Skip to main content

एक साल से भी ज्यादा समय से 108 एम्बुलेंस की टीम कर रही हैं कोरोना वॉरियर्स की तरह काम

 

• 108 एम्बुलेंस की टीम कोविड-19 से लड़ने के लिए पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता से कर रही है कार्य
• पिछले 1 साल में लगभग 96,000 से ज्यादा कोरोना संबंधित एवं कोविड-19 मरीजों को सेवा प्रदान की है

भोपाल । वर्तमान में देश के साथ ही पूरे मध्यप्रदेश में भी कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हर एक वर्ग के द्वारा सावधानी बरती जाए। साथ ही यह भी जरूरी हो जाता है कि हर ओर से सेवा कार्य जारी रहे। पूरे मध्यप्रदेश में 606 एम्बुलेंस सेवा संचालित होती है। जब भी कोई अपने नंबर से 108 पर कॉल करता है तो यह फोन सीधे भोपाल मुख्यालय पर पहुंचता है। जहां से कॉल आई है, उसके पास की लोकेशन पर तैनात एंबुलेंस को भेजा जाता है। अगर स्थानीय एंबुलेंस व्यस्त होती है, तो पास के कस्बे से गाड़ी भेजी जाती है। बीमार या घायल व्यक्ति की प्राथमिक चिकित्सा के लिए गाड़ी में संसाधन और तकनीकि अधिकारी तैनात रहता है।

समर्पण भाव से सेवा करने के क्रम में जीवनरक्षक 108 एम्बुलेंस का नाम भी आता है। यह एम्बुलेंस 1 साल के भी ज्यादा समय से पूरे मध्यप्रदेश में कोरोना वॉरियर्स की तरह अपनी निःशुल्क सेवाएं दे रही है। 108 एम्बुलेंस की टीम मध्यप्रदेश सरकार के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग की आभारी है, जिनकी मदद से इस महामारी के दौर में हम लोगों की सेवा कर रहे हैं। पिछले एक साल में 108 एम्बुलेंस के माध्यम से 96 हजार से ज्यादा कोरोना संबंधित मरीजों को घर से हॉस्पिटल और हॉस्पिटल से घर पहुंचाया गया है। वहीं, पिछले 1 महीने से प्रतिदिन  कई लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर यह अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। इसी कड़ी में 20 अप्रैल 2021 तक 108 एम्बुलेंस की टीम ने भोपाल में  लगभग  4634, इंदौर में  लगभग 5432, ग्वालियर में  लगभग 4673 और जबलपुर में  लगभग 3763 कोविड संबंधित मरीज़ो की सहायता की है।108 के द्वारा की जा रही जनसेवा आगे भी 24 घंटे और सातों दिन सतत जारी रहेगी।

 फ्रंटलाइन वॉरियर्स की भूमिका निभाती है 108 की टीम 

वर्तमान में जिकित्जा हेल्थकेयर ने पूरे प्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए अलग से 101 एम्बुलेंस की व्यवस्था की है। इन एम्बुलेंस में कोविड को ध्यान में रखते हुए सभी तरह के प्रोटोकॉल का पालन भी किया जाता है। ताकि मरीज को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आए। 108 एम्बुलेंस की टीम मरीज को घर से सुरक्षित अस्पताल पहुंचाती है। पिछले एक साल में 108 एम्बुलेंस की टीम ने फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाई है। यहां तक कि जिन जगहों पर सुविधाएं मिलना मुश्किल है, वहां 108 एम्बुलेंस की टीम ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए, कोरोना के संदिग्ध और पुष्टि वाले रोगियों को निकटतम सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित किया है।

जिकित्जा हेल्थ केयर के प्रोजेक्ट हेड जितेंद्र शर्मा ने बताया- "कोरोना काल के दौरान 108 टीम के सभी कर्मचारियों ने समर्पित होकर पूर्ण निष्ठा से काम किया है। 108 एम्बुलेंस की टीम मध्यप्रदेश सरकार के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग की आभारी है, जिनकी मदद से इस महामारी के दौर में हम लोगों की सेवा कर रहे हैं। मेरा सभी आम नागरिकों से निवेदन है कि यह समय मुश्किलों से भरा समय है इसलिए जरूरी है कि हम सभी मिलकर शासन-प्रशासन द्वारा जारी की गई कोरोना गाइडलाइन का पालन करें ताकि जल्द से जल्द हम इस महामारी को हरा पाएं। यदि आप भी किसी स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति का सामना करते हैं तो आप निःशुल्क जीवनरक्षक 108 एम्बुलेंस की सेवा ले सकते हैं।

