-चित्र भारती राष्ट्रिय लघु फिल्म उत्सव-2022 के मोबाइल एप्प का लोकार्पण, ‘भारतीय सिनेमा, इन्टरनेट, ओटीटी–भविष्य की दिशा’ विषय पर वक्ताओं ने रखे विचार
भोपाल। भारतीय चित्र साधना के प्रतिष्ठित ‘चित्र भारती राष्ट्रीय लघु फिल्मोत्सव-2022’ के एप्प के लोकार्पण समारोह में मध्यप्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि चित्र भारती राष्ट्रीय विचार और भाव को लेकर चल रही है। सिनेमा में भारतीय विचार को प्राथमिकता मिले, यह आज की आवश्यकता है। इस दौर में फ़िल्मी जगत की जो स्थिति बनी है, उसमें चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल जैसे आयोजनों की आवश्यकता है। भारत भवन में आयोजित चित्र भारती के एप्प लोकार्पण के अवसर पर फिल्म फेस्टिवल की आयोजन समिति के अध्यक्ष दिलीप सूर्यवंशी, प्रख्यात अभिनेता पवन मल्होत्रा और जनसंपर्क आयुक्त सुदाम खाडे भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वास सारंग ने कहा कि सिनेमा समाज को सिर्फ उसकी स्थिति ही नहीं बताता है बल्कि समाज को कैसा होना चाहिए, यह भी बताता है। समाज को दिशा देना ही सिनेमा की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि फिल्मों से जुड़े व्यक्ति को यह विचार करना चाहिए कि उसका व्यक्तित्व ऐसा हो जो युवा पीढ़ी को सही मार्ग पर लेकर जाए क्योंकि युवा फ़िल्म कलाकारों से प्रेरणा लेते हैं।
मध्यप्रदेश को लेकर भारतीय सिनेमा में पैदा हो रहा है नया विश्वास : श्री सूर्यवंशी
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दिलीप सूर्यवंशी ने कहा कि मध्यप्रदेश और भोपाल को लेकर भारतीय सिनेमा में एक नया विश्वास पैदा हो रहा है। बड़े फ़िल्म निर्देशक मध्यप्रदेश में अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चित्र भारती के इस प्रतिष्ठित फिल्मोत्सव से भोपाल सहित समूचे मध्यप्रदेश को देश में एक नई पहचान मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो अपने अतीत से जुड़ा रहता है, उसका वर्तमान और भविष्य स्वर्णिम रहता है। कार्यक्रम के पूर्व में स्वागत उद्बोधन जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाडे ने दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में फ़िल्म निर्माण का वातावरण बन रहा है। राष्ट्रीय स्तर का यह आयोजन मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है।
छोटे शहरों/कस्बों की प्रतिभाएं हैं मुंबई में : श्री मल्होत्रा
विशिष्ट अतिथि एवं फिल्म अभिनेता पवन मल्होत्रा ने कहा- आप मुंबई आकर देखिये कि छोटे शहरों/कस्बों की लड़कियां और लड़के शो चला रहे हैं। सिनेमा जगत के महत्वपूर्ण कार्य इसी तरह के नौजवान कर रहे हैं। अपनी प्रतिभा को पहचाने, अवसर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शॉर्ट फिल्म में निर्माता को बहुत सीमित समय में अपनी बात कहनी होती है। सिनेमा के माध्यम से संस्कृति संवर्धन की बात करते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि हमारी संस्कृति नहीं बचेगी तो हम भी नहीं बचेंगे। इसलिए अपनी संस्कृति को बचाएं और उसका संवर्धन करें। हमारी संस्कृति विज्ञान सम्मत है। उन्होंने कहा कि 'अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों' गीत की इस पंक्ति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। जो देश हमें सौंपा गया, उसके लिए हम क्या कर रहे हैं?
