यमंत्री, लोकायुक्त, मुख्य सचिव एवं सहकारिता मंत्री को भेजे एक शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि अपेक्स बैंक भोपाल का गेस्ट हाउस ई-5 अरेरा कॉलोनी में स्थित है। जिसमें गेस्ट हाउस के साथ-साथ अध्यक्ष का बंगला भी है । उक्त बंगले का किराया बाजार दर से कम से कम 2 लाख रु. प्रति माह है । यह बंगला बैंक के निर्वाचित अध्यक्ष के लिए आरक्षित है। आयुक्त सहकारिता के पद पर डॉक्टर एमके अग्रवाल 4 जून 2019 को पदस्थ हुए। इसके पूर्व चंबल संभाग में आयुक्त के पद पर पदस्थ थे। उससे पहले  आयुक्त भू अभिलेख के पद पर तैनाती थी ।
भोपाल पदस्थगी के बाद डॉ अग्रवाल को पता चला कि अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा के कई बड़े काले कारनामे हैं । बस फिर क्या था, नीखरा ने भी अपनी कारगुजारियों पर पर्दा डालने के लिए तत्कालीन सहकारिता आयुक्त  डॉ अग्रवाल को पूर्ण रूप से 4 जून 2019 से ही अरेरा कॉलोनी स्थति अपेक्स बैंक के अध्यक्ष का बंगला सुविधाओं के साथ सौंप दिया। बस तब से डॉ एमके अग्रवाल उस बंगले पर अवैध रूप से अभी तक कब्जा जमाए बैठे हैं । अब जब डॉ अग्रवाल पिछड़ा वर्ग  विभाग के सचिव के रूप में स्थानांतरित हो चुके हैं इसके बाद भी अपेक्स बैंक अध्यक्ष के निवास पर कुंडली मारकर बैठे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर नीखरा को किस बात का डर सता रहा है कि स्थानांतरित होने के बाद भी डॉ अग्रवाल की सेवा में बैंक के कर्मचारियों से लेकर वाहन और बड़ा बंगला समर्पित कर रखा है।

भोपाल में है निजी आवास :

अपेक्स बैंक अध्यक्ष के सरकारी निवास पर अवैध कब्जा जमाए बैठे पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव डॉ महेंद्र कुमार अग्रवाल के पास राजधानी भोपाल में स्वयं का निजी मकान कोरलवुड राजपाल टोयोटा शोरूम के बगल में होशंगाबाद रोड में स्थित है। सवाल यह उठता है कि खुद का निजी मकान होने के बाद भी आखिर डॉ अग्रवाल को अपेक्स बैंक अध्यक्ष के निवास और ग्वालियर के सरकारी बंगले से इतना क्या मोह है कि छोड़ने को ही तैयार नहीं है।

ग्वालियर के बंगले में भी किया अवैध कब्जा :

तत्कालीन आयुक्त सहकारिता डॉ एमके अग्रवाल का स्थानांतरण ग्वालियर से 29 नवंबर 2017 को आयुक्त चंबल-मुरैना संभाग के पद पर हो गया था। इसके बावजूद डॉ अग्रवाल ने करीब 3 साल की अवधि व्यतीत होने के बाद भी अवैध रूप से ग्वालियर के सरकारी बंगले, 8 गांधी रोड ग्वालियर पर कब्जा जमाया हुआ है। उक्त बंगले का बाजार दर से किराया प्रति माह 1 लाख के मान  से करीब 36 लाख रुपए का चूना अलग से सरकार को लगाया है। मिश्रा ने अपने पत्र में शिकायत करते हुए लिखा है कि डॉ अग्रवाल को निलंबित कर उनसे शासकीय बंगला खाली कराते हुए  बाजार दर से वसूली की कार्रवाई की जाय।

कारगुजारियां छुपाने नीखरा ने डॉ अग्रवाल की सेवा में दिए कई वाहन :

अपेक्स बैंक के प्रभारी प्रबन्ध संचालक प्रदीप नीखरा ने अपनी कारगुजारियों पर पर्दा डालने के लिए तत्कालीन सहकारिता आयुक्त डॉ एमके अग्रवाल और  उनकी पत्नी तथा बच्चों की सेवा में बैंक की इनोवा कार क्रमांक एमपी 04 बीसी 8009 ग्वालियर में जून 2019 से पूर्णतः लगा दी थी। इस कार की कीमत के ब्याज पेटे एवं कार संचालन पेटे बैंक को 10 लाख से अधिक का व्यय किया जाकर अपेक्स बैंक को हानि पहुंचाई। अपेक्स बैंक के बंगले एवं वाहनों, भृत्यों एवं अन्य सुख सुविधाओं का अवैध रूप से दोहन कर अग्रवाल ने अपेक्स बैंक को करीब 40 लख रुपए का चूना लगाया। इसके अलावा मार्च 2020 से मई 2020 तक बैंक की एक और फॉर्च्यूनर कार क्रमांक एमपी 07 सीएच 5709 भी अग्रवाल के परिवार की सेवा में ग्वालियर में लगाई गई थी इस गाड़ी पर हजारों रुपए का अपव्यय कर बैंक को लाखों की हानि पहुंचाई गई । इतना ही नहीं प्रदीप नीखरा ने अपनी कारस्तानियों को छुपाने के लिए भोपाल में भी आयुक्त डॉ अग्रवाल की सेवा में अपेक्स बैंक की गाड़ी के साथ-साथ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक विदिशा का एक वाहन क्रमांक एमपी 40 सीए 3671 और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक झाबुआ का एक वाहन क्रमांक एमपी 45 सीए 1479 लगाया हुआ था। इन वाहनों की कीमत की ब्याज पेटे एवं संचालन पेटे करीब 10 लाख से अधिक अपव्यय कर सरकारी बैंक को क्षति पहुंचाई है।

नीखरा ने कर्मचारियों को भी सेवा में लगाया :

अपेक्स बैंक के प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा ने वाहन के साथ ही डॉ एमके अग्रवाल की सेवा में अपेक्स बैंक के कर्मचारियों विजयश्री नायर एवं दिलीप शर्मा स्टेनो आदि की फौज को लगाकर उनके वेतन भत्ते करीब 20 लाख का नुकसान पहुंचाया।

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