रियल टाइम मॉनिटरिंग सेल

ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर द्वारा रियल टाइम मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया है जिसके कारण मरीज तक पहुंचने का एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम हो गया है। इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 50 सीटर सेटअप बनाया गया है, जहां से जीपीएस के माध्यम से इन एम्बुलेंस की मॉनिटरिंग की जाती है। स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट के तहत, नवजात बीमार बच्चों को अस्पताल से घर लाने और बीमार होने या चेकअप कराने के लिए दोबारा अस्पताल लाने- ले जाने के लिए लोगों को अक्सर परेशान होना पड़ता था। अब उनकी यह परेशानी कम हो गई है क्योंकि 108 एम्बुलेंस और जननी एक्सप्रेस के एम्बुलेंस वाहन नवजातों के लिए परिवहन सुविधा भी मुहैया करा रहे है ।

अब 108 की रिस्पॉन्स टीम गर्भवती को डिलीवरी के 2 या 4 दिन पहले फोन कर बताएगी की आपकी डिलीवरी की तारीख क्या है। इस दिन एम्बुलेंस की जरूरत पड़ने पर 30 मिनट पहले 108 नंबर पर कॉल कर इस निःशुल्क सुविधा का लाभ लिया जा सकता है।

एम्बुलेंस में संक्रमण रोकने के लिए सुरक्षा उपाय 

किसी भी प्रकार का संक्रमण ना फैले इसलिए हमने एंबुलेंस को दो भागों में बांटा गया है, इसमें से 101 एंबुलेंस सिर्फ कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही हैं बाकी की 505 एंबुलेंस अन्य आपातकालीन स्थिति में सेवाएं दे रही हैं जैसे कि प्रेगनेंसी ,हार्ट अटैक, एक्सीडेंट आदि। कोरोना मरीजों को हॉस्पिटल लाने के साथ उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उनको हॉस्पिटल से घर पर  छोड़ने का कार्य भी 108 इमरजेंसी एम्बुलेन्स द्वारा किया जा रहा है।

स्वच्छता और कर्मचारियों की सुरक्षा का रखा जाता है विशेष ध्यान 

जहाँ इस आपातकालीन स्थिति में 108 एंबुलेंस कर्मचारी प्रशासन के साथ मिल कर मानव सेवा का कार्य पूरी प्रतिबद्धता और सावधानियों से कर रहे हैं। वहीं, इसके तहत गंभीर मरीजों को लेकर आने वाले 108 स्टाफ को कोरोना से बचाव के लिए और उनकी सुरक्षा हेतु सभी एम्बुलेंस को आवश्यक वस्तुए भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्हें फेस मास्क, हैंड ग्लव्स, सेनिटाइजर, पीपीई किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जा रही है और एम्बुलेन्स हर एक केस के तुरंत बाद सैनिटाइज भी किया जा रहा है। साथ ही साथ बाकी सारी सावधानियों एवं निर्देशों का पालन किया जा रहा है जिससे संक्रमण रोका जा सके। इसके साथ ही, ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड की टीम हर एंबुलेंस कर्मचारी एवं उनके परिवार साथ खड़ी है और पहले भी जब किसी कर्मचारी के साथ कोई परेशानी तो भी कर्मचारियों और उनके परिवार की आर्थिक मदद के लिए कंपनी ने हाथ आगे बढ़ाएं हैं और आगे भी इस क्रम को जारी रखेगी।

Comments

Popular posts from this blog

हेयर ट्रीटमेंट को लेकर सजग हो रहे लोग : राज श्रीवास

सुनीता ब्यूटी एकेडमी द्वारा दो दिवसीय हेयर मास्टर क्लॉस का आयोजन भोपाल। सौंदर्य के क्षेत्र में कार्यरत राजधानी की जानीमानी संस्था सुनीता ब्यूटी एकेडमी भोपाल द्वारा आनंद नगर में प्रारम्भ किए गए अपने नवीन आउटलेट में 2 दिन का हेयर आर्टिस्ट डिप्लोमा क्लॉस आयोजित किया गया। उक्त जानकारी देते हुए सुनीता ब्यूटी एकेडमी भोपाल की संस्थापक सुनीता सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ के हेयर गुरु के नाम से मशहूर तथा  जानेमाने हेयर एक्सपर्ट राज श्रीवास के मार्गदर्शन में दो दिवसीय हेयर मास्टर क्लॉस और हेयर आर्टिस्ट डिप्लोमा क्लॉस का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय सत्र में पहले दिन इंटरनेशनल  हेयर कट टेक्निक, एडवांस ब्लो ड्राई स्टाइलिंग, इंटरनेशनल  हेयर कलर टेक्निक, ऑफ्टर कलर स्टाइलिंग, कलर केयर एंड टेक्निक की जानकारी दी जी। वहीं सत्र के दूसरे दिन हेयर नैनो प्लास्टिया ट्रीटमेंट, मेगा साइन ट्रीटमेंट,  इको प्लास्टिया ट्रीटमेंट, हेयर बोटोक्स ट्रीटमेंट, हेयर कॉलेजेन ट्रीटमेंट,  फ्रिज़ ऑट हेयर ट्रीटमेंट की जानकारी सभी ब्यूटी आर्टिस्टों की दी गई। ब्यूटी एक्सपर्ट सुनीता सिंह और गायत्री मालवीय द्...

जेल के अन्दर का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर जेल की सुरक्षा के साथ किया खिलवाड़ : मिर्ची बाबा

मिर्ची बाबा ने केंद्रीय जेल अधीक्षक के कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल कहा, कैदियों के पेट काटकर उनकी स्वंत्रता और गरिमा तथा जेल की गोपनीयता कर रहे भंग भोपाल। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने केंद्रीय जेल भोपाल के अधीक्षक पर कैदियों के पेट काटकर उनकी स्वंत्रता और गरिमा तथा जेल की गोपनीयता कर रहे भंग करने का आरोप लगाया है। मिर्ची बाबा ने कहा कि मुझे विशेष सूत्रों के माध्यम से पता चला है कि जेल में बंद कैदियों के पेट का हक काट कर जेल अधीक्षक ने कथावाचक  अनिरुद्धाचार्य की कथा का आयोजन केंद्रीय जेल में किया गया एवं कथा के दौरान संबंधित कैदियों से समव्यावहार व बातचीत का वार्तालाप कथावाचक के यूट्यूब चैनल पर भी चलाया जा रहा है । मिर्ची बाबा ने कहा कि केन्द्रीय जेल भोपाल में वर्ष 2023 में कथावाचक हरि ठाकुर चंडीगढ़ एवं वर्ष 2024 में कथावाचक आचार्य अनिरुद्धाचार्य की बड़े स्तर पर दो भागवत कथाओं का आयोजन किया गया था। सवाल यह उठता है कि आयोजन में खर्च की गई राशि और उसकी अनुमति क्या प्रशासन से ली गई थी।  उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन के...

भूमि पूजन करने आईं मंत्री, मधुमक्खियों ने लगवा दी दौड़

जान बचाकर दौड़ीं, काम नहीं आई सरकारी सुरक्षा व्यवस्था  मंच से शुरू हुआ मधुमक्खियों का कहर, मच गई भगदड़ सतना (मध्य प्रदेश)।  नेता और मंत्री जहां जाते हैं, वहां सुरक्षा का इतना कड़ा घेरा होता है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन सतना में मधुमक्खियों ने इस सुरक्षा का ऐसा मजाक उड़ाया कि मंत्री और अधिकारी तक जान बचाकर भागने पर मजबूर हो गए! शुक्रवार को सतना के सिविल लाइन इलाके में बन रहे शहीद स्मृति पार्क का भूमि पूजन समारोह था। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी जैसे ही पूजा की तैयारी करने लगीं, अचानक सैकड़ों मधुमक्खियों का झुंड वहां आ धमका। मधुमक्खियों ने बिना किसी चेतावनी के ऐसा हमला किया कि पूरा कार्यक्रम स्थल जंग का मैदान बन गया। अफसर, नेता, सुरक्षा गार्ड—जो जहां था, वही से अपनी जान बचाने भागा! मंत्री प्रतिमा बागरी भी दौड़ती नजर आईं, उनके साथ अधिकारियों की भी हालत खराब हो गई। सुरक्षा बेबस, मंत्री को भी भागना पड़ा मंत्री और अधिकारी अक्सर वीआईपी सुरक्षा घेरे में चलते हैं, लेकिन यहां मधुमक्खियों ने सारी व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया। गार्ड, पुलिसकर्मी भी बचने के लिए इधर-उधर भागते दिखे। ...