फिल्म फेस्टिवल की सम्पूर्ण जानकारी ‘चित्र भारती एप्प’ पर : श्री शुक्ला
समारोह में लोकार्पित चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल से सम्बंधित एप्प की जानकारी देते हुए चाणक्य शुक्ला ने कहा कि चित्र भारती का यह एप्प नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। यह एप्प एंड्राइड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम वाले मोबाइल फोन पर उपयोग किया जा सकेगा। इस एप्प पर फिल्म फेस्टिवल की सम्पूर्ण जानकारी रहेगी। एप्प के माध्यम से प्रतिभागी मास्टर क्लास, फिल्मों की स्क्रीनिंग, कार्यक्रम स्थलों की जानकारी, अभ्यागत फ़िल्म अभिनेताओं, कलाकारों और विषय विशेषज्ञों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही एप्प पर पंजीयन कर फ़िल्म फेस्टिवल के वॉलेंटियर बन सकते हैं। एप्प के माध्यम से प्रतिभागी विभिन्न कार्यक्रमों के संबंध में अपना फीडबैक दे भी सकते हैं और फेस्टिवल के सम्बन्ध में अपनी स्टोरी शेयर कर सकते हैं।
फेस्टिवल में आई हैं 600 से अधिक फ़िल्में : गंगवार
भारतीय चित्र साधना के महासचिव अतुल गंगवार ने बताया कि 18 से 20 फरवरी, 2022 को भोपाल में होने जा रहे चित्र भारती राष्ट्रीय लघु फिल्म उत्सव के लिए देशभर से 600 से अधिक शार्ट फ़िल्में प्राप्त हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि चित्र भारती के माध्यम से फ़िल्म के क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ युवाओं को लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस फेस्टिवल में देश के बड़े फ़िल्म कलाकारों एवं फ़िल्म निर्माताओं से मिलने का अवसर मिलेगा।
देश और समाज हित में ओटीटी प्लेटफार्म पर नियंत्रण आवश्यक
चित्र भारती के एप्प लोकार्पण के अवसर पर ‘भारतीय सिनेमा, इन्टरनेट, ओटीटी- भविष्य की दिशा’ विषय पर परिसंवाद का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रखर श्रीवास्तव ने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्म का सहारा लेकर एक विचारधारा भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्रीयता की जड़ें खोदने का काम कर रही है। जब हम वर्तमान को नहीं देखेंगे, उसे सुधरेंगे नहीं तो भविष्य की चिंता कैसे करेंगे। भविष्य को सुधारना है तब आवश्यक है ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण लगाया जाए। उन्होंने कहा कि नियंत्रण अभिव्यक्ति और रचनात्मक स्वतंत्रता को बाधित नहीं करता है। नियंत्रण एक हद तक अनुशासन भी बनाता है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक अभिव्यक्ति के नाम पर वेबसीरीज के माध्यम से भारत विरोधी विचार को आगे बढ़ाया जा रहा है। वेबसीरिज की शुरुआत ही झूठ से होती है। ये बताती हैं कि यह कहानी काल्पनिक हैं लेकिन ये तत्कालीन घटनाओं को आधार बनाती हैं और उस घटना के सच को छिपाकर, एक विशेष प्रकार के झूठ को गढ़ा जाता है। उन्होंने फैमिलीमैन, पाताललोक, तांडव और लैला से लेकर कई वेबसीरिज के उदाहरण देकर बताया कि कैसे चालाकी के साथ हिन्दू धर्म और भारतीयता के विचार पर हमला किया जा रहा है।
इस अवसर पर सोशल मीडिया विशेषज्ञ नितिन शुक्ला ने कहा कि आज प्रत्येक व्यक्ति सिनेमा की पहुंच में है। पहले सिनेमा पर कुछ लोगों का विशेषाधिकार था लेकिन सोशल मीडिया जैसे नए माध्यमों ने इस वर्चस्व को तोड़ दिया। अब साधारण लोग अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उनके काम को करोड़ों व्यूज और लाइक मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी फिल्मों में भारतीयता के विचार को केंद्र में रखकर चलना चाहिए। इस अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश एवं संस्कृति विभाग के संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शुभम चौहान तामोट ने किया और आभार प्रदर्शन आयोजन समिति के सचिव अमिताभ सोनी ने किया। कार्यक्रम में फिल्म और कला क्षेत्र के प्रमुख लोग एवं विभिन्न शिक्षा संस्थाओं के युवा फिल्म निर्माता और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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