सिंहस्थ-2028: एआई और आईटी से होगा ऐतिहासिक और भव्य आयोजन



भोपाल | सिंहस्थ-2028 को श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय और दिव्य अनुभव बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आयोजन की व्यवस्थाओं को आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित करने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और सुगमता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित नवीनतम तकनीकों का व्यापक उपयोग किया जाएगा।
बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंहस्थ-2028 की व्यवस्थाओं की रूपरेखा पर चर्चा की। उन्होंने आवागमन, पार्किंग, स्नान, भीड़ प्रबंधन, आवास, स्वच्छ पेयजल, भोजन, चिकित्सा सुविधाओं और अपशिष्ट प्रबंधन को अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ-2028 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आधुनिक तकनीकों और भारतीय परंपराओं का अद्भुत संगम होगा, जो इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बनाएगा। बैठक में मुख्य सचिव  अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। प्रदेश सरकार की इस पहल से सिंहस्थ-2028 स्मार्ट, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनकर विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणादायी अनुभव बनने की ओर अग्रसर है।

स्मार्ट ट्रांसपोर्ट से सुगम यात्रा

बैठक में आईआईटी एल्यूमिनाए काउंसिल के सतीश मेहता ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित स्मार्ट ट्रांसपोर्ट का प्रस्ताव रखा, जिसके तहत श्रद्धालुओं के लिए सोलर गोल्फ कार्ट, इलेक्ट्रिक मिनी बसें और 9 मीटर लंबी बसों का संचालन किया जाएगा। यह सुविधा देवास, इंदौर और ओंकारेश्वर से उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शहरी क्षेत्र में लागू करने के निर्देश दिए।

आधुनिक तकनीकों से होगा कुंभ का स्मार्ट प्रबंधन 

-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित भीड़ नियंत्रण प्रणाली से श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन और स्नान का अवसर मिलेगा।
-स्मार्ट हेल्थकेयर सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निगरानी से आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं त्वरित रूप से उपलब्ध होंगी।
-आधुनिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों से अपशिष्ट प्रबंधन और सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।